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यूट्यूब वीडियो के जरिये युवाओं को भटका रहा था आईएस, एनआईए की जांच में खुलासा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दिल्ली
Published by: विक्रांत चतुर्वेदी
Updated Mon, 04 Mar 2019 11:54 PM IST
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एनआईए की टीम
- फोटो : amar ujala
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आईएस के समर्थक युवाओं को प्रेरित करने के लिए अल कायदा की पत्रिका इंस्पायर में यमन के उपदेशक व लेखक अनवर अल अवलाकी के यू ट्यूब वीडियो का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके अलावा आस्ट्रेलिया के विवादित उपदेशक मूसा सीरेनटोनियो के उपदेशों का इस्तेमाल युवाओं को संगठन में शामिल करने के लिए कर रहे थे। यह दावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल करके किया है।
पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश के समक्ष एनआईए ने अब्दुल्ला बासित व अब्दुल कादिर के खिलाफ पेश पूरक आरोप पत्र में यह बात कही है। इन दोनों आरोपियों को 12 अगस्त 2018 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर संगठन में भर्ती व आतंकी वारदातों के लिए संभावित मुस्लिम युवकों की पहचान तथा उन्हें प्रेरित करने का आरोप है।
एनआईए ने इस मामले में 20 जुलाई 2016 को तीन आरोपियों शेख अजहर उल इस्लाम उर्फ अब्दुल सत्तार शेख, मोहम्मद फरहान उर्फ मोहम्मद रफीक शेख व अदनान हसन उर्फ मोहम्मद हुसैन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से शेख अजहर उल इस्लाम व मोहम्मद फरहान अपना जुर्म स्वीकार कर चुके हैं और इन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी। मामले में हसन के खिलाफ केस की सुनवाई चल रही है।
एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में कहा कि बासित 2012 से 2014 तक स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (एसआईओ) का सहायक सदस्य था लेकिन उसे आईएस के साथ सहानुभूति रखने के चलते एसआईओ से निकाल दिया गया था। यहां पर बासित की मुलाकात अदनान अहमद से हुई थी और उसने ही उसे यू ट्यूब पर ऐसे वीडियो देखने के लिए प्रेरित किया था।
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पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश के समक्ष एनआईए ने अब्दुल्ला बासित व अब्दुल कादिर के खिलाफ पेश पूरक आरोप पत्र में यह बात कही है। इन दोनों आरोपियों को 12 अगस्त 2018 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर संगठन में भर्ती व आतंकी वारदातों के लिए संभावित मुस्लिम युवकों की पहचान तथा उन्हें प्रेरित करने का आरोप है।
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एनआईए ने इस मामले में 20 जुलाई 2016 को तीन आरोपियों शेख अजहर उल इस्लाम उर्फ अब्दुल सत्तार शेख, मोहम्मद फरहान उर्फ मोहम्मद रफीक शेख व अदनान हसन उर्फ मोहम्मद हुसैन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से शेख अजहर उल इस्लाम व मोहम्मद फरहान अपना जुर्म स्वीकार कर चुके हैं और इन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी। मामले में हसन के खिलाफ केस की सुनवाई चल रही है।
एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में कहा कि बासित 2012 से 2014 तक स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (एसआईओ) का सहायक सदस्य था लेकिन उसे आईएस के साथ सहानुभूति रखने के चलते एसआईओ से निकाल दिया गया था। यहां पर बासित की मुलाकात अदनान अहमद से हुई थी और उसने ही उसे यू ट्यूब पर ऐसे वीडियो देखने के लिए प्रेरित किया था।