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Gurugram News: आर्मी का कैप्टन बनकर रोडवेज के परिचालक से 94 हजार ठगे
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डिपो के अधिकारियों से बुकिंग की बात कर पुलिस लाइन के सामने बस मंगवाई
परिचालक के मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजकर तीन बार में रुपये ट्रांसफर करवाए
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। जालसाज ने आर्मी का कैप्टन बनकर गुरुग्राम बस डिपो के एक परिचालक से 94 हजार रुपये की ठगी कर ली। जालसाज ने डिपो के अधिकारियों से रोडवेज बस बुक करने की बात कहकर पुलिस लाइन के सामने बस मंगवाई और रोडवेज के परिचालक के मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजकर उससे तीन बार में रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
पीड़ित परिचालक ने अपने साथ हुई ठगी के बारे में डिपाे अधिकारियों को सूचना दी तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके साइबर पुलिस को शिकायत दी। साइबर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 86,998 रुपये होल्ड करवा दिए और जालसाज की तलाश में जुट गई है। जालसाज ने इस वारदात को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया है। जालसाज ने पहले गुरुग्राम के बस अड्डे के पूछताछ केंद्र के लैंडलाइन नंबर पर राेडवेज बस बुक कराने के लिए कॉल की। पूछताछ केंद्र पर कर्मचारी ने बस बुकिंग के लिए ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद से बात करने के लिए कहते हुए मोबाइल नंबर बताया।
जालसाज ने ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद के मोबाइल पर कॉल करके बताया कि वह आर्मी से कैप्टन जोरा सिंह है और उसे चंडीगढ़ तक जवानों को ले जाने के लिए रोडवेज बस बुक करानी है। डीआई दुलीचंद ने चंडीगढ़ तक बस के जाने व आने का किराया 37 हजार रुपये बताया था। जोरा सिंह ने महावीर चौक के पास पुलिस लाइन के सामने रोडवेज बस मंगवाई। चालक व परिचालक बस को लेकर पुलिस लाइन के सामने चले गए और चालक सुरेंद्र ने जब जोरा सिंह के मोबाइल पर कॉल करके बताया कि बस आ गई और पहले बुकिंग की पेमेंट करनी होगी। जोरा सिंह ने कॉल पर बताया कि वह पुलिस लाइन के अंदर है और पुलिस लाइन के अंदर बस नहीं आ सकेगी और वह ऑनलाइन पेमेंट कर सकेगा। इसके बाद परिचालक ने डिपो अधिकारियों से बात करके जोरा सिंह को ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा तो जालसाज ने परिचालक सुरेंद्र के व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजकर कहा कि इसमें एक रुपया भेज दे, ताकि वह किराये का भुगतान कर सके।
परिचालक सुरेंद्र ने जब क्यूआर कोड पर एक रुपया भेजा तो उसको दो रुपये वापस मिले। इसके बाद परिचालक सुरेंद्र के बैंक खाते से तीन बार में 94 हजार रुपये कट गए। बैंक खाते से रुपये कटने के बारे में सुरेंद्र ने डिपो अधिकारियों को अवगत कराया तो अधिकारियों की समझ में आ गया कि किसी जालसाज ने परिचालक सुरेंद्र से ठगी की है तो उन्होंने चालक-परिचालक को बस सहित वापस डिपो में बुला लिया।
ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद ने बताया कि बैंक खाते से रुपये डेबिट होने के बारे में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने अन्य चालक-परिचालकों को भी निर्देश दिए हैं कि बस बुकिंग के लिए किसी अनजान व्यक्ति से ऑनलाइन भुगतान न करवाएं।

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पीड़ित परिचालक ने अपने साथ हुई ठगी के बारे में डिपाे अधिकारियों को सूचना दी तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके साइबर पुलिस को शिकायत दी। साइबर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 86,998 रुपये होल्ड करवा दिए और जालसाज की तलाश में जुट गई है। जालसाज ने इस वारदात को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया है। जालसाज ने पहले गुरुग्राम के बस अड्डे के पूछताछ केंद्र के लैंडलाइन नंबर पर राेडवेज बस बुक कराने के लिए कॉल की। पूछताछ केंद्र पर कर्मचारी ने बस बुकिंग के लिए ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद से बात करने के लिए कहते हुए मोबाइल नंबर बताया।
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जालसाज ने ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद के मोबाइल पर कॉल करके बताया कि वह आर्मी से कैप्टन जोरा सिंह है और उसे चंडीगढ़ तक जवानों को ले जाने के लिए रोडवेज बस बुक करानी है। डीआई दुलीचंद ने चंडीगढ़ तक बस के जाने व आने का किराया 37 हजार रुपये बताया था। जोरा सिंह ने महावीर चौक के पास पुलिस लाइन के सामने रोडवेज बस मंगवाई। चालक व परिचालक बस को लेकर पुलिस लाइन के सामने चले गए और चालक सुरेंद्र ने जब जोरा सिंह के मोबाइल पर कॉल करके बताया कि बस आ गई और पहले बुकिंग की पेमेंट करनी होगी। जोरा सिंह ने कॉल पर बताया कि वह पुलिस लाइन के अंदर है और पुलिस लाइन के अंदर बस नहीं आ सकेगी और वह ऑनलाइन पेमेंट कर सकेगा। इसके बाद परिचालक ने डिपो अधिकारियों से बात करके जोरा सिंह को ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा तो जालसाज ने परिचालक सुरेंद्र के व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजकर कहा कि इसमें एक रुपया भेज दे, ताकि वह किराये का भुगतान कर सके।
परिचालक सुरेंद्र ने जब क्यूआर कोड पर एक रुपया भेजा तो उसको दो रुपये वापस मिले। इसके बाद परिचालक सुरेंद्र के बैंक खाते से तीन बार में 94 हजार रुपये कट गए। बैंक खाते से रुपये कटने के बारे में सुरेंद्र ने डिपो अधिकारियों को अवगत कराया तो अधिकारियों की समझ में आ गया कि किसी जालसाज ने परिचालक सुरेंद्र से ठगी की है तो उन्होंने चालक-परिचालक को बस सहित वापस डिपो में बुला लिया।
ड्यूटी निरीक्षक (डीआई) दुलीचंद ने बताया कि बैंक खाते से रुपये डेबिट होने के बारे में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने अन्य चालक-परिचालकों को भी निर्देश दिए हैं कि बस बुकिंग के लिए किसी अनजान व्यक्ति से ऑनलाइन भुगतान न करवाएं।