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यमुना एक्सप्रेसवे: नियम तोड़ फर्राटा भर रहीं डबल डेकर, खचाखच भरे यात्री व तेज रफ्तार जोखिम में डाल रहे जान

माई सिटी रिपोर्टर, ग्रेटर नोएडा Published by: Vikas Kumar Updated Wed, 21 Dec 2022 06:22 PM IST
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सार

रात के समय वाहन चालक नींद में किसी दुर्घटना का शिकार न हो इसके लिए रात 12 से सुबह पांच बजे तक टोल पर कर्मचारियों की टीम चालकों को चाय पिलाने के साथ ही ठंडे पानी से मुंह धूलवाने के लिए रोकती है।

Double decker breaking the rules on Yamuna Expressway crowded passengers and high speed putting lives at risk
यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़े हादसे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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यमुना एक्सप्रेसवे पर 384 स्लीपर कोच (डबल डेकर) बसें नियमों का उल्लंघन कर फर्राटा भर रही हैं। लंबी दूरी के रूटों पर चलने वाली इन बसों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई जा रही हैं। अधिकांश बसों का संचालन रात के समय किया जा रहा है। कई बसों में केवल एक ही चालक होता है। यही कारण है कि कई बार ये बसें न केवल हादसे का शिकार हुईं हैं बल्कि हादसे का कारण भी बनी हैं। अधिकांश हादसे लंबी दूरी तय करने के कारण चालक को नींद की झपकी, तेज रफ्तार व ओवरलोड होने के कारण ही होते हैं। इससे पहले 10 अक्तूबर को इसी तरह एक डबल डेकर बस हादसे का शिकार हुई थी और 24 यात्री घायल हुए थे। मंगलवार सुबह हुए हादसे के बाद भी यात्रियों ने बस के ओवरलोड और तेज रफ्तार होने का आरोप लगाया है। बस में क्षमता से लगभग दोगुना यात्री सवार थे।

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यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन हजारों लोग सफर करते हैं। यूपी के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों से नोएडा-दिल्ली आने व यहां से अपने घरों को लौटने के लिए एक्सप्रेसवे का रास्ता चुनते हैं। सार्वजनिक बस सेवा पर्याप्त नहीं होने के कारण यात्री यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते कम समय में लंबा सफर तय करने के लिए निजी बसों का सहारा लेते हैं। यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए यहां पर स्लीपर कोच डबल डेकर बसों की संख्या 384 तक पहुंच गई है। इनके अलावा भी लगभग 200 निजी बस यमुना एक्सप्रेसवे पर दिन-रात दौड़ती हैं। अधिक कमाई के लालच में क्षमता से अधिक यात्रियों को बस में सवार कराकर उनकी जान जोखिम में डाली जा रही है।

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दो सवारियों के स्लीपर में छह लोग सवार
मध्यप्रदेश के सागर जिला निवासी रामबाबू व उनकी पत्नी संध्या ने बताया कि सोमवार शाम जब उनके जिले में बस खड़ी थी तो इसके चलने का लंबा इंतजार करना पड़ा। बस चलने से पहले क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया गया। दो सवारियों के स्लीपर में उनके छह सदस्यों के परिवार को बैठाया गया। नीचे सीट व अन्य स्लीपर पर भी क्षमता से अधिक यात्री बैठे थे। दंपती ने चालक के तेज रफ्तार में बस चलाने व नशे में भी होने का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस ने चालक के नशे में बस चलाने की पुष्टि नहीं की है। रामबाबू ने बताया कि हादसा लगभग छह बजे हुआ। बस से सबसे पहले वह शीशा खोलकर किसी तरह बाहर निकाला। फिर अपने परिवार व अन्य यात्रियों को निकालने में मदद की। करीब आधे घंटे बाद सबसे पहले एंबुलेंस पहुंची। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर यात्रियों की मदद में जुट गई।

बस में छूटा सामान, खाने को करना पड़ा इंतजार
जिम्स अस्पताल में भर्ती यात्री व उनके परिजन ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस उन्हें जिम्स ले आई लेकिन उनका सामान, पर्स, रुपये-पैसे आदि वहीं रह गए। इसके चलते उन्हें अपने बच्चों को दूध व खाने की व्यवस्था करने में परेशानी उठानी पड़ी। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद जिम्स प्रबंधन ने भी उनके लिए खाना मुहैया कराया। वहीं, दनकौर थाना प्रभारी ने बताया कि सभी यात्रियों का सामान सुरक्षित है।

घने कोहरे में 80 की रफ्तार से तय किया सफर
टोल अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह एक्सप्रेसवे के दनकौर क्षेत्र में हादसा ग्रस्त हुई बस मथुरा से जेवर तक 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। ये बस मथुरा से सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर चली थी और पांच बजकर 53 मिनट पर टोल से ग्रेटर नोएडा की तरफ निकल गई।

जेवर टोल पर न चाय पी और न मुंह धोया
टोल प्लाजा मैनेजर जेके शर्मा ने बताया कि 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक कोहरे की आशंका के चलते यमुना एक्सप्रेसवे पर प्राधिकरण के आदेशों के बाद भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है। रात के समय वाहन चालक नींद में किसी दुर्घटना का शिकार न हो इसके लिए रात 12 से सुबह पांच बजे तक टोल पर कर्मचारियों की टीम चालकों को चाय पिलाने के साथ ही ठंडे पानी से मुंह धूलवाने के लिए रोकती है। टोल प्लाजा पर स्पीड कम करने के लिए माइक से उद्घोषणा करने के अलावा साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इन सब के बावजूद वाहन चालक जल्दबाजी के चक्कर में तय गति सीमा का पालन नहीं कर रहे हैं।

हादसे में एक की मौत हुई है। घायलों को जिम्स में भर्ती कराया गया, सभी खतरे से बाहर हैं। अगर कोई वाहन नियम तोड़ता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। - अभिषेक वर्मा, डीसीपी ग्रेटर नोएडा

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