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Noida News: यात्रियों की मांग पर हो सकता है वंदे भारत का विस्तार
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बदहाल हाईवे की कमी नहीं खलने देगी वंदे भारत
दरबार मूव प्रथा शुरू होने से श्रीनगर से जम्मू आएंगे सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी
हाईवे या ट्रेन होगा आने का जरिया, आठ कोच वाली दो वंदे भारत होगी ओवरलोड
जम्मू। रेलवे ने इस बात के संकेत दिए हैं कि दरबार मूव बहाल होने के बाद यदि यात्रियों की संख्या और उनकी मांग बढ़ी तो वंदे भारत के विस्तार पर विचार किया जा सकता है। चार साल बाद एक बार फिर दरबार मूव प्रथा शुरू हो रही है। तीन नवंबर से अगले छह माह केे लिए सरकार जम्मू से चलेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मियों को श्रीनगर से जम्मू आना होगा। इसके लिए उनके पास दो विकल्प होंगे। पहला श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग व दूसरा ट्रेन के जरिए। माना जा रहा है कि टूटे रास्तों की समस्या के बीच वंदे भारत बदहाल हाईवे की कमी नहीं खलने देगी।
बीते दिनों आई बाढ़ और जगह-जगह भूस्खलन से हाईवे क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसे में आवागमन के लिए ट्रेन ही सबसे मुफीद और सुरक्षित जरिया होगी लेकिन श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर के बीच महज दो जोड़ी ही वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेन चलती हैं। सैकड़ों की संख्या में आने वाले सरकारी कर्मचारियों और उनके परिजन के लिए ये नाकाफी साबित होगी। इसके लिए रेलवे वंदे भारत की बोगी या फेरे बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सुबह और दोपहर में कटड़ा-श्रीनगर-कटड़ा के बीच आठ कोच की चलने वाली वंदे भारत ट्रेन कश्मीरियों और जम्मू के लोगों की भी पहली पसंद है। ब्यूरो
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ट्रेन की संख्या या बोगी बढ़े तो होगी सहूलियत : दरबार मूव परंपरा शुरू होने से वंदे भारत से आने-जाने वालों यात्रियोंं की संख्या भी दोगुना से ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे के पास दो उपाय हैं। पहला यह कि ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। जैसे अभी महज दो जोड़ी चल रही वंदेभारत की संख्या बढ़ाकर तीन या चार जोेड़ी कर दी जाए। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अनुमति ली जा सकती है। दूसरा यह है कि जब तक ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ती है तब तक मौजूदा समय चल रही वंदेभारत मेंं बोगी की संख्या 8 से बढ़ाकर 20 कर दी जाए। अभी देश के कई रूट जैसे नई दिल्ली-कटड़ा और अजनी (नागपुर)-पुणे समेत अन्य रूट पर 20 बोेगी वाली वंदेभारत चल रही है।
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जोखिम भरा है हाईवे, ट्रेन बेहतर विकल्प: करीब 280 किमी लंबा जम्मू-श्रीनगर (एनएच-44) राष्ट्रीय राजमार्ग भीषण बारिश और भूस्खलन के चलते बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। बनिहाल, रामबन और उधमपुर में कई किमी सड़क और दर्जनों छोटे-बड़े पुल टूटे पड़े हैं। अधिकतर जगहों पर सिंगल लेन सड़क से गाड़ियां अप-डाउन कर रही हैं। जोखिम के साथ ही समय भी पूर्व में चार-पांच घंटे की बजाए आठ-नौ घंटे लग रहा है। आए दिन हादसे हो रहे हैं।
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राज्य सरकार की पहल और यात्रियों की डिमांड पर वंदे भारत के विस्तार पर विचार किया जाएगा। उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर जनहित में सकारात्मक पहल की जाएगी। रेलवे के लिए यात्रियों का हित सर्वोपरि है।
- उचित सिंघल, वरिष्ठ वाणिज्य रेल प्रबंधक जम्मू रेल मंडल

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हाईवे या ट्रेन होगा आने का जरिया, आठ कोच वाली दो वंदे भारत होगी ओवरलोड
जम्मू। रेलवे ने इस बात के संकेत दिए हैं कि दरबार मूव बहाल होने के बाद यदि यात्रियों की संख्या और उनकी मांग बढ़ी तो वंदे भारत के विस्तार पर विचार किया जा सकता है। चार साल बाद एक बार फिर दरबार मूव प्रथा शुरू हो रही है। तीन नवंबर से अगले छह माह केे लिए सरकार जम्मू से चलेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मियों को श्रीनगर से जम्मू आना होगा। इसके लिए उनके पास दो विकल्प होंगे। पहला श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग व दूसरा ट्रेन के जरिए। माना जा रहा है कि टूटे रास्तों की समस्या के बीच वंदे भारत बदहाल हाईवे की कमी नहीं खलने देगी।
बीते दिनों आई बाढ़ और जगह-जगह भूस्खलन से हाईवे क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसे में आवागमन के लिए ट्रेन ही सबसे मुफीद और सुरक्षित जरिया होगी लेकिन श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर के बीच महज दो जोड़ी ही वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेन चलती हैं। सैकड़ों की संख्या में आने वाले सरकारी कर्मचारियों और उनके परिजन के लिए ये नाकाफी साबित होगी। इसके लिए रेलवे वंदे भारत की बोगी या फेरे बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सुबह और दोपहर में कटड़ा-श्रीनगर-कटड़ा के बीच आठ कोच की चलने वाली वंदे भारत ट्रेन कश्मीरियों और जम्मू के लोगों की भी पहली पसंद है। ब्यूरो
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ट्रेन की संख्या या बोगी बढ़े तो होगी सहूलियत : दरबार मूव परंपरा शुरू होने से वंदे भारत से आने-जाने वालों यात्रियोंं की संख्या भी दोगुना से ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे के पास दो उपाय हैं। पहला यह कि ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। जैसे अभी महज दो जोड़ी चल रही वंदेभारत की संख्या बढ़ाकर तीन या चार जोेड़ी कर दी जाए। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अनुमति ली जा सकती है। दूसरा यह है कि जब तक ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ती है तब तक मौजूदा समय चल रही वंदेभारत मेंं बोगी की संख्या 8 से बढ़ाकर 20 कर दी जाए। अभी देश के कई रूट जैसे नई दिल्ली-कटड़ा और अजनी (नागपुर)-पुणे समेत अन्य रूट पर 20 बोेगी वाली वंदेभारत चल रही है।
जोखिम भरा है हाईवे, ट्रेन बेहतर विकल्प: करीब 280 किमी लंबा जम्मू-श्रीनगर (एनएच-44) राष्ट्रीय राजमार्ग भीषण बारिश और भूस्खलन के चलते बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। बनिहाल, रामबन और उधमपुर में कई किमी सड़क और दर्जनों छोटे-बड़े पुल टूटे पड़े हैं। अधिकतर जगहों पर सिंगल लेन सड़क से गाड़ियां अप-डाउन कर रही हैं। जोखिम के साथ ही समय भी पूर्व में चार-पांच घंटे की बजाए आठ-नौ घंटे लग रहा है। आए दिन हादसे हो रहे हैं।
राज्य सरकार की पहल और यात्रियों की डिमांड पर वंदे भारत के विस्तार पर विचार किया जाएगा। उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर जनहित में सकारात्मक पहल की जाएगी। रेलवे के लिए यात्रियों का हित सर्वोपरि है।
- उचित सिंघल, वरिष्ठ वाणिज्य रेल प्रबंधक जम्मू रेल मंडल