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Delhi Blast: उपराज्यपाल ने पुलिस को दिए निर्देश- अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर सख्त निगरानी की जाए

पीटीआई, दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Fri, 21 Nov 2025 11:08 AM IST
सार

जांच में सामने आया है कि डॉ. शाहीन ने अपनी टीम में लड़कियों को शामिल करने का भी प्लान तैयार किया था। इसके तहत उसने कुछ लड़कियों की लिस्ट भी बनाई थी, जिसका जिक्र उसकी डायरी में भी है।

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Delhi LG asks police to maintain record of entities dealing in ammonium nitrate beyond certain limit
एलजी वीके सक्सेना - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली के उपराज्यपाल ने लाल किला क्षेत्र में हाल ही में हुए विस्फोट के मद्देनजर, पुलिस को अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक रसायनों के निश्चित सीमा से अधिक की बिक्री का रिकॉर्ड बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह आदेश सुरक्षा चिंताओं को दूर करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

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...तो और बढ़ता अल फलाह का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल
फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से सामने आए व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल को पकड़ने में कुछ और समय सुरक्षा एजेंसियों को लगता तो इनका नेटवर्क कई गुणा बढ़ सकता था। डॉ. मुज्जमिल, डॉ. उमर व डॉ. शाहीन आदि इस नेटवर्क को तेजी से फैला रहे थे। इस काम में उनकी मदद इलाके का मौलवी इश्तियाक मोहम्मद खुलकर करने लगा था। वह इलाके के रहने वाले 10 से अधिक लोगों की मुलाकात इस मॉड्यूल के डॉक्टरों से करा चुका था।

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सबसे अहम भूमिका में था डॉ. मुजम्मिल
अल फलाह यूनिवर्सिटी के इस टेरर मॉड्यूल में फिलहाल सबसे अहम भूमिका डॉ. मुजम्मिल की थी। वो ही पाकिस्तानी हैंडलर से सबसे अधिक संपर्क में रहता था। उसी के पास हवाला नेटवर्क के जरिये रुपये आते थे। यहां तक कि विस्फोटक व हथियार इकट्ठा कर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर छुपाने की जिम्मेदारी भी डॉ. मुज्जमिल के पास ही थी। धौज और फतेहपुर तगा गांव के दोनों लोकेशन पर मिले 2900 किलो से अधिक विस्फोटक को उसने ही यहां छुपाया हुआ था। इन दोनों लोकेशन को उसने ही किराये पर लिया था।

दोस्त बनाकर खरीदी सिम
जांच एजेंसी के सूत्रों की माने तो धौज के रहने वाले सब्बीर को एनआईए ने हिरासत में लिया है। सब्बीर की गांव में ही मोबाइल की दुकान है। करीब 8 महीने पहले डॉ. मुजम्मिल अपना मोबाइल रिपेयर कराने सब्बीर की दुकान पर गया था। इसके बाद डॉ. मुजम्मिल कई बार धौज में सब्बीर की दुकान पर गया और यहीं से उसने कई मोबाइल सिम खरीदी थी।

साथ ही, धौज के रहने वाले इकबाल मद्रासी से भी डॉ. मुजम्मिल ने बिना कोई आईडी दिए कमरा किराए पर लिया था। मद्रासी की मुलाकात अस्पताल में सितंबर महीने में बुखार की दवाई लेने के दौरान डॉ. मुज्जमिल से हुई थी।

यूनिवर्सिटी से किसी भी महिला डॉक्टर या छात्रा को नेटवर्क में शामिल नहीं कर पाए आरोपी
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने अपनी टीम में लड़कियों को शामिल करने का भी प्लान तैयार किया था। इसके तहत उसने कुछ लड़कियों की लिस्ट भी बनाई थी, जिसका जिक्र उसकी डायरी में भी है।

इसके अलावा, किसको कितने पैसे की मदद करनी है, इसका फैसला भी डॉ. शाहीन और उमर नबी मिलकर ही करते थे। शाहीन लड़कियों की टीम बनाने में कामयाब नहीं हुई और वे यूनिवर्सिटी से किसी भी महिला डॉक्टर, स्टॉफ या छात्रा को अपने नेटवर्क में शामिल नहीं कर पाए।

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