महिला वकील से बदसलूकी पर एक्शन: थाना SHO लाइन हाजिर, अवैध हिरासत और यौन उत्पीड़न का था आरोप
सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और नोटिस के बाद सेक्टर-126 थाने में महिला वकील को अवैध हिरासत व यौन उत्पीड़न के आरोप में एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया ताकि जांच निष्पक्ष रहे। कोर्ट ने केंद्र, यूपी सरकार व पुलिस को नोटिस जारी कर सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
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शहर के सेक्टर-126 थाने में महिला वकील को अवैध हिरासत में रखने और यौन उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़ा रूख के बाद शनिवार को एसएचओ भूपेंद्र कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से हो, इस कारण एसएचओ पर कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई सात जनवरी 2026 को होनी है।
एक महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है कि वह 3 दिसंबर को अपने घायल मुवक्किल के साथ प्राथमिकी दर्ज कराने सेक्टर-126 थाने पहुंची थी। वहां पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोप है कि महिला वकील को थाने में अवैध हिरासत में रखा गया और यौन उत्पीड़न से लेकर यातना व धमकी दी गई।
इसके बाद महिला वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि यह बहुत ही गंभीर किस्म का मामला है। जिसमें महिला वकील के साथ