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राकेश टिकैत: कृषि कानून वापस कराने के लिए है धरना, विपक्ष को संसद में करनी चाहिए चर्चा

अमर उजाला नेटवर्क, गाजियाबाद Published by: पूजा त्रिपाठी Updated Thu, 22 Jul 2021 11:30 AM IST
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सार

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार सुबह 'किसान संसद' के लिए रवाना होने से पहले कहा,  संसद के बाहर धरना देकर  3 कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की जाएगी।

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राकेश टिकैत - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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कृषि कानूनों की वापसी समेत अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर आठ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। पुलिस की निगरानी में 200 किसान सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर लाए गए हैं जहां वह कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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इसी के तहत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार सुबह 'किसान संसद' के लिए रवाना होने से पहले कहा,  संसद के बाहर धरना देकर  3 कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की जाएगी।
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राकेश टिकैत से जब विपक्ष की भूमिका के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि, संसद में चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों को बाहर नहीं आना चाहिए बल्कि अंदर सदन में बैठकर मजबूती से अपनी बात को कहना चाहिए।

राकेश टिकैत समेत तीन लोग हो रहे धरने में शामिल
तीन कृषि कानून को लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 200 किसान सिंघु बॉर्डर से पांच बसों में सवार होकर संसद भवन गए हैं। यूपी गेट से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ दो अन्य लोग मोर्चे में शामिल होने के लिए गए हैं। सिंघु बॉर्डर से किसानों का जत्था सुबह नौ बजे धरना प्रदर्शन के लिए रवाना हुआ। वहीं, बुधवार को यूपी गेट स्थित आंदोलन स्थल पर कर्नाटक किसान शहीद दिवस मनाया गया। इस बीच किसानों ने आंदोलन को तेज करने की रणनीति तैयार की।

भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि किसान संसद के लिए किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य दो लोग भी शामिल होंगे। हर संगठन से पांच किसानों के नाम संयुक्त किसान मोर्चा को भेज दिए गए थे।

वहां से नाम फाइनल होने के बाद सुबह आठ बजे से सभी किसान अपने आई कार्ड और आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्रों के साथ कार्यालय में एकत्रित होंगे। इसमें किसान तीन कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करेंगे। गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि संसद में किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।

उन्होंने किसानों से अपील की कि किसान संसद के दौरान सभी को अपने वरिष्ठों के आदेश का पालन करना होगा। सिंघु बॉर्डर से किसानों के रवाना होने के बाद बस संसद मार्ग के पास रुकेगी, इसके बाद सभी चिन्हित स्थान पर जाएंगे। सभा में ही किसान अपनी अपनी बात रखकर आंदोलन को गति देंगे। शाम 5 बजे संसद कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी वापस उन्हीं बसों में बैठ जाएंगे।

किसानों को अपने-अपने सवाल भी एसकेएम द्वारा तय अध्यक्ष मंडल के पास रखने होंगे। मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि किसान संसद से एक दिन पहले दिल्ली में पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक में सभी मुद्दों पर वार्ता हो गई है।

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