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Agnipath Scheme: संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निपथ के विरोध में जय जवान-जय किसान सम्मेलन करने का किया एलान, लिए गए ये अहम निर्णय

माई सिटी रिपोर्टर, गाजियाबाद।  Published by: आकाश दुबे Updated Sun, 03 Jul 2022 10:18 PM IST
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सार

महरौली स्थित एक फार्महाउस में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों की पांच घंटे तक बैठक हुई। जिसमें अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में जय जवान-जय किसान सम्मेलन करने का एलान किया गया। सभी ने एक सुर में कहा कि एकजुट होकर पूरी ताकत के साथ इसका विरोध करना है। यह योजना युवाओं का भविष्य बर्बाद कर देगी।

Agnipath Scheme Kisan Morcha will hold Jai Jawan Jai Kisan Sammelan in country in protest against Agneepath scheme
किसान नेता राकेश टिकैत - फोटो : संवाद

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संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में जय जवान-जय किसान सम्मेलन करने का एलान किया है। सात से 14 अगस्त तक ये सम्मेलन सभी जिला मुख्यालयों पर किए जाएंगे। इनमें सेवानिवृत्त फौजियों को बुलाया जाएगा। इसका फैसला रविवार को महरौली स्थित एक फार्महाउस में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों की पांच घंटे चली बैठक में लिया गया। इसमें और भी कई अहम निर्णय लिए गए हैं। 

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किसान संगठनों के मंथन का फोकस अग्निपथ योजना पर ही रहा। सभी ने एक सुर में कहा कि एकजुट होकर पूरी ताकत के साथ इसका विरोध करना है। यह योजना युवाओं का भविष्य बर्बाद कर देगी। कृषि कानूनों के विरोध की तरह आंदोलन चला तो सरकार अग्निपथ को वापस लेने पर मजबूर हो जाएगी। बैठक में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल, जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह, बीकेयू उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां मौजूद रहे।

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31 को चार घंटे चक्का जाम करेंगे किसान
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि 31 जुलाई को पूरे देश के किसान संगठन सुबह 11 से तीन बजे तक चार घंटे के लिए हर जिले और हर गांव में चक्का जाम करेंगे। यह प्रदर्शन सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ होगा। किसान नेता अशोक धावले ने कहा कि नौ दिसंबर 2021 को कृषि कानून वापस लेने के बाद सरकार ने जो वादे किए, वे पूरे नहीं किए हैं। न तो एमएसपी तय करने के लिए कमेटी गठित की है और न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए गए हैं। उधर, यूपी और आंध्र प्रदेश में सरकारें किसानों के नलकूपों पर मीटर लगवाकर बिजली के रेट बढ़ाती जा रही है। इन मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा देश में 18 से 31 जुलाई तक सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगा।

टेनी की गिरफ्तारी के लिए 75 घंटे करेंगे प्रदर्शन
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि लखीमपुर कांड में चार किसान और एक पत्रकार की हत्या की गई थी। इस घटना के आरोपियों पर अभी तक सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी और मंत्री पद से हटाने की मांग कर 18 से 20 अगस्त तक लगातार 75 घंटे किसान जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे।

चुनाव में अलग हुए 22 किसान संगठनों में 16 की घर वापसी
गाजियाबाद। पंजाब में चुनाव के दौरान अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाले 22 संगठनों को मोर्चा में वापस ले लिया गया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि समन्वय समिति ने 16 संगठनों को दोबारा शामिल करने पर सहमति बना ली जबकि छह संगठनों को शामिल नहीं किया जा रहा है। बीकेयू राजेवाल, बीकेयू चढ़ूनी, किसान संघर्ष कमेटी के कमल जीत पन्नू, आजाद किसान संघर्ष कमेटी के हरजिंदर सिंह, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के प्रेम सिंह भंगू व बीकेयू मानसा को मोर्चे में शामिल नहीं करने पर सहमति बनी है।

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