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Ghaziabad News: बंदरों ने काट दिया तार, एमएमजी में नहीं हो सका सीटी स्कैन
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गाजियाबाद। एमएमजी अस्पताल में बुधवार को मरीजों का सीटी स्कैन नहीं हो सका। बंदरों ने इंटरनेट के तार काट दिए, जिससे मशीन ठप हो गई। बुधवार को 50 से अधिक मरीजों को बिना जांच कराए लौटना पड़ा। दूसरी ओर संयुक्त जिला अस्पताल में पिछले एक हफ्ते से खराब मशीन ठीक नहीं हो पाई है। इस वजह से मरीजों को निजी अस्पताल का ही रुख करना पड़ रहा है।
एमएमजी अस्पताल में रोजाना 50 से लेकर 70 लोगों का सीटी स्कैन किया जाता है। बुधवार को भी सुबह से मरीज जांच के लिए पहुंचे लेकिन उनको निराश होकर वापस लौटना पड़ा। अर्थला से जांच कराने आए नवीन ने बताया कि चोट लगने की वजह से उनकी रीढ़ की हट्टी में दर्द रहता है। चिकित्सक ने जांच लिखी थी लेकिन यहां आने के बाद पता चला मशीन खराब है। उन्होंने बताया कि निजी लैब में यह जांच काफी महंगी है इसलिए सरकारी अस्पताल आए थे। वहीं 50 वर्षीय सुनीता देवी के कमर में दर्द की वजह से सीटी स्कैन कराने के लिए लाया गया था। उनके बेटे ने बताया कि ऑटो का खर्च करके यहां जांच कराने आए थे बार-बार अस्पतालों से वापस लौटना पड़ता है। निजी अस्पताल में सीटी स्कैन में करीब 1500 से 2000 हजार खर्च करना पड़ता है। मजदूरी करते हैं इसलिए इतनी महंगी जांच निजी लैब में नहीं करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि मशीन ठीक होने के बाद जांच कराने आएंगे। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि तकनीशियन को बुलाया गया है। बृहस्पतिवार तक मशीन ठीक होने की संभावना है।
एमएमजी अस्पताल में रोजाना 50 से लेकर 70 लोगों का सीटी स्कैन किया जाता है। बुधवार को भी सुबह से मरीज जांच के लिए पहुंचे लेकिन उनको निराश होकर वापस लौटना पड़ा। अर्थला से जांच कराने आए नवीन ने बताया कि चोट लगने की वजह से उनकी रीढ़ की हट्टी में दर्द रहता है। चिकित्सक ने जांच लिखी थी लेकिन यहां आने के बाद पता चला मशीन खराब है। उन्होंने बताया कि निजी लैब में यह जांच काफी महंगी है इसलिए सरकारी अस्पताल आए थे। वहीं 50 वर्षीय सुनीता देवी के कमर में दर्द की वजह से सीटी स्कैन कराने के लिए लाया गया था। उनके बेटे ने बताया कि ऑटो का खर्च करके यहां जांच कराने आए थे बार-बार अस्पतालों से वापस लौटना पड़ता है। निजी अस्पताल में सीटी स्कैन में करीब 1500 से 2000 हजार खर्च करना पड़ता है। मजदूरी करते हैं इसलिए इतनी महंगी जांच निजी लैब में नहीं करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि मशीन ठीक होने के बाद जांच कराने आएंगे। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि तकनीशियन को बुलाया गया है। बृहस्पतिवार तक मशीन ठीक होने की संभावना है।
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