{"_id":"6909153bbac7534d9e07863c","slug":"guru-nanak-dev-had-a-deep-connection-with-agra-he-was-known-as-pilu-baba-na-news-c-25-1-agr1030-907709-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Noida News: गुरु नानक देव का आगरा से है गहरा नाता, पीलू बाबा नाम से थे विख्यात","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Noida News: गुरु नानक देव का आगरा से है गहरा नाता, पीलू बाबा नाम से थे विख्यात
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
            
                            
                        गुरुद्वारा लोहामंडी
                                    - फोटो : samvad 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
                                                 
                आगरा। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व बुधवार को (कल) मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी का आगरा से गहरा नाता रहा है। वह अंता का बाग में तीन दिन रुके थे, जिस वजह से शहर के प्रमुख गुरुद्वारों में गुरु की महिमा का बखान करने के लिए कीर्तन समागम का आयोजन किया जाएगा। सभी गुरुद्वारों को सतरंगी रोशनी से सजाया गया है। आगरा प्रवास के दौरान गुरु नानक देव पीलू बाबा के नाम से विख्यात हो गए थे। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी महाराज दु:ख निवारण साहिब नया बांस लोहामंडी के सेवादार जसप्रीत सिंह ने बताया कि श्री गुरु नानक देव महाराज जब दक्षिण की यात्रा पर थे, तब वापसी के समय वे वर्ष 1509-10 में आगरा के अंता का बाग में तीन दिन रुके थे। मौजूदा गुरुद्वारा उसी बाग का हिस्सा था। यहां पीलू के पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने ध्यान किया था। उस स्थान पर गुरु के चरणों के निशान मौजूद हैं। गुरु ने यहां एक महिला के बच्चों का आध्यात्मिक ज्ञान से उपचार किया। उस दिन से सभी लोग गुरु महाराज को पीलू बाबा के नाम से पुकारने लगे। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव पीलू के पेड़ के नीचे बैठकर इंसानियत का संदेश देते थे वहां उनके चरणों के निशान मौजूद है। यहां अब निशान साहिब स्थापित है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
माईथान में किया था प्रवास
गुरुद्वारा माईथान के हेडग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव आगरा प्रवास के दौरान माईथान में रुके थे। जिस स्थान पर अब गुरुद्वारा है, वहां तब जस्सी नाम की महिला रहती थी। वह भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थी। गुरु महाराज का दर्शन कर जस्सी ने परमार्थ का मार्ग पूछा तब गुरु महाराज ने उपदेश दिया। गुरु उपदेश प्राप्त कर उन्होंने उसे प्रचारित करना शुरू किया। तभी से लोग उन्हें माता जस्सी कहकर पुकारने लगे और उनका घर गुरु का केंद्र बन गया।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
Trending Videos
 
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी महाराज दु:ख निवारण साहिब नया बांस लोहामंडी के सेवादार जसप्रीत सिंह ने बताया कि श्री गुरु नानक देव महाराज जब दक्षिण की यात्रा पर थे, तब वापसी के समय वे वर्ष 1509-10 में आगरा के अंता का बाग में तीन दिन रुके थे। मौजूदा गुरुद्वारा उसी बाग का हिस्सा था। यहां पीलू के पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने ध्यान किया था। उस स्थान पर गुरु के चरणों के निशान मौजूद हैं। गुरु ने यहां एक महिला के बच्चों का आध्यात्मिक ज्ञान से उपचार किया। उस दिन से सभी लोग गुरु महाराज को पीलू बाबा के नाम से पुकारने लगे। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव पीलू के पेड़ के नीचे बैठकर इंसानियत का संदेश देते थे वहां उनके चरणों के निशान मौजूद है। यहां अब निशान साहिब स्थापित है।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            माईथान में किया था प्रवास
गुरुद्वारा माईथान के हेडग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव आगरा प्रवास के दौरान माईथान में रुके थे। जिस स्थान पर अब गुरुद्वारा है, वहां तब जस्सी नाम की महिला रहती थी। वह भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थी। गुरु महाराज का दर्शन कर जस्सी ने परमार्थ का मार्ग पूछा तब गुरु महाराज ने उपदेश दिया। गुरु उपदेश प्राप्त कर उन्होंने उसे प्रचारित करना शुरू किया। तभी से लोग उन्हें माता जस्सी कहकर पुकारने लगे और उनका घर गुरु का केंद्र बन गया।