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1984 Sikh Riots: कांग्रेस नेता जगदीश टाइलर पर हत्या और अन्य आरोप तय, कोर्ट ने दिया मुकदमा चलाने का आदेश
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: श्याम जी.
Updated Fri, 13 Sep 2024 09:57 PM IST
सार
अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य आरोपों के आरोप तय कर दिया। अदालत के पूछने पर टाइटलर ने स्वयं को बेकसूर बताते हुए मुकदमे का सामना करने का तर्क रखा।
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कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य आरोपों के आरोप तय कर दिए। अदालत के पूछने पर टाइटलर ने स्वयं को बेकसूर बताते हुए मुकदमे का सामना करने का तर्क रखा। आखिर अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया है।
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विशेष न्यायाधीश राकेश सियाल के समक्ष कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पेश हुए। अदालत ने उनसे पूछा कि आप के खिलाफ 143, 153ए, 188, 149, 380 और 436 के साथ 302 और 109 के तहत हत्या, दंगा व हत्या के लिए उकसाने इत्यादि आरोप में मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य क्या वे अपना अपराध कबूल करते है। टाइटलर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया। यह मामला 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के पास तीन सिखों की हत्या से संबंधित है।
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अदालत ने उनके तर्क पर टाइटलर के खिलाफ अभियोग तय करते हुए अभियोजन पक्ष को मामले में गवाहों को पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर तय कर दी। अदालत ने 30 अगस्त को कहा था कि आरोपी के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं। उन्हें आईपीसी की धारा 148 के तहत बरी कर दिया गया है।
यह मामला बादल सिंह, सरदार ठाकुर सिंह और गुरबचन सिंह की जलाकर हत्या और 1 नवंबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाने से संबंधित है। दिल्ली पुलिस ने उसी दिन मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नानावटी आयोग की सिफारिशों पर नवंबर 2005 में नए सिरे से मामला दर्ज किया, जिसका गठन 2000 में किया गया था और जिसने पांच साल बाद अपनी रिपोर्ट पेश की थी। हालांकि पहले टाइटलर के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई थी।
ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल 26 जुलाई को मामले में दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लिया और टाइटलर को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया। टाइटलर ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की। पिछले साल अगस्त में सत्र अदालत ने मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी। अदालत ने उन्हें 1 लाख के निजी मुचलके और उसी राशि की जमानत दी थी।
चार्जशीट में कहा गया है कि सीबीआई ने छह गवाहों की गवाही के आधार पर अपराध स्थल पर टाइटलर की मौजूदगी की पुष्टि की, जिनमें से चार ने उन्हें भीड़ को उकसाते हुए देखा। सीबीआई मई 2023 में दायर अपनी चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर पर 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारे के पास एकत्रित हुई भीड़ को दंगा करने के लिए उकसाने, भड़काने का आरोप लगाया था।
आरोपपत्र में कहा गया है कि एक गवाह ने आरोप लगाया गया था कि टाइटलर गुरुद्वारे के सामने एक सफेद एंबेसडर कार से उतरे और चिल्लाते हुए भीड़ को उकसाया कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मा की हत्या की है! प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा पिछले दिन की गई हत्या से पहले से ही गुस्साई भीड़ ने तीन लोगों की हत्या कर दी। अधिकांश गवाहों ने कहा कि वे यह सुनने में विफल रहे कि टाइटलर ने भीड़ से क्या कहा, लेकिन उन्होंने उसे कार से उतरते और भाषण देते हुए देखा, जिससे उत्पात मच गया।