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Delhi Mayor Election: बिना केजरीवाल के नहीं हो पाएंगे चुनाव, 21 दिन में ले लिया होता फैसला तो न बनती ये स्थिति

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Sat, 01 Jun 2024 09:03 PM IST
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सार

पीठासीन अधिकारी नामित करने से जुड़ी फाइल पर सीएम के हस्ताक्षर जरूरी हैं। पिछली बार सीएम के हस्ताक्षर नहीं थे, जिस कारण एलजी ने पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया और चुनाव स्थगित हो गए। 

Confusion over mayor election due to Kejriwal going to jail CM signature is necessary on the file related to n
अरविंद केजरीवाल - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से मेयर चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। रविवार को अरविंद केजरीवाल की बेल की अवधि पूरी हो गई, वह फिर से न्यायिक हिरासत में जेल जाएंगे। उन्हें आम चुनाव में प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से 21 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन इस बीच मेयर कार्यालय की ओर से मेयर चुनाव की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई।

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दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो गया है। अगले मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव होने तक पिछले वित्त वर्ष की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल कार्यभार संभाले रहेंगे। ऐसे में नए मेयर के चुनाव के लिए मौजूदा मेयर को सदन की मीटिंग की तारीख तय करनी होगी। मेयर कार्यालय से निगम सचिव कार्यालय को जो तारीख तय कर दी जाएगी, उस तारीख को मेयर का चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नामित करने से जुड़ी फाइल निगम सचिव कार्यालय से एलजी कार्यालय को भेजी जाएगी। यह फाइल दिल्ली के शहरी विकास विकास विभाग, सीएम कार्यालय से होकर दिल्ली के मुख्य सचिव के जरिए एलजी कार्यालय पहुंचेगी। इसी रास्ते फिर से ये फाइल लौटकर निगम सचिव कार्यालय आएगी।

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फाइल पर सीएम के हस्ताक्षर जरूरी
पीठासीन अधिकारी नामित करने से जुड़ी फाइल पर सीएम के हस्ताक्षर जरूरी हैं। पिछली बार सीएम के हस्ताक्षर नहीं थे, जिस कारण एलजी ने पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया और चुनाव स्थगित हो गए। मेयर कार्यालय ने दोबारा चुनावी प्रक्रिया शुरू की होती तो संभव था कि सीएम की अंतरिम जमानत अवधि में ही पीठासीन अधिकारी से जुड़ी फाइल पर उनके हस्ताक्षर भी हो जाते। दिल्ली में मेयर का चुनाव होना जरूरी है। इसलिए सीएम की अंतरिम जमानत के संबंध में कोर्ट के निर्देश के मुताबिक एलजी की अनुमति से सीएम अरविंद केजरीवाल पीठासीन अधिकारी नामित करने से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते थे। लेकिन चुनाव की प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई।

एमसीडी का काम काज प्रभावित
दिल्ली में साफ-सफाई, मच्छर-जनित बीमारियों के खिलाफ कार्रवाई और लैंडफिल साइटों पर कचरा प्रसंस्करण का काम धीमा पड़ गया है। विपक्षी ने आरोप लगाया है कि मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने एमसीडी के विभागों से जुड़े कामकाज को लेकर अधिकारियों के साथ बैठकें बंद कर दी हैं। बिना नेतृत्व के निगम के अधिकारी मनमानी कर रहे। इन दिनों जनता की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं।

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