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Ghaziabad News: नौकरी के नाम पर म्यांमार बुलाया, ठगी में झोंक दिया
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गाजियाबाद। म्यांमार से बुधवार को 350 आईटी पेशेवर को बंधनमुक्त कराकर टीम दिल्ली पहुंच गई है। बंधनमुक्त हुए आईटी पेशेवर युवाओं से दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है।
पूछताछ में युवाओं ने नौकरी के लालच में विदेश बुलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी करने को मजबूर करने की बात कही है। विरोध करने पर उन्हें यातनाएं दी जाती थी और भविष्य में कभी भी भारत न लौट पाने की धमकी दी जाती थी। पुलिस सूत्रों की मानें अलग-अलग देशों से साइबर ठगों के चंगुल से बंधनमुक्त कराए गए 350 युवाओं में से 31 यूपी के हैं।
बंधनमुक्त कराए गए आईटी पेशेवर युवाओं ने साइबर ठगी के सिंडीकेट के बारे में कई जानकारी दी हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) द्वारा कराए गए मुकदमे में देश का प्रधान सचिवालय इस मामले में रेड कोर्ट नोटिस जारी करेगा।
साथ ही दर्ज मुकदमे में बंधनमुक्त युवाओं को गवाह बनाया जाएगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में आईटी पेशेवर युवाओं ने बताया कि उन्हें बैंकाक का हवाई टिकट देकर विदेश में नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया गया।
आईटी पेशवर को बैंकॉक हवाई अड्डे पर म्यांमार कंपनी का जाॅइनिंग लैटर लेकर दो या तीन लोग मिलते थे। जो उन्हें अगली फ्लाइट से अन्य लोग आने की बात कहते थे और बैंकॉक के होटल में ठहराया जाता था। अंधेरा होने पर कार सवार उन्हें होटल से जंगल के रास्ते करीब आठ घंटे का सफर तय कर म्यावाड़ी ले जाते थे।
उन्हें म्यांमार करेंसी म्यांमार क्यात (एमएमके) 40 हजार वेतन यानि भारतीय मुद्रा में 1.60 लाख रुपये प्रति माह देने का लालच दिया जाता था और कॉलिंग कराई जाती थी। कॉलिंग का विरोध करने पर उन्हें अंधेरे में रखा जाता था और यातनाएं दी जाती थी।
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पूछताछ में युवाओं ने नौकरी के लालच में विदेश बुलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी करने को मजबूर करने की बात कही है। विरोध करने पर उन्हें यातनाएं दी जाती थी और भविष्य में कभी भी भारत न लौट पाने की धमकी दी जाती थी। पुलिस सूत्रों की मानें अलग-अलग देशों से साइबर ठगों के चंगुल से बंधनमुक्त कराए गए 350 युवाओं में से 31 यूपी के हैं।
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बंधनमुक्त कराए गए आईटी पेशेवर युवाओं ने साइबर ठगी के सिंडीकेट के बारे में कई जानकारी दी हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) द्वारा कराए गए मुकदमे में देश का प्रधान सचिवालय इस मामले में रेड कोर्ट नोटिस जारी करेगा।
साथ ही दर्ज मुकदमे में बंधनमुक्त युवाओं को गवाह बनाया जाएगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में आईटी पेशेवर युवाओं ने बताया कि उन्हें बैंकाक का हवाई टिकट देकर विदेश में नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया गया।
आईटी पेशवर को बैंकॉक हवाई अड्डे पर म्यांमार कंपनी का जाॅइनिंग लैटर लेकर दो या तीन लोग मिलते थे। जो उन्हें अगली फ्लाइट से अन्य लोग आने की बात कहते थे और बैंकॉक के होटल में ठहराया जाता था। अंधेरा होने पर कार सवार उन्हें होटल से जंगल के रास्ते करीब आठ घंटे का सफर तय कर म्यावाड़ी ले जाते थे।
उन्हें म्यांमार करेंसी म्यांमार क्यात (एमएमके) 40 हजार वेतन यानि भारतीय मुद्रा में 1.60 लाख रुपये प्रति माह देने का लालच दिया जाता था और कॉलिंग कराई जाती थी। कॉलिंग का विरोध करने पर उन्हें अंधेरे में रखा जाता था और यातनाएं दी जाती थी।