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आई एम सॉरी: कलंक नहीं धो पाया... विआंश पूछे तो बोलना पापा बीमारी से चल बसे; सुसाइड नोट लिख इंजीनियर ने दी जान

अमर उजाला नेटवर्क, ग्रेटर नोएडा Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 31 May 2023 01:13 PM IST
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सार

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी में इंजीनियर का शव फंदे पर लटका मिला। इंजीनियर फ्लैट में अकेला था। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। नोट में लिखा है कि उसकी जिंदगी जहर हो गई है और वह अपने कलंक को नहीं धो पाया।

Engineer commits suicide by writing suicide note in Greater Noida West society
इंजीनियर अजीत राज चौधरी का फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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ग्रेनो वेस्ट की ओनिक्स काउंटी सोसाइटी के फ्लैट में इंजीनियर अजीत राज चौधरी (36) का शव सोमवार को फंदे पर लटका मिला। इस दौरान इंजीनियर की पत्नी ड्यूटी पर गई थी। पुलिस को मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है कि उसकी जिंदगी जहर हो गई है और वह अपने कलंक को नहीं धो पाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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आपको बता दें कि एक दिन पहले ही नोएडा के इंजीनियर प्रशांत ने भी मेट्रो के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली थी। जानकारी के अनुसार, बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि कंपनी में आईटी इंजीनियर अजीत चौधरी सोसाइटी में परिवार के साथ रहते थे। उनकी पत्नी भी एक कंपनी में जॉब करती हैं। 
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सोमवार को अजीत का शव पंखे पर लटका मिला। अजीत के भाई ने उसे फंदे से उतार कर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अजीत के भाई अमित ने पुलिस को बताया कि सोमवार को भाई घर पर अकेला था। 

शाम को जब उनकी पत्नी ड्यूटी से लौटी तो अजीत का शव फंदे पर लटका मिला। अजीत की पत्नी ने अमित को सूचना दी। पुलिस परिजन ने बात कर अभी यह पता नहीं लगा पाई है कि अजीत ने अपने कलंक धोने आदि की बात क्यों लिखी है।

आई एम सॉरी.. विआंश पूछे तो बोलना पापा बीमारी से चल बसे
इंजीनियर अजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है आप सब बहुत अच्छे थे, सबने मुझे प्यार और साथ दिया। हमेशा दुख रहेगा, जीते जी मैं आप सबके लिए कुछ न कर सका। हो सकता है मरने के बाद मेरी दुआ लग जाए। पाखी और विआंश तुम मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा रहे। पाखी बस तुम्हें स्ट्रांग रहना है, तुम्हें विआंश को अच्छा इंसान बनाना है। 

 

मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। वक्त सब ठीक कर देता है। मैंने सभी को बहुत दुख दिए। मैं सभी को खुश रखना चाहता था, मैं हार गया। मेरी भक्ति और शक्ति ने अब जवाब दे दिया है। मुझसे एक दिन भी काटना मुश्किल हो गया है। जिंदगी जहर सी लगने लगी है। क्या पता कलंक के हटने के बाद जिंदगी ढंग से शुरू हो जाए। विआंश कुछ पूछे तो बोल देना पापा बीमारी से चल बसे। 
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