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Gurugram News: प्लॉट बेचने के लिए स्विट्जरलैंड में बनाई फर्जी बेटे के नाम से जीपीए
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अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़, लंदन से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही आरोपी गिरफ्तार
अमेरिका में बैठे एनआरआई दंपती के दो प्लॉट को बेचने की कोशिश कर रहा था गिरोह
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। अमेरिका में रह रहे एनआरआई दंपती के दो प्लॉट को धोखाधड़ी से बेचने की कोशिश करने के मामले में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को सोमवार रात दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। प्लॉट बेचने के लिए गिरोह ने स्विट्जरलैंड में फर्जी बेटा बनाकर जर्नल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) बनाने और फ्रांस से दंपती के पासपोर्ट तक बनवा लिए थे। गिरफ्तार हुए आरोपी की पहचान पंजाब के जिला नवांशहर के हयातपुर रुड़की गांव निवासी लखविंदर सिंह के रूप में हुई। आरोपी का वीजा खत्म होने पर लंदन से उसे वापस भेजा गया था।
गुरुग्राम पुलिस पहले से ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। पीड़ित विवेक भटनागर की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा-एक ने मामले की जांच की थी। अब सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीड़ित ने ई-मेल से पुलिस आयुक्त से इस मामले की शिकायत दी थी। पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह अमेरिका में रहते हैं। उसके और उनकी पत्नी के नाम से दो प्लॉट गुरुग्राम के सेक्टर-31 में हैं।
चार सितंबर 2021 को उसके पास एक प्रॉपर्टी डीलर का फोन आया था। प्रॉपर्टी डीलर ने बताया कि उनके बेटे करण भटनागर को दोनों प्लॉट के लिए 15 लाख रुपये एडवांस में दे दिए हैं और एक करोड़ रुपये बैंक खाते में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनका कोई बेटा ही नहीं है और रुपये बैंक खाते में मत डालो। इस प्रॉपर्टी डीलर ने इनके पास फर्जी जीपीए, पजेशन लेटर और फर्जी पासपोर्ट की फोटो भेज दी। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने दस्तावेज में दिखाए गए व्यक्ति के नाम से कोई भी पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं दी हुई है और उनका बेटा नहीं है।
इस पर उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में शिकायत दी तो इन्हें पता चला कि करण भटनागर ने यह प्लॉट लखविंदर सिंह को ट्रांसफर कर दिया है। उन्हें एचएसवीपी से लखविंदर सिंह व करण भटनागर की फोटो मिली। इसके बाद दोनों प्लॉट को बेचने के लिए अन्य प्रॉपर्टी डीलर का फोन आता है। ये लोग बार-बार नाम बदलकर उनके प्लॉट को बेचने की कोशिश कर रहे थे। शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध शाखा -एक ने मामले की जांच शुरू की। टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी लखविंदर सिंह के घर पर रेड की। रेड करने पर पता चला कि आरोपी 2022 में ही यूनाइटेड किंगडम में चला गया था। इस पर पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क किया। बृहस्पतिवार को आरोपी लंदन से दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचा तो पुलिस टीम ने आरोपी को वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी जीपीए को एंबेसी के माध्यम से मंगवाकर कराया रजिस्टर्ड
आरोपी से पूछताछ में पता चला कि एक अन्य व्यक्ति ने शिकायतकर्ता का फर्जी बेटा (करण भटनागर) बनकर उनके और उनकी पत्नी के फर्जी पासपोर्ट फ्रांस से बनवाए। उन पासपोर्ट के आधार पर एक जर्नल पॉवर ऑफ अटॉर्नी स्विट्जरलैंड से रजिस्टर्ड करवाई गई। इस फर्जी जीपीए को एंबेसी के माध्यम से भारत मंगवाकर जिला उपायुक्त कार्यालय में रजिस्टर्ड तक करवा ली गई।
इसके बाद एचएसवीपी विभाग में यह दस्तावेज संलग्न किए गए। फर्जी जीपीए के आधार पर करण भटनागर ने मार्च 2021 में एचएसवीपी कार्यालय में आकर लखविंदर सिंह के नाम पर ट्रांसफर परमिशन रजिस्टर्ड करवा दी। आरोपी ने बताया कि यह प्लॉट करण भटनागर ने ट्रांसफर करवाया था। इस प्लॉट को ट्रांसफर परमिशन के आधार पर 2021 और 2022 से बार-बार बेचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बेच नहीं पाए थे। अक्तूबर 2022 में आरोपी की पत्नी स्टूडेंट वीजा पर और वह अपनी पत्नी के डिपेंडेंट वीजा पर यूनाइटेड किंगडम चला गया था। सितंबर 2025 में इसके डिपेंडेंट वीजा की अवधि खत्म होने पर इसे लंदन से वापस भेज दिया गया।
पुलिस प्रवक्ता एएसआई संदीप ने बताया कि आरोपी प्लॉट बेचने की कोशिश कर रहे थे। अन्य आरोपियों की तलाश के लिए टीम प्रयास कर रही है। आरोपी से उनके साथियों के बारे में पता किया जा रहा है। अदालत ने आरोपी को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
