Air Quality: स्थानीय कारकों के कारण दिल्ली की हवा अधिक जहरीली, कल हालात 'गंभीर' होने का अंदेशा... रहें सावधान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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राजधानी में हवा की गति सुस्त पड़ने व स्थानीय कारकों के कारण हवा जहरीली है। बृहस्पतिवार को हवा गंभीर श्रेणी की दहलीज पर पहुंच गई। सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। वहीं, आसमान में कुहासे के साथ स्मॉग की चादर भी दिखाई दी। इस कारण दृश्यता भी कम रही। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। साथ ही, सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 391 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें बुधवार की तुलना में 1 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में गाजियाबाद की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 430 दर्ज किया गया, यह गंभीर श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 380, गुरुग्राम में 302 और नोएडा में 408 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 255 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 17.34 फीसदी रहा। इसके अलावा, पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण 2.88, निर्माण गतिविधियां से होने वाला 2.51 और कूड़ा जलाने की भागीदारी 1.68 फीसदी रही। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
नवंबर-दिसंबर के सभी आउटडोर खेल स्थगित करने के निर्देश
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्दियों के मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को पत्र लिखकर नवंबर और दिसंबर महीने में होने वाली सभी शारीरिक खेल प्रतियोगिताओं एवं आउटडोर खेल गतिविधियों को स्थगित करने का निर्देश दिया है।
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों के अनुपालन में लिया गया है। उसमें कोर्ट ने बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे गंभीर प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी। सीएक्यूएम ने शिक्षा मंत्रालय, खेल प्राधिकरण (एसएआई) और संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ आपात परामर्श बैठक भी की।
आयोग के अनुसार, जिन क्षेत्रों में एक्यूआई गंभीर या बहुत खराब श्रेणी में रहेगा वहां बच्चों को खुले मैदान में खेलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आयोग ने कहा कि खेल आयोजनों के स्थगन से किसी भी छात्र-खिलाड़ी को शैक्षणिक या खेल करियर में नुकसान नहीं होना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकारें आयोजनों को पुनर्निर्धारित करें।
पीएम 2.5 व पीएम 10 के खतरे को कम कर रहा स्मॉग टावर
नई दिल्ली। आनंद विहार में स्थापित स्मॉग टावर ने पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को 20 प्रतिशत तक कम किया है। हालांकि, इसके संचालन और रखरखाव पर हर महीने लगभग 11-12 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। आरटीआई के जवाब में इसका खुलासा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आरटीआई के जवाब में बताया कि यह आकलन आईआईटी-बॉम्बे व आईआईटी-दिल्ली द्वारा किए गए मूल्यांकनों पर आधारित है। सीपीसीबी ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड मौजूदा समय में 10.27 लाख रुपये प्रति माह की दर से टावर का संचालन कर रही है, जिसमें बिजली शुल्क, जीएसटी, कर और एनबीसीसी को देय आठ प्रतिशत परियोजना प्रबंधन परामर्श (पीएमसी) शुल्क शामिल नहीं है।
सीपीसीबी के अनुसार, स्मॉग टावर परियोजना की कुल लागत लगभग 21-22 करोड़ रुपये है, जिसमें निर्माण लागत के रूप में 18.52 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अलावा, एनबीसीसी का आठ प्रतिशत पीएमसी शुल्क भी इसमें जोड़ा गया है। आरटीआई दाखिल करने वाले पर्यावरणविद् अमित गुप्ता ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ब्यूरो