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Faridabad News: ईएसआईसी अस्पताल में विशेषज्ञों का संकट बरकरार, मरीज बेहाल
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ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और आईसीयू तक मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है
मोहित शुक्ला
फरीदाबाद। एनआईटी-3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर की उपलब्ध है लेकिन विभाग में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को समस्या हो रही है। इसके साथ पूरे अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। इस कारण ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और आईसीयू तक मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों का कहना है कि ओपीडी में पर्ची बनवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने तक कई-कई घंटे लग जाते हैं। कई बार जांच रिपोर्ट और विशेषज्ञ परामर्श के अभाव में समस्या का समाधान समय पर नहीं हो पाता है। न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर मौजूद हैं लेकिन विशेषज्ञों की उपलब्धता नहीं है। वहीं अन्य सुपर स्पेशियलिटी और क्रिटिकल केयर यूनिट्स में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं प्रभावित हो रही है।
डॉक्टरों की कमी की स्थिति का अंदाजा ईएसआईसी की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है। ईएसआईसी प्रबंधन ने 24 अक्तूबर को डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया के तहत एक सूची जारी की थी जिसमें विभिन्न विभागों में कुल 95 डॉक्टरों के पद खाली दर्शाए गए थे। इनमें सबसे अधिक कमी आईसीयू में सामने आई थी जहां 25 पद रिक्त थे। इसके अलावा एनआईसीयू में 16, एनेस्थीसियोलॉजी और पीआईसीयू में 10-10 पद खाली पाए गए थे।
मेडिसिन विभाग में 7, सर्जरी में 3, रेडियोलॉजी में 2 और गाइनेकॉलोजी विभाग में 4 पद रिक्त बताए गए थे। खास बात यह है कि इन रिक्त पदों में अधिकांश विशेषज्ञ डॉक्टरों के हैं जिनकी भूमिका गंभीर और जटिल मरीजों के इलाज में बेहद अहम होती है। विशेषज्ञों की कमी का सीधा असर आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू जैसे संवेदनशील विभागों की कार्यक्षमता पर पड़ रहा है।
ईएसआईसी अस्पताल पर फरीदाबाद जिले के करीब साढ़े छह लाख ईएसआईसी कार्डधारक निर्भर हैं। इसके अलावा गुरुग्राम, पलवल, होडल, हथीन, रेवाड़ी, पानीपत और यमुनानगर जैसे जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज रोजाना यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं। औसतन चार हजार से अधिक मरीज प्रतिदिन ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं का सहारा लेते हैं। इतनी बड़ी मरीज संख्या के मुकाबले विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी व्यवस्था पर भारी दबाव बना रही है।
हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नवंबर माह से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके तहत हर बुधवार और बृहस्पतिवार को इंटरव्यू आयोजित किए जा रहे हैं। प्रबंधन के अनुसार इस प्रक्रिया के जरिए कई पदों को भर भी लिया गया है लेकिन इसके बावजूद मेडिसिन, सर्जरी, आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू जैसे अहम विभागों में अब भी कई पद खाली हैं।
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होना सकारात्मक कदम है लेकिन जब तक सभी आवश्यक पदों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति नहीं होती तब तक जमीनी स्तर पर सुधार नजर नहीं आएगा। कई मामलों में मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है जिससे आर्थिक और मानसिक दोनों तरह का बोझ बढ़ जाता है।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. चव्हाण कालिदास दत्तात्रेय का कहना है कि अस्पताल के सभी विभागों में डॉक्टर कार्यरत हैं और वे पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर उपलब्ध हैं लेकिन पूरे अस्पताल में विशेषज्ञों की संख्या आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाई जा रही है। डीन के अनुसार भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है और प्रत्येक बुधवार व बृहस्पतिवार को इंटरव्यू लेकर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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मोहित शुक्ला
फरीदाबाद। एनआईटी-3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर की उपलब्ध है लेकिन विभाग में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को समस्या हो रही है। इसके साथ पूरे अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। इस कारण ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और आईसीयू तक मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों का कहना है कि ओपीडी में पर्ची बनवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने तक कई-कई घंटे लग जाते हैं। कई बार जांच रिपोर्ट और विशेषज्ञ परामर्श के अभाव में समस्या का समाधान समय पर नहीं हो पाता है। न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर मौजूद हैं लेकिन विशेषज्ञों की उपलब्धता नहीं है। वहीं अन्य सुपर स्पेशियलिटी और क्रिटिकल केयर यूनिट्स में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं प्रभावित हो रही है।
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डॉक्टरों की कमी की स्थिति का अंदाजा ईएसआईसी की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है। ईएसआईसी प्रबंधन ने 24 अक्तूबर को डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया के तहत एक सूची जारी की थी जिसमें विभिन्न विभागों में कुल 95 डॉक्टरों के पद खाली दर्शाए गए थे। इनमें सबसे अधिक कमी आईसीयू में सामने आई थी जहां 25 पद रिक्त थे। इसके अलावा एनआईसीयू में 16, एनेस्थीसियोलॉजी और पीआईसीयू में 10-10 पद खाली पाए गए थे।
मेडिसिन विभाग में 7, सर्जरी में 3, रेडियोलॉजी में 2 और गाइनेकॉलोजी विभाग में 4 पद रिक्त बताए गए थे। खास बात यह है कि इन रिक्त पदों में अधिकांश विशेषज्ञ डॉक्टरों के हैं जिनकी भूमिका गंभीर और जटिल मरीजों के इलाज में बेहद अहम होती है। विशेषज्ञों की कमी का सीधा असर आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू जैसे संवेदनशील विभागों की कार्यक्षमता पर पड़ रहा है।
ईएसआईसी अस्पताल पर फरीदाबाद जिले के करीब साढ़े छह लाख ईएसआईसी कार्डधारक निर्भर हैं। इसके अलावा गुरुग्राम, पलवल, होडल, हथीन, रेवाड़ी, पानीपत और यमुनानगर जैसे जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज रोजाना यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं। औसतन चार हजार से अधिक मरीज प्रतिदिन ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं का सहारा लेते हैं। इतनी बड़ी मरीज संख्या के मुकाबले विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी व्यवस्था पर भारी दबाव बना रही है।
हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नवंबर माह से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके तहत हर बुधवार और बृहस्पतिवार को इंटरव्यू आयोजित किए जा रहे हैं। प्रबंधन के अनुसार इस प्रक्रिया के जरिए कई पदों को भर भी लिया गया है लेकिन इसके बावजूद मेडिसिन, सर्जरी, आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू जैसे अहम विभागों में अब भी कई पद खाली हैं।
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होना सकारात्मक कदम है लेकिन जब तक सभी आवश्यक पदों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति नहीं होती तब तक जमीनी स्तर पर सुधार नजर नहीं आएगा। कई मामलों में मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है जिससे आर्थिक और मानसिक दोनों तरह का बोझ बढ़ जाता है।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. चव्हाण कालिदास दत्तात्रेय का कहना है कि अस्पताल के सभी विभागों में डॉक्टर कार्यरत हैं और वे पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर उपलब्ध हैं लेकिन पूरे अस्पताल में विशेषज्ञों की संख्या आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाई जा रही है। डीन के अनुसार भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है और प्रत्येक बुधवार व बृहस्पतिवार को इंटरव्यू लेकर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।