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Noida News: अखलाक मॉब लिंचिंग केस वापसी पर सीपीआई नेता वृंदा करात ने जताया विरोध
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फोटो --
- सूरजपुर स्थित कोर्ट परिसर में वृंदा करात ने वकील से की मुलाकात
माई सिटी रिपोर्टर
ग्रेटर नोएडा। सीपीआई (एम) नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात सोमवार को सूरजपुर स्थित कोर्ट पहुंची। यहां उन्होंने बार एसोसिएशन के नेताओं से बात की। साथ ही अखलाक हत्याकांड केस वापस लेने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केस वापसी की कवायद पर गंभीर चिंता जताई।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी ने बताया कि वृंदा करात अखलाक मॉब लिंचिंग केस वापसी से जुड़े मामले की जानकारी लेने के लिए पहुंची थीं। अधिवक्ता रूपेश वर्मा ने बताया कि वृंदा करात करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर में रहीं। उन्होंने अखलाक के वकील से बातचीत कर सरकार के रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हत्या जैसे गंभीर मामले को वापस लेना न्यायिक व्यवस्था और संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। कोर्ट परिसर में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के नेता गजेंद्र खारी, किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ़ रुपेश वर्मा, बार एसोसिएशन के सचिव अजीत नागर ने वृंदा करात का स्वागत किया।
12 दिसंबर को होनी है मामले पर सुनवाई : बिसाहड़ा गांव में अखलाक मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के मामले में 12 दिसंबर को सुनवाई होगी। अखलाक के परिजन और वकील युसुफ सैफी का कहना है कि मामले में अदालत के फैसले के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे। सरकार ने मामले में धारा-321 के तहत एक प्रार्थना पत्र लगाया है। मालूम हो कि 28 सितंबर 2015 की रात को थाना जारचा क्षेत्र के गांव बिसाहड़ा में गोमांस के सेवन की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने एक घर पर हमला कर दिया था। इस दौरान गांव निवासी अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जबकि उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था और बिसाहड़ा गांव सुर्खियों में आ गया था। मामले में अखलाख की पत्नी इकरामन ने दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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माई सिटी रिपोर्टर
ग्रेटर नोएडा। सीपीआई (एम) नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात सोमवार को सूरजपुर स्थित कोर्ट पहुंची। यहां उन्होंने बार एसोसिएशन के नेताओं से बात की। साथ ही अखलाक हत्याकांड केस वापस लेने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केस वापसी की कवायद पर गंभीर चिंता जताई।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी ने बताया कि वृंदा करात अखलाक मॉब लिंचिंग केस वापसी से जुड़े मामले की जानकारी लेने के लिए पहुंची थीं। अधिवक्ता रूपेश वर्मा ने बताया कि वृंदा करात करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर में रहीं। उन्होंने अखलाक के वकील से बातचीत कर सरकार के रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हत्या जैसे गंभीर मामले को वापस लेना न्यायिक व्यवस्था और संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। कोर्ट परिसर में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के नेता गजेंद्र खारी, किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ़ रुपेश वर्मा, बार एसोसिएशन के सचिव अजीत नागर ने वृंदा करात का स्वागत किया।
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12 दिसंबर को होनी है मामले पर सुनवाई : बिसाहड़ा गांव में अखलाक मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के मामले में 12 दिसंबर को सुनवाई होगी। अखलाक के परिजन और वकील युसुफ सैफी का कहना है कि मामले में अदालत के फैसले के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे। सरकार ने मामले में धारा-321 के तहत एक प्रार्थना पत्र लगाया है। मालूम हो कि 28 सितंबर 2015 की रात को थाना जारचा क्षेत्र के गांव बिसाहड़ा में गोमांस के सेवन की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने एक घर पर हमला कर दिया था। इस दौरान गांव निवासी अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जबकि उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था और बिसाहड़ा गांव सुर्खियों में आ गया था। मामले में अखलाख की पत्नी इकरामन ने दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।