ध्यान दें महिलाएं: क्या आपकी उम्र 50 है, रात को आता है पसीना और चेहरे पर लगती है गर्मी; इसके पीछे मेनोपॉज
क्लीनिक में आने वाले अधिकतर महिलाएं पति, परिवार और बच्चे को लेकर होने वाली मानसिक परेशानी की शिकायत करती हैं। इनमें काफी महिलाएं ऐसी होती हैं जो छोटी-छोटी बात को गंभीर मानकर अवसाद का शिकार बन जाती हैं।
विस्तार
मेनोपॉज के बाद हर दूसरी महिला मानसिक परेशानी झेल रही हैं। यह खुलासा डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में महिलाओं के लिए चल रहे विशेष क्लीनिक में आने वाले मरीजों के विश्लेषण से हुआ है।
दोपहर दो बजे से चलता है विशेष क्लीनिक
विशेषज्ञ बताते हैं कि महिलाओं के जीवन में 40-50 की उम्र में मेनोपॉज की अवस्था आती हैं। कुछ महिलाओं में यह दौर 50 साल की उम्र के बाद आता है। इसमें महिलाओं का अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करना बंद कर देते हैं। हार्मोन के स्तर में गिरावट महिलाओं के शरीर और मस्तिष्क में कई बदलाव लाती है। इस कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ऐसी महिलाओं के लिए डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल का स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग सोमवार को दोपहर दो बजे विशेष क्लीनिक चलाता है। इसमें महिलाओं के व्यवहार में आ रहे बदलाव को पहचानने के लिए डॉक्टर चर्चा करते हैं। पूरे कारण का पता चलने के बाद स्तर के आधार पर इलाज किया जाता है। इस क्लीनिक में गायनी विभाग के साथ मनोरोग विभाग के डॉक्टर भी महिलाओं की जांच करते हैं।
40 फीसदी महिलाओं में मानसिक परेशानी
अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. नमिता चोपड़ा ने बताया कि इस क्लीनिक में हर सप्ताह करीब 30 महिलाएं आती हैं। इनमें करीब 40 फीसदी महिलाओं में मानसिक परेशानी दिखाई देती हैं। ऐसी महिलाओं को मनोरोग विभाग के सहयोग से पहले परामर्श दिया जाता है। उसके बाद भी यदि समस्या बनी रहती है तो योग करने के साथ हल्की दवाएं दी जाती हैं। इनकी मदद से महिलाओं की समस्याएं लगभग खत्म हो जाती हैं।
पति, परिवार व बच्चों के तनाव से परेशान
क्लीनिक में आने वाले अधिकतर महिलाएं पति, परिवार और बच्चे को लेकर होने वाली मानसिक परेशानी की शिकायत करती हैं। इनमें काफी महिलाएं ऐसी होती हैं जो छोटी-छोटी बात को गंभीर मानकर अवसाद का शिकार बन जाती हैं। ऐसी महिलाओं के लिए लंबे काउंसलिंग कोर्स चलते हैं। देखा गया है कि काफी महिलाएं मनोरोग विभाग के डॉक्टरों से मिलने वाली काउंसलिंग के बाद ठीक हो जाते हैं। जबकि कुछ गंभीर स्थिति वाली महिलाओं को दवाएं देने की जरूरत पड़ती है।
तनाव को दूर करता है योग
शोध बताते हैं कि योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान तनाव के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। योग आसन शरीर को लचीला बनाते हैं, मांसपेशियों को आराम देते हैं। योग ध्यान और श्वास व्यायाम के माध्यम से मन को शांत करता है, चिंता और अवसाद को कम करता है। शोध में पाया गया है कि योग कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को कम करने और सेरोटोनिन (खुशी हार्मोन) के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
- मूड स्विंग
- चिड़चिड़ापन बढ़ जाना
- चिंता
- अवसाद
- अत्याधिक क्रोध आना
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- नींद की समस्या
- रात को पसीना आना
- चेहरे पर गर्मी लगना
- शराब का सेवन
- देर तक फोन या स्क्रीन देखना
- रात को कॉफी या चाय पीना
- धूम्रपान करना
- योगा
- संतुलित व स्वस्थ आहार, जिसमें फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हों
- नियमित रूप से व्यायाम
- पर्याप्त नींद लें
- सामाजिक रूप से सक्रिय रहें