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सेहत की बात: ठंड की चपेट में आने से हाइपोथर्मिया का खतरा, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने जारी किए दिशा-निर्देश
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Mon, 22 Dec 2025 07:55 AM IST
सार
हाइपोथर्मिया होने पर शरीर का तापमान सामान्य 98.60एफ (370सी) से घटकर 950एफ (350सी) या उससे नीचे चला जाता है। व्यस्कों में कंपकंपी, याददाश्त में कमी, थकावट, भ्रम, अस्पष्ट वाणी, हाथ फड़फड़ाना जैसे लक्षण देखने को मिलते है जबकि बच्चों की त्वचा लाल और ठंडी हो जाती है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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विस्तार
दिल्ली में बढ़ती ठंड से हाइपोथर्मिया की आशंका के बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने एडवाइजरी जारी कर सर्दी से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ठंड से सबसे अधिक जोखिम बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बेघरों को है। अत्याधिक सर्दी की चपेट में आने से मौत भी हो सकती है।
हाइपोथर्मिया होने पर शरीर का तापमान सामान्य 98.60एफ (370सी) से घटकर 950एफ (350सी) या उससे नीचे चला जाता है। व्यस्कों में कंपकंपी, याददाश्त में कमी, थकावट, भ्रम, अस्पष्ट वाणी, हाथ फड़फड़ाना जैसे लक्षण देखने को मिलते है जबकि बच्चों की त्वचा लाल और ठंडी हो जाती है। ऊर्जा की कमी महसूस करने लगते है। हाइपोथर्मिया होने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय उपचार की जरूरत होती है। गंभीर हाइपोथर्मिया वाला व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
ठंड से बचाव के लिए यह करें
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हाइपोथर्मिया होने पर शरीर का तापमान सामान्य 98.60एफ (370सी) से घटकर 950एफ (350सी) या उससे नीचे चला जाता है। व्यस्कों में कंपकंपी, याददाश्त में कमी, थकावट, भ्रम, अस्पष्ट वाणी, हाथ फड़फड़ाना जैसे लक्षण देखने को मिलते है जबकि बच्चों की त्वचा लाल और ठंडी हो जाती है। ऊर्जा की कमी महसूस करने लगते है। हाइपोथर्मिया होने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय उपचार की जरूरत होती है। गंभीर हाइपोथर्मिया वाला व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
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ठंड से बचाव के लिए यह करें
- ठंड के संपर्क में आने से बचने के लिए घर के अंदर रहें। कम यात्रा करें। भारी कपड़ों की जगह गर्म ऊनी कपड़ों को पहनें। टोपी-मफलर का उपयोग करें।
- संतुलित आहार के साथ विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें। बुजुर्गों-बच्चों का ध्यान रखें।
- अकेले रहने वाले बुजुर्ग पड़ोसियों की सेहत के बारे में पता करते रहे। ज्यादा समय ठंड में रहने पर शरीर सुन्नप होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें।
- मादक पेय पदार्थों का सेवन ना करें। प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दें, जब तक वह पूरी तरह सचेत न हो।
- बंद एवं बिना हवादार कमरों में मोमबत्तियां, लकड़ी आदि न जलाएं और कार्बन मोनोऑक्साइड के दुष्प्रभाव से बचें।