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अमेरिका में बैठे एनआरआई दंपती के दो प्लॉट को बेचने की कोशिश कर रहा था गिरोह
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। अमेरिका में रह रहे एनआरआई दंपती के दो प्लॉट को धोखाधड़ी से बेचने की कोशिश करने के मामले में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को सोमवार रात दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। प्लॉट बेचने के लिए गिरोह ने स्विट्जरलैंड में फर्जी बेटा बनाकर जर्नल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) बनाने और फ्रांस से दंपती के पासपोर्ट तक बनवा लिए थे। गिरफ्तार हुए आरोपी की पहचान पंजाब के जिला नवांशहर के हयातपुर रुड़की गांव निवासी लखविंदर सिंह के रूप में हुई। आरोपी का वीजा खत्म होने पर लंदन से उसे वापस भेजा गया था।
गुरुग्राम पुलिस पहले से ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। पीड़ित विवेक भटनागर की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा-एक ने मामले की जांच की थी। अब सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीड़ित ने ई-मेल से पुलिस आयुक्त से इस मामले की शिकायत दी थी। पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह अमेरिका में रहते हैं। उसके और उनकी पत्नी के नाम से दो प्लॉट गुरुग्राम के सेक्टर-31 में हैं।
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चार सितंबर 2021 को उसके पास एक प्रॉपर्टी डीलर का फोन आया था। प्रॉपर्टी डीलर ने बताया कि उनके बेटे करण भटनागर को दोनों प्लॉट के लिए 15 लाख रुपये एडवांस में दे दिए हैं और एक करोड़ रुपये बैंक खाते में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनका कोई बेटा ही नहीं है और रुपये बैंक खाते में मत डालो। इस प्रॉपर्टी डीलर ने इनके पास फर्जी जीपीए, पजेशन लेटर और फर्जी पासपोर्ट की फोटो भेज दी। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने दस्तावेज में दिखाए गए व्यक्ति के नाम से कोई भी पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं दी हुई है और उनका बेटा नहीं है।
इस पर उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में शिकायत दी तो इन्हें पता चला कि करण भटनागर ने यह प्लॉट लखविंदर सिंह को ट्रांसफर कर दिया है। उन्हें एचएसवीपी से लखविंदर सिंह व करण भटनागर की फोटो मिली। इसके बाद दोनों प्लॉट को बेचने के लिए अन्य प्रॉपर्टी डीलर का फोन आता है। ये लोग बार-बार नाम बदलकर उनके प्लॉट को बेचने की कोशिश कर रहे थे। शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध शाखा -एक ने मामले की जांच शुरू की। टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी लखविंदर सिंह के घर पर रेड की। रेड करने पर पता चला कि आरोपी 2022 में ही यूनाइटेड किंगडम में चला गया था। इस पर पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क किया। बृहस्पतिवार को आरोपी लंदन से दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचा तो पुलिस टीम ने आरोपी को वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी जीपीए को एंबेसी के माध्यम से मंगवाकर कराया रजिस्टर्ड
आरोपी से पूछताछ में पता चला कि एक अन्य व्यक्ति ने शिकायतकर्ता का फर्जी बेटा (करण भटनागर) बनकर उनके और उनकी पत्नी के फर्जी पासपोर्ट फ्रांस से बनवाए। उन पासपोर्ट के आधार पर एक जर्नल पॉवर ऑफ अटॉर्नी स्विट्जरलैंड से रजिस्टर्ड करवाई गई। इस फर्जी जीपीए को एंबेसी के माध्यम से भारत मंगवाकर जिला उपायुक्त कार्यालय में रजिस्टर्ड तक करवा ली गई।
इसके बाद एचएसवीपी विभाग में यह दस्तावेज संलग्न किए गए। फर्जी जीपीए के आधार पर करण भटनागर ने मार्च 2021 में एचएसवीपी कार्यालय में आकर लखविंदर सिंह के नाम पर ट्रांसफर परमिशन रजिस्टर्ड करवा दी। आरोपी ने बताया कि यह प्लॉट करण भटनागर ने ट्रांसफर करवाया था। इस प्लॉट को ट्रांसफर परमिशन के आधार पर 2021 और 2022 से बार-बार बेचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बेच नहीं पाए थे। अक्तूबर 2022 में आरोपी की पत्नी स्टूडेंट वीजा पर और वह अपनी पत्नी के डिपेंडेंट वीजा पर यूनाइटेड किंगडम चला गया था। सितंबर 2025 में इसके डिपेंडेंट वीजा की अवधि खत्म होने पर इसे लंदन से वापस भेज दिया गया।
पुलिस प्रवक्ता एएसआई संदीप ने बताया कि आरोपी प्लॉट बेचने की कोशिश कर रहे थे। अन्य आरोपियों की तलाश के लिए टीम प्रयास कर रही है। आरोपी से उनके साथियों के बारे में पता किया जा रहा है। अदालत ने आरोपी को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है।