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यूपी: नोएडा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- नहीं लगेगा लॉकडाउन, न ही सील होगा बॉर्डर
माई सिटी रिपोर्टर, नोएडा
Published by: प्राची प्रियम
Updated Thu, 26 Nov 2020 11:32 AM IST
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जय प्रताप सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह बुधवार को जिला अस्पताल स्थित डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ, कोरोना नियंत्रण की समीक्षा व मरीजों का हाल जानने के लिए नोएडा पहुंचे। इस मौके पर सेक्टर-59 स्थित कोविड कॉल सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि यूपी में कोरोना की न तो कोई दूसरी या तीसरी लहर है और न ही सामुदायिक प्रसार हुआ है।
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जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सभी कड़ी ढूंढने में कामयाब साबित हुए हैं। वैक्सीन के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर हैं। गौतमबुद्धनगर में अलग-अलग स्थानों पर वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए 13 कोल्ड चेन स्थापित की गई हैं। साथ ही, दिल्ली में मास्क न पहनने पर 2000 रुपये जुर्माना, लॉकडाउन किए जाने और दिल्ली-नोएडा बॉर्डर सील किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर को सील नहीं किया जाएगा। न ही यूपी में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। 2000 रुपये जुर्माना किए जाने पर भी विचार नहीं है। पहले की तरह 500 रुपये जुर्माना ही रहेगा।
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उन्होंने बताया कि प्रतिरक्षण कार्यक्रम पहले से ही व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है। 15 दिसंबर तक वैक्सीन को लेकर सभी 75 जिलों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएंगी। व्यापक पैमाने पर प्रतिरक्षण कार्यक्रम का बनाया हुआ है। 15 दिसंबर तक सभी जगह व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएंगी। प्रदेश में 70,631 वैक्सीनेटर (टीकाकरण करने वाले) तैयार कर लिए गए हैं।
इनमें एएनएम, फार्मासिस्ट, चिकित्सक आदि शामिल हैं। कोरोना को खत्म समझकर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। यह गलत है, मास्क पहनकर 80 से 90 फीसदी तक संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर रैंडम सैंपलिंग जारी रहेगी।
पहले 50 से अधिक उम्र वालों को लगेगी वैक्सीन
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन पहले सभी मुख्यमंत्रियों के साथ ऑनलाइन बैठक हुई थी। इसमें वैक्सीन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी।
इसके अलावा 50 से अधिक उम्र वाले व्यक्ति अधिक कोरोना की चपेट में आए हैं। इनमें काफी नौकरी पेशे वाले भी हैं। बैठक में चर्चा हुई कि स्वास्थ्य कर्मियों के बाद 50 से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को वैक्सीन दी जाए।
कोरोना पर बदनाम कर रहे विपक्षी दल
स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया कि दिल्ली में एक दिन में 7 से 8 हजार केस आ रहे हैं तो उससे सटे नोएडा में आंकड़ा इतना कम क्यों हैं। इस पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हमेशा विरोधियों के निशाने पर रहा है।
हमें बदनाम किया जाता है। इसी कारण से आरोप लग रहे हैं। जमीनी हालात देखें तो प्रदेश में आबादी के हिसाब से जांच अधिक हैं। पौने दो लाख बेड हैं और चिकित्सक व तमाम संसाधन मौजूद हैं।
दिल्ली सरकार का कोरोना प्रबंधन सही नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में टेस्टिंग अनुपात आरटीपीसीआर और एंटीजन में अंतर आ रहा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि दिल्ली में 8 जून से 15 जुलाई तक चार लाख की आबादी में से दो लाख का एंटीजन टेस्ट किया गया। इनमें से करीब एक लाख पॉजिटिव निकले।
जबकि शेष में काफी संख्या में लक्षण वाले थे, लेकिन किसी को आईसोलेट नहीं किया। उन्होंने खुलेआम घूमकर कोरोना फैलाया। एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने के बाद भी लक्षण वाले व्यक्ति की हर हाल में आरटीपीसीआर जांच होनी चाहिए। इस मामले में दिल्ली का प्रबंधन सही नहीं रहा।
स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया कि दिल्ली में एक दिन में 7 से 8 हजार केस आ रहे हैं तो उससे सटे नोएडा में आंकड़ा इतना कम क्यों हैं। इस पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हमेशा विरोधियों के निशाने पर रहा है।
हमें बदनाम किया जाता है। इसी कारण से आरोप लग रहे हैं। जमीनी हालात देखें तो प्रदेश में आबादी के हिसाब से जांच अधिक हैं। पौने दो लाख बेड हैं और चिकित्सक व तमाम संसाधन मौजूद हैं।
दिल्ली सरकार का कोरोना प्रबंधन सही नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में टेस्टिंग अनुपात आरटीपीसीआर और एंटीजन में अंतर आ रहा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि दिल्ली में 8 जून से 15 जुलाई तक चार लाख की आबादी में से दो लाख का एंटीजन टेस्ट किया गया। इनमें से करीब एक लाख पॉजिटिव निकले।
जबकि शेष में काफी संख्या में लक्षण वाले थे, लेकिन किसी को आईसोलेट नहीं किया। उन्होंने खुलेआम घूमकर कोरोना फैलाया। एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने के बाद भी लक्षण वाले व्यक्ति की हर हाल में आरटीपीसीआर जांच होनी चाहिए। इस मामले में दिल्ली का प्रबंधन सही नहीं रहा।