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खुशखबर: असोला माइंस में होंगे चार कृत्रिम झरने और 10 तैरते फव्वारे, मन मोह लेंगे नजारे, जानें क्या है तैयारी

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Mon, 17 Oct 2022 08:46 AM IST
सार

असोला भाटी माइंस के बीच मौजूद नीली झील में चार कृत्रिम झरने और 10 से अधिक तैरते फव्वारे होंगे। दिल्लीवासियों को यह एक नया अनुभव प्रदान करेंगे। झरनों और नीली झील के विकसित होने के बाद प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा जगह बन जाएगी।

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Delhi s Asola Bhati Mines to have four artificial springs and more than 10 floating fountains
असोला भाटी - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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अक्तूबर के अंत तक दिल्लीवासियों को झरनों के अनूठे दृश्यों को निहारने का अवसर मिलेगा। असोला भाटी माइंस के बीच मौजूद नीली झील में चार कृत्रिम झरने और 10 से अधिक तैरते फव्वारे होंगे। दिल्लीवासियों को यह एक नया अनुभव प्रदान करेंगे। झरनों और नीली झील के विकसित होने के बाद प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा जगह बन जाएगी।

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उपराज्यपाल वीके सक्सेना के असोला भाटी माइंस के पिछले दौरे के बाद पर्यावरण और वन विभाग के साथ मिलकर प्रादेशिक सेना की ओर से विकसित किया जा रहा है। असोला भाटी माइंस को दिल्ली के इको-टूरिज्म हॉटस्पॉट के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता के तहत उपराज्यपाल ने नीली झील का दौरा किया। उन्होंने इस दौरान पिछले एक सप्ताह से झरने और तैरते फव्वारे के ट्रायल रन का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर एलजी के साथ मुख्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, पर्यावरण सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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नीली झील में ये झरने बांसेरा के विकसित होने के बाद दिल्लीवासियों के लिए यह बेहतरीन मनोरंजन स्थल होगा। रोशनारा बाग में विकसित नर्सरी का भी नवंबर के पहले सप्ताह में उद्घाटन किया जाएगा। झील से पानी को पंप करके झरने बनाए गए हैं। 100 फीट की ऊंचाई से सीढ़ियों से पानी झील में गिरता है। झरने न केवल प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ऑक्सीजन भी मिलेगी।

वन क्षेत्र में प्लास्टिक के उपयोग की नहीं होगी इजाजत
एलजी ने अपने दौरे के दौरान अधिकारियों को नीली झील के आसपास के क्षेत्रों को आगंतुकों के लिए सुरक्षित बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने इस जगह को वन विभाग से संबंधित एक मौजूदा संरचना को नवीनीकृत करने का भी निर्देश दिया ताकि नीली झील का एक विहंगम दृश्य प्रदान करने का मौका मिल सके। आगंतुकों की सुविधा के लिए एलजी ने अधिकारियों को पर्यावरण से होने वाले किसी नुकसान से बचने के लिए सभी पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग कर एक कैफेटेरिया और सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने वन क्षेत्र के अंदर किसी भी प्लास्टिक की अनुमति नहीं है।

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