सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Kejriwal government approves construction of new shed for maintenance of Vande Bharat trains

Delhi: वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए नए शेड के निर्माण का रास्ता साफ, केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Mon, 03 Jul 2023 07:16 PM IST
सार

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रेलवे को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, देश को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रस्ताव स्वीकार किया गया है।

विज्ञापन
Kejriwal government approves construction of new shed for maintenance of Vande Bharat trains
वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए नए शेड के निर्माण का रास्ता साफ - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दिल्ली में वंदे भारत ट्रेनों के लिए नए रखरखाव शेड के निर्माण को अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंजूरी दे दी है। सीएम केजरीवाल ने इस परियोजना के निर्माण के लिए वृक्षों की हटाई और स्थानांतरण की अनुमति देने के लिए आदेश जारी कर दिया है। नया ट्रेन शेड शकूरबस्ती में बनाने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली का शकूरबस्ती रेलवे शेड वंदेभारत ट्रेन की मरम्मत के लिए वैश्विक स्तर का हब बनने जा रहा है। यहां एक साथ 17 वंदे भारत ट्रेनसेट का रखरखाव किया जा सकेगा।

Trending Videos


विज्ञापन
विज्ञापन


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रेलवे को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, देश को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इसके निर्माण के लिए करीब 70 वृक्षों को प्रत्यारोपित किया जाएगा। इसके साथ ही आठ वृक्षों को साइट से हटाया भी जाएगा। इन वृक्षों के बदले में 780 नए पौधों को लगाया जाएगा। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सहयोग से तैयार हो रहे इस शेड में एक साथ पूरी ट्रेन को ऊपर की तरफ लिफ्ट किया जाएगा, न कि एक-एक कोच को, जबकि अभी तक रेलवे के दूसरे शेड में अलग-अलग कोच का रखरखाव होता है। इसका फायदा यह होगा कि ट्रेन अगर लेट भी होती है तो वापसी की दिशा में ट्रेन की रवानगी देरी से नहीं होगी। अधिकारियों के मुताबिक, इसके निर्माण की आखिरी अड़चन भी अब दूर हो गई है। राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट होने से दिल्ली सरकार ने यहां से पेड़ों को हटाने की अनुमति दे दी है।

रेलवे अपनी तरह के पहले इस शेड को तीन लेयर में तैयार कर रहा है। इससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में ट्रेन सेट का रखरखाव हो सकेगा। ट्रेन सेट डिपो अपनी नई रखरखाव सुविधा के निर्माण के साथ ट्रेनसेट रखरखाव के लिए नए मानक स्थापित करेगा। यह सुविधा नवीनतम तकनीक और उपकरणों जैसे इंस्पेक्शन बे-लाइन, सिंक्रोनाइज्ड पिट जैक, रिट्रैक्टेबल ओएचई, पिट व्हील लेथ से सुसज्जित होगी। डिपो नियमित जांच से लेकर प्रमुख ओवरहाल तक ट्रेन रखरखाव के सभी पहलुओं को संभालने में सक्षम होगा।

अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर बीते साल अप्रैल में काम शुरू हुआ था। फिलहाल इस शेड में तीन वंदे भारत ट्रेनों का रखरखाव किया जा रहा है। सितंबर तक प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसमें 17 ट्रेनों का रखरखाव संभव होगा। चेयरकार वाली ट्रेन के साथ ही स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन का रखरखाव भी यहां संभव हो सकेगा। ट्रैक्शन और प्रोपल्शन सिस्टम, ईपी ब्रेक सिस्टम, बोगियों की ओवरहॉलिंग, व्हीलसेट की रिडिस्किंग, हाई वोल्टेज सिस्टम की ओवरहॉलिंग, बाहरी प्लग दरवाजे, आंतरिक आईसी दरवाजे आदि की पूरी ओवरहालिंग की जाएगी।

बाधक बन रहे पेड़ों को हटाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
दिल्ली सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए 78 पेड़ों को हटाकर दूसरी जगह लगाने की अनुमति मिली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रहित का प्रोजेक्ट होने से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। निर्माण एजेंसी को 78 पेड़ों को हटाने व ट्रांसप्लांट करने के बदले 780 नए पौधे लगाने की शर्त भी जोड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे को आधुनिक बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है। इस मंजूरी से देश को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना पौधरोपण अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री प्रस्ताव को उपराज्यपाल के पास भेजेंगे
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिह्नित पेड़ों के अलावा रेलवे एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। अगर रेलवे द्वारा अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा। रेलवे के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपित करने के बदले में 10 गुना पौधे लगाना अनिवार्य किया है। रेलवे अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी लेगा।

शर्तें भी कम नहीं
रेलवे को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जो प्रत्यारोपित पौधे सर्वाइव (जीवित) न कर पाएं, उनके लिए 15 फीट ऊंचाई और कम से कम 6 इंच व्यास वाली स्वदेशी पौधों की प्रजातियां 1:5 के अनुपात में लगानी होंगी। अगर किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि पक्षी उस पेड़ को छोड़ न दें। इसके अलावा पेड़ों की टहनियों की कटाई के 90 दिन के अंदर उनको मुफ्त में निकटतम श्मशान में भेजा जाएगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed