सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Delhi High Court has ordered that it is necessary to remove encroachment from Barapula drain

Delhi high court: बारापुला नाले से अतिक्रमण हटाना जरूरी, 1 जून से करें कार्रवाई; हाईकोर्ट का आदेश

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Tue, 13 May 2025 04:58 AM IST
विज्ञापन
सार

कोर्ट ने डीडीए, एमसीडी, डीयूएसआईबी, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली सरकार को 10 मई से 12 मई तक दो शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया। एक शिविर नरेला में फ्लैटों का कब्जा पत्र सौंपने के लिए लगगा, जबकि दूसरा ऋण स्वीकृति के लिए बैंक अधिकारियों की उपस्थिति में लगेगा।

Delhi High Court has ordered that it is necessary to remove encroachment from Barapula drain
अदालत(सांकेतिक) - फोटो : अमर उजाला
loader

विस्तार
Follow Us

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में मद्रासी कैंप की सार्वजनिक भूमि पर हुए अतिक्रमण को 1 जून से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बारापुला नाले को अवरुद्ध होने से बचाने और मानसून में जलभराव रोकने के लिए निवासियों के नरेला में पुनर्वास को जरूरी बताया। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण व्यवस्थित तरीके से हो, लेकिन नाले की सफाई के लिए मद्रासी कैंप के निवासियों का पुनर्वास जरूरी है। कोई भी निवासी पुनर्वास के अधिकार से आगे कोई दावा नहीं कर सकता, क्योंकि यह सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण है।

विज्ञापन
Trending Videos


कोर्ट ने डीडीए, एमसीडी, डीयूएसआईबी, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली सरकार को 10 मई से 12 मई तक दो शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया। एक शिविर नरेला में फ्लैटों का कब्जा पत्र सौंपने के लिए लगगा, जबकि दूसरा ऋण स्वीकृति के लिए बैंक अधिकारियों की उपस्थिति में लगेगा। पीठ ने स्पष्ट किया कि मद्रासी कैंप के अधिकांश निवासियों को पुनर्वास प्रक्रिया की जानकारी है, क्योंकि उन्होंने पात्रता निर्धारण के लिए आयोजित सर्वेक्षण में हिस्सा लिया था। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई निवासी सर्वेक्षण से छूट गया है, तो डीयूएसआईबी द्वारा उनकी पात्रता का आकलन किया जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन


अदालत ने यह भी नोट किया कि सितंबर 2024 से ध्वस्तीकरण को स्थगित रखा गया था। मानसून के निकट आने के कारण नरेला में पुनर्वास को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कोर्ट ने कहा कि बारापुला नाले की समयबद्ध सफाई आसपास के क्षेत्रों में जलभराव रोकने के लिए अनिवार्य है। यह आदेश यमुना में गिरने वाले नालों पर अनधिकृत अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

भारतीय संस्था को मैक्स मूलर नाम का इस्तेमाल न करने का निर्देश
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने गोएथे इंस्टीट्यूट को मैक्स मूलर नाम को लेकर हुए विवाद में राहत दी है। अदालत ने जर्मन सांस्कृतिक संगठन गोएथे इंस्टीट्यूट के ट्रेडमार्क मामले में भारतीय संस्था को ‘’मैक्स मूलर’’ और ‘’मैक्स मूलर इंस्टीट्यूट’’ नामों का उपयोग करने से रोक दिया है। यह फैसला गोएथे इंस्टीट्यूट द्वारा दायर एक मुकदमे के बाद आया है, जिसमें उसने दावा किया था कि प्रतिवादी संस्था ने उसके ट्रेडमार्क का अनुचित उपयोग कर उसकी पहचान का दुरुपयोग किया। गोएथे इंस्टीट्यूट जर्मनी का प्रसिद्ध सांस्कृतिक संगठन है। संगठन ने भारत में अपनी गतिविधियां 1957 में कोलकाता में मैक्स मूलर भवन के नाम से शुरू की थीं। यह संगठन जर्मन भाषा के पाठ्यक्रम और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए जाना जाता है। गोएथे-इंस्टीट्यूट ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी संस्था (अभिषेक यादव और अन्य द्वारा संचालित) ने मैक्स मूलर नाम का उपयोग कर जर्मन भाषा प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान कीं, जिससे लोगों में भ्रम पैदा हुआ और संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करण की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम दृष्टया गोएथे-इंस्टीट्यूट ने अपनी प्राथमिकता, सद्भावना और प्रतिष्ठा को दस्तावेज के आधार पर स्पष्ट रूप से स्थापित किया है। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed