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Gurugram News: बरसाती नालों में गिर रहा सीवर का पानी, यमुना हो रही दूषित
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जीएमडीए ने संबंधित विभागों से सीवर कनेक्शन बंद कराने को कहा
जीएमडीए व प्रदूषण बोर्ड की टीम ऐसी जगहों की करेगी संयुक्त जांच
अमर उजाला ब्यूरो
गुुरुग्राम। साइबर सिटी के खराब सीवर सिस्टम के कारण करीब 105 एमएलडी पानी बिना शोधित किए यमुना नदी में जा रहा है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं, जिसके माध्यम से बारिश का पानी नजफगढ़ ड्रेन से होकर यमुना नदी में जाता है। जीएमडीए के काफी प्रयास के बावजूद नालों में बिना शोधित कॉलोनियों व गांवों का गंदा पानी ड्रेनेज लाइनों में पहुंच रहा है। जीएमडीए ने संबंधित विभागों से सीवर कनेक्शन बंद कराने को कहा है।
जीएमडीए ने ड्रेनेज लाइनों की जांच किया तो पाया कि कई जगहों से सीवर का पानी डाला जा रहा है। जीएमडीए ने इन लाइनों को बंद करा दिया और नगर निगम को इसके लिए कदम उठाने को कहा। नगर निगम की वजीराबाद, टिकरी, धनकोट गांव, अंजना कॉलोनी, राजीव नगर ईस्ट व वेस्ट, उल्लावास, बादशाहपुर गांव, गाडौली गांव, राजेंद्र पार्क एरिया, उद्योग विहार समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं।कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह ने बताया कि गाडौली गांव के आगे बादशाहपुर नाला खुला है। इसके दोनों ओर काफी मकान बने हुए और लोगों ने सीधे सीवर की लाइन में डाल रखी थी। जीएमडीए ने ऐसी लाइनों को जेसीबी से तोड़ दिया था।
अधिकारी ने बताया कि संबंधित विभागों से कहा गया कि नालों में बिना शोधित पानी न डाले। जीएमडीए की टीम ऐसे जगहों पर नजर रखे हुए है। जल्द ही जीएमडीए और प्रदूषण बोर्ड समेत अन्य विभागों की टीम दौरा करेगी। एनजीटी का भी निर्देश है कि सीवर का पानी शोधित कर ही नालों में डाला जाए। इसके लिए जीएमडीए नए सीवर शोधन संयंत्र निर्माण और क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है।
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यमुना में जाता है इन बरसाती नालों का पानी
जीएमडीए के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं जो शहर के पानी को नजफगढ़ नाले तक ले जाते हैं। लेग एक ड्रेन (सिकंदरपुर से पालम विहार वाया नजफगढ़), लेग दो ड्रेन (सेक्टर 42 हुडा सिटी सेंटर से नजफगढ़) और लेग तीन ड्रेन (घाटा गांव से वाटिका चौक, हीरो होंडा चौक, सेक्टर 99 से नजफगढ़ ड्रेन) जिसे बादशाहपुर ड्रेन भी कहा जाता है। लेन-1 में नौ प्वाइंट से 15 एमएलडी गंदा पानी जा रहा है। लेन टू में जीएमडीए व नगर निगम समेत 11 पॉइंट से 17.50 एमएलडी है। लेन तीन में 37 पॉइंट से ड्रेनेज लाइन में 70 एमएलडी पानी गंदा जा रहा है।
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बरसाती नाले साफ होने चाहिए
पूर्व अभियंता सीआर बिश्नोई ने कहा कि बरसाती नालों में सीवर का पानी नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे अपराध की श्रेणी में गिना जाना चाहिए। पूर्व अभियंता ने बताया कि नाले के पानी का शोध नहीं होता है और पानी नदी में चला जाता है। इससे पानी प्रदूषित होता है। बिश्नोई ने बताया कि इसके लिए संबंधित विभागों को कदम उठाना चाहिए। गुरुग्राम में सीवर सिस्टम लचर है। आवासीय एरिया में भी कंपनी चल रही है। ऐसे में घरेलू एसटीपी में पानी शोधित सही तरीके से नहीं हो पाता है।
एसटीपी
धनवापुर में तीन यूनिट-218 एमएलडी
बेहरामपुर में दो यूनिट- 170 एमएलडी
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जीएमडीए व प्रदूषण बोर्ड की टीम ऐसी जगहों की करेगी संयुक्त जांच
अमर उजाला ब्यूरो
गुुरुग्राम। साइबर सिटी के खराब सीवर सिस्टम के कारण करीब 105 एमएलडी पानी बिना शोधित किए यमुना नदी में जा रहा है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं, जिसके माध्यम से बारिश का पानी नजफगढ़ ड्रेन से होकर यमुना नदी में जाता है। जीएमडीए के काफी प्रयास के बावजूद नालों में बिना शोधित कॉलोनियों व गांवों का गंदा पानी ड्रेनेज लाइनों में पहुंच रहा है। जीएमडीए ने संबंधित विभागों से सीवर कनेक्शन बंद कराने को कहा है।
जीएमडीए ने ड्रेनेज लाइनों की जांच किया तो पाया कि कई जगहों से सीवर का पानी डाला जा रहा है। जीएमडीए ने इन लाइनों को बंद करा दिया और नगर निगम को इसके लिए कदम उठाने को कहा। नगर निगम की वजीराबाद, टिकरी, धनकोट गांव, अंजना कॉलोनी, राजीव नगर ईस्ट व वेस्ट, उल्लावास, बादशाहपुर गांव, गाडौली गांव, राजेंद्र पार्क एरिया, उद्योग विहार समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं।कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह ने बताया कि गाडौली गांव के आगे बादशाहपुर नाला खुला है। इसके दोनों ओर काफी मकान बने हुए और लोगों ने सीधे सीवर की लाइन में डाल रखी थी। जीएमडीए ने ऐसी लाइनों को जेसीबी से तोड़ दिया था।
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अधिकारी ने बताया कि संबंधित विभागों से कहा गया कि नालों में बिना शोधित पानी न डाले। जीएमडीए की टीम ऐसे जगहों पर नजर रखे हुए है। जल्द ही जीएमडीए और प्रदूषण बोर्ड समेत अन्य विभागों की टीम दौरा करेगी। एनजीटी का भी निर्देश है कि सीवर का पानी शोधित कर ही नालों में डाला जाए। इसके लिए जीएमडीए नए सीवर शोधन संयंत्र निर्माण और क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है।
यमुना में जाता है इन बरसाती नालों का पानी
जीएमडीए के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं जो शहर के पानी को नजफगढ़ नाले तक ले जाते हैं। लेग एक ड्रेन (सिकंदरपुर से पालम विहार वाया नजफगढ़), लेग दो ड्रेन (सेक्टर 42 हुडा सिटी सेंटर से नजफगढ़) और लेग तीन ड्रेन (घाटा गांव से वाटिका चौक, हीरो होंडा चौक, सेक्टर 99 से नजफगढ़ ड्रेन) जिसे बादशाहपुर ड्रेन भी कहा जाता है। लेन-1 में नौ प्वाइंट से 15 एमएलडी गंदा पानी जा रहा है। लेन टू में जीएमडीए व नगर निगम समेत 11 पॉइंट से 17.50 एमएलडी है। लेन तीन में 37 पॉइंट से ड्रेनेज लाइन में 70 एमएलडी पानी गंदा जा रहा है।
बरसाती नाले साफ होने चाहिए
पूर्व अभियंता सीआर बिश्नोई ने कहा कि बरसाती नालों में सीवर का पानी नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे अपराध की श्रेणी में गिना जाना चाहिए। पूर्व अभियंता ने बताया कि नाले के पानी का शोध नहीं होता है और पानी नदी में चला जाता है। इससे पानी प्रदूषित होता है। बिश्नोई ने बताया कि इसके लिए संबंधित विभागों को कदम उठाना चाहिए। गुरुग्राम में सीवर सिस्टम लचर है। आवासीय एरिया में भी कंपनी चल रही है। ऐसे में घरेलू एसटीपी में पानी शोधित सही तरीके से नहीं हो पाता है।
एसटीपी
धनवापुर में तीन यूनिट-218 एमएलडी
बेहरामपुर में दो यूनिट- 170 एमएलडी