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Delhi: निजी विद्यालयों को स्कूल व जिला स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति बनाना अनिवार्य, आदेश तत्काल प्रभाव से लागू

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 25 Dec 2025 02:08 AM IST
सार

सरकार के इस कदम से कोई भी निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस को नहीं बढ़ा सकेगा।

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Delhi: Private schools are now required to form school and district-level fee fixation committees
मंत्री आशीष सूद - फोटो : X/@ashishsood_bjp
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विस्तार
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दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों में मनमानी फीस बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाते हुए निजी स्कूलों के लिए स्कूल स्तर व जिलास्तर पर शुल्क निर्धारण समिति बनाना अनिवार्य किया है। सरकार ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं। सभी निजी स्कूलों को इस आदेश के 15 दिन के भीतर (10 जनवरी 2026) तक 11 सदस्यीय कमेटी का गठन करना होगा। सरकार के इस कदम से कोई भी निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस को नहीं बढ़ा सकेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का पालन नहीं करने पर स्कूल शिक्षा फीस निर्धारण और नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस एक्ट 2025 और इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए स्कूल स्तर और जिला स्तर पर दो महत्वपूर्ण समितियों, स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी और डिस्ट्रिक्ट लेवल फीस अपीलेट कमेटी का गठन अनिवार्य किया गया है। सरकार ने यह कदम अभिभावकों को राहत देने और मनमानी फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए उठाया है।
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इस संबंध में शिक्षा निदेशक वेदिथा रेड्डी की ओर से एक आदेश भी जारी किया है जो कि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके अनुसार स्कूलों को अनिवार्य रूप से 10 जनवरी 2026 तक इस समिति का गठन करना है। आदेश के अनुसार इस 11 सदस्यीय समिति में अभिभावकों के प्रतिनिधि के तौर पर पांच सदस्य होंगे। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन अध्यक्ष, स्कूल प्रधानाचार्य, तीन शिक्षक, तथा शिक्षा निदेशालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति का गठन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षक की नियुक्ति भी की गई है। स्कूलों को कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों के नाम स्कूल वेबसाइट व नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करने होंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली में लगभग 37.38 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हमारे लिए प्रत्येक बच्चा महत्वपूर्ण है, ना हम स्कूलों के खिलाफ हैं और ना ही शिक्षकों के। हमारा मकसद संतुलित, पारदर्शी और भरोसेमंद प्रणाली विकसित करना है। उन्होंने कहा कि इन समितियों के गठन से फीस निर्धारण का स्थायी समाधान निकलेगा।

फीस बढ़ाने का प्रस्ताव कमेटी के समक्ष 25 जनवरी तक देना होगा
यदि कोई स्कूल फीस बढ़ाना चाहता है तो उसे ठोस कारण के साथ अपना प्रस्ताव समिति के समक्ष रखना होगा। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद कमेटी अपनी सिफारिश देगी और जिसके बाद उस पर निर्णय किया जाएगा। पहले स्कूलों को फीस का प्रस्ताव एक अप्रैल तक देने की व्यवस्था थी। लेकिन अब नए कानून के अनुसार फीस बढ़ाने के लिए प्रस्ताव 25 जनवरी 2026 तक ही प्रस्तुत करना होगा।

यदि समिति निर्धारित समय.सीमा में निर्णय नहीं लेती है तो मामला स्वत: जिला स्तर की अपीलीय समिति के पास चला जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला स्तर की कमेटी को फीस से संबंधित विवादों के निपटारे और अपीलों पर निर्णय का अधिकार दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि किसी भी स्तर पर मनमानी की गुंजाइश न रहे और हर निर्णय नियमों के दायरे में हो।

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