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Gurugram News: मिलेनियम सिटी में अब डीम्ड जंगल भी होंगे संरक्षित

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Thu, 04 Dec 2025 05:39 PM IST
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Now, deemed forests will also be protected in the Millennium City.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने की पहल, पर्यावरण को मिलेगी नई सुरक्षा
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नंबर गेम - 5 हेक्टेयर वाले बाग और एग्रोफॉरेस्ट भी बनेंगे वन
पूनम

गुरुग्राम। गुरुग्राम वन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीम्ड फॉरेस्ट यानी ऐसे पेड़-पौधों वाले इलाकों को भी वन क्षेत्र घोषित करेगा, जिन्हें कानूनी तौर पर वन क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन जो वन की शाब्दिक परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। विभाग ने इस कार्य के लिए एक टीम बनाई है, जो नोटिफाइड वन क्षेत्रों के आसपास के ऐसे क्षेत्रों का पता लगाएगी और उन्हें संरक्षित करने के लिए वन क्षेत्र में शामिल करेगी।
योजना के तहत, अलग-थलग पड़े 5 हेक्टेयर या नोटिफाइड वन क्षेत्र से लगे 2 हेक्टेयर के क्षेत्र शामिल होंगे, जिसमें एग्रोफॉरेस्ट या बाग भी शामिल हो सकते हैं। इन क्षेत्रों का निर्धारण वन सर्वेक्षण के इंडिया स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट और विशेषज्ञों द्वारा मौके पर जांच के आधार पर किया जाएगा, और यह पंजाब लैंड प्रीजर्वेशन एक्ट 1900 (पीएलपीए) के सेक्शन 4 और 5 के तहत भी आ सकते हैं।
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टीम में ये होंगे शामिल
अतिरिक्त वन क्षेत्र ढूंढने के लिए जो जिला स्तरीय टीम बनी है, उसमें उपायुक्त, जिला विकास और पंचायत अधिकारी, जिला नगर योजनाकार, निगमायुक्त, जिला राजस्व अधिकारी, कृषि विभाग के उप निदेशक, जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर और जिला वन मंडल अधिकारी को शामिल किया गया है। उपायुक्त इस टीम के अध्यक्ष होंगे।
पूर्व आईएफएस अधिकारी के केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
वर्ष 2023 में वन संरक्षण एक्ट में संशोधन कर उसमें बदलाव किया गया। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने ऐसा माना कि इससे 40 प्रतिशत वन, वन क्षेत्र की परिभाषा से बाहर हो जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, पहले भी सुप्रीम कोर्ट के ऐसे आदेश आए हैं मगर इस बार अशोक शर्मा बनाम भारत सरकार का जो वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 को चुनौती देने वाला मामला है, उसी में डीम्ड वन को तलाशने की बात आई है।
वर्जन
डीम्ड वन क्षेत्र ढूंढने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने इस साल अप्रैल में बैठक की और सितंबर में इसको लेकर अपने आदेश जारी किए। हम लोगों को वन जैसे क्षेत्र ढूंढने हैं। उसे वन विभाग अपने अधीन लेकर नोटिफाइड वन क्षेत्र में शामिल करेगा। - राज कुमार, वन मंडल अधिकारी
सुप्रीम कोर्ट ने भी पहले भी अरावली के साथ 40 हजार हेक्टेयर को डीम्ड वन क्षेत्र माना है। इसके अलावा नोटिफाइड वन क्षेत्र के साथ अन्य वन क्षेत्र को ढूंढने से वन संरक्षण बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में अशोक शर्मा वाला मामला अभी चल रहा है। उसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने वन क्षेत्र को तलाशना शुरू किया है। वन क्षेत्र में शामिल होने से जमीन पर मालिकाना हक पर फर्क नहीं पड़ता मगर पेड़ पौधे सुरक्षित हो जाते हैं। -डॉ. आरपी बलवान, पूर्व वन संरक्षक
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नए वेटलैंड की तलाश के लिए बनाई कमेटी



गुरुग्राम। अभी तक सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य वेटलैंड की श्रेणी में था लेकिन अब अन्य जोहड़ तालाब और जलशयों वेटलैंड (आर्द्र भूमि) में शामिल होंगे। 322 एकड़ के सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य के अलावा वेटलैंड को चिन्हित कर प्रशासन उसका संरक्षण करेगा। राज्य वेटलैंड अथॉरिटी ने इसको लेकर एक वेटलैंड कमेटी का गठन किया है। उपायुक्त के नेतृत्व में गठित इस कमेटी में वन विभाग, वन्य जीव विभाग के अलावा विशेषज्ञ, फिशरी विभाग के अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल होेंगे। जिले में चिन्हित किए गए वेटलैंड की देखरेख की जिम्मेदारी राज्य वेटलैंड अथॉरिटी की होगी। वन्य जीव अधिकारी आरके जांगड़ा ने बताया कि इस आदेश के तहत हम लोग वेटलैंड की तलाश कर रहे हैं। वेटलैंड की देखरेख और संरक्षण का काम राज्य वेटलैंड अथॉरिटी करेगी। नजफगढ़ ड्रेन वाले इलाके इसके तहत आ सकते हैं। संवाद

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