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जिस मामले में फंसे सलमान खान, इस केस ने दे दी उसे भी मात!

धीरज बेनीवाल/अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Tue, 19 May 2015 06:08 PM IST
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Insurance fraud case reveales in court
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बॉलीवुड स्टार सलमान खान के हिट एंड रन मामले की तर्ज पर सड़क दुर्घटना का एक बेहद पेचीदा और संदेहास्पद मामला दिल्ली में सामने आया है।

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जिसमें एक्सीडेंट करने वाला कार ड्राइवर, कार चला रहा था लेकिन दूसरी ओर बाइक सवार जख्मी युवक को कार की मालकिन अस्पताल पहुंचाती है। अदालत ने इस मामले में दिल्ली पुलिस उपायुक्त सतर्कता को जांच करवाने का निर्देश दिया है।
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अदालत ने केस के तथ्यों के मद्देनजर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। इस मामले में जांच के लिए यह सारे तथ्य दिल्ली पुलिस के डीसीपी विजिलेंस की जानकारी में लाना जरूरी है।

इसके अलावा जांच अधिकारी से केस डायरी ली जाए और इस मामले की जांच इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी से कराई जाए। मामला दिल्ली के विकास पुरी इलाके का है।

ना FIR दर्ज करवाई ना अस्पताल पहुंचाया

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तीस हजारी अदालत के एमएसीटी जज आरपीएस तेजी ने सड़क दुर्घटना मुआवजा याचिका पर सुनवाई की। उसमें कहा कि माता चन्नन देवी अस्पताल की एमएलसी के मुताबिक घायल विशाल को कार की मालकिन सुमन ने अस्पताल पहुंचाया।

जबकि उस कार को, ड्राइवर संजय कुमार गिरधर चला रहा था। घायल का पिता मौके पर मौजूद था लेकिन वह न तो एफआईआर दर्ज करवाता है और न ही घायल बेटे के साथ अस्पताल जाता है।

अदालत ने एफआईआर का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस के मुताबिक संजय कुमार ने घायल विशाल के जीजा दीपक को घायल के मोबाइल से फोन करके एक्सीडेंट होने की सूचना दी लेकिन उसने हादसे का समय नहीं बताया।

अदालत ने दिया डार का हवाला

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अदालत ने डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डार) का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें घायल विशाल कुमार व उसके पिता सुभाष का बयान है।

डार के मुताबिक बाइक सुभाष चला रहा था और विशाल बाइक की पिछली सीट पर बैठा था। पुलिस ने डार में डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं का जिक्र नहीं किया है।

अदालत ने कार चालक संजय कुमार गिरधर के आचरण पर संदेह जताते हुए कहा कि जब हादसे के समय सुभाष मौजूद था तो विशाल के घायल होने की सूचना उसके जीजा दीपक को क्यों दी गई।

जांच फाइल पर नहीं लगा ड्राइविंग लाइसेंस

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सुभाष मौके पर मौजूद था तो फिर केस की एफआईआर उसकी सूचना पर दर्ज क्यों नहीं की गई। पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए अदालत ने कहा कि पिता मौके पर मौजूद था लेकिन गंभीर रूप से घायल बेटे के साथ वह अस्पताल नहीं गया।

पुलिस की जांच में पिता की मौजूदगी के बारे में कोई जिक्र नहीं है। पुलिस ने सुभाष व उसके बेटे विशाल कुमार का ड्राइविंग लाइसेंस फाइल पर नहीं लगाया है।

माता चन्नन देवी अस्पताल की एमएलसी के मुताबिक मरीज को 13 फरवरी 2015 की शाम 7:45 बजे अस्पताल पहुंच गया और सड़क हादसे का समय शाम 7:20 से 7:30 बजे बताया गया जबकि एक स्थान पर मरीज के लाने का समय शाम 6:45 बताया गया है।

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