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Ghaziabad News: नाले के निर्माण तक नए प्रोजेक्ट के काम पर लगी रोक
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गाजियाबाद। प्रतीक सिटी विस्तार के नए प्रोजेक्ट बूगोनिया का काम नाले का निर्माण होने तक रोक दिया गया है। नाला सुचारू रूप से बहने और रिटर्निग वॉल बनने के बाद ही काम करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। आवास-विकास परिषद की देखरेख में नाले का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है, हालांकि बृहस्पतिवार शाम को हुई बारिश के बाद काम प्रभावित हुआ। नुकसान की सारी भरपाई बिल्डर को करनी होगी।
इस संबंध में आवास-विकास परिषद के एई कमलेश कुमार ने बताया कि नाले का बहाव दो-तीन दिन में शुरू कर दिया जाएगा। काम तेजी से जारी है, शाम की बारिश से काम थोड़ा प्रभावित जरूर हुआ। 1800 एमएम राउंड के आरसीसी के बड़े पाइप डाले जा रहे हैं। इसके बाद बिल्डर को रिटर्निग वॉल बनानी होगी, उसके बाद ही उसे आगे के कार्य की अनुमति दी जाएगी। नाले का पूरा काम होने के बाद ही नए प्रोजेक्ट का काम शुरू करने दिया जाएगा, फिलहाल उस पर रोक लगा दी गई है। नाले के बाद उत्तर प्रदेश जल निगम की गिरी 50 मीटर दीवार का निर्माण होगा। पूरे काम के बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि नाले और दीवार के निर्माण का पूरा खर्च बिल्डर वहन करेगा।
सिद्धार्थ विहार के अन्य चल रहे प्रोजेक्टों की भी जांच शुरू
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस समय सिद्धार्थ विहार में विभिन्न बिल्डरों के एक दर्जन से अधिक से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए कहीं अवैध तरीके से काम तो नहीं किया जा रहा है, इसकी जांच शुरू हो गई है। बिल्डरों से चल रहे कार्य व प्रगति की रिपोर्ट मांगी जा रही है।
बिना एनओसी की जा रही थी खोदाई
गौरतलब हो कि बूगोनिया प्रोजेक्ट के बेसमेंट की खोदाई मानक के विपरीत नौ मीटर गहराई की बजाय उससे अधिक की गई है। यह काम आवास-विकास से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए किया जा रहा था। परिषद के अधीक्षण अभियंता एके मित्तल ने कहा कि काम के लिए एनओसी नहीं ली गई। इस संबंध में एडीएम सिटी का कहना है कि यह जमीन आवास-विकास की है। वही इसकी जांच करेगा। काम बिना अनुमति लिए लापरवाही से किया गया, इसकी अनुमति नहीं ली गई थी।
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इस संबंध में आवास-विकास परिषद के एई कमलेश कुमार ने बताया कि नाले का बहाव दो-तीन दिन में शुरू कर दिया जाएगा। काम तेजी से जारी है, शाम की बारिश से काम थोड़ा प्रभावित जरूर हुआ। 1800 एमएम राउंड के आरसीसी के बड़े पाइप डाले जा रहे हैं। इसके बाद बिल्डर को रिटर्निग वॉल बनानी होगी, उसके बाद ही उसे आगे के कार्य की अनुमति दी जाएगी। नाले का पूरा काम होने के बाद ही नए प्रोजेक्ट का काम शुरू करने दिया जाएगा, फिलहाल उस पर रोक लगा दी गई है। नाले के बाद उत्तर प्रदेश जल निगम की गिरी 50 मीटर दीवार का निर्माण होगा। पूरे काम के बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि नाले और दीवार के निर्माण का पूरा खर्च बिल्डर वहन करेगा।
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सिद्धार्थ विहार के अन्य चल रहे प्रोजेक्टों की भी जांच शुरू
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस समय सिद्धार्थ विहार में विभिन्न बिल्डरों के एक दर्जन से अधिक से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए कहीं अवैध तरीके से काम तो नहीं किया जा रहा है, इसकी जांच शुरू हो गई है। बिल्डरों से चल रहे कार्य व प्रगति की रिपोर्ट मांगी जा रही है।
बिना एनओसी की जा रही थी खोदाई
गौरतलब हो कि बूगोनिया प्रोजेक्ट के बेसमेंट की खोदाई मानक के विपरीत नौ मीटर गहराई की बजाय उससे अधिक की गई है। यह काम आवास-विकास से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए किया जा रहा था। परिषद के अधीक्षण अभियंता एके मित्तल ने कहा कि काम के लिए एनओसी नहीं ली गई। इस संबंध में एडीएम सिटी का कहना है कि यह जमीन आवास-विकास की है। वही इसकी जांच करेगा। काम बिना अनुमति लिए लापरवाही से किया गया, इसकी अनुमति नहीं ली गई थी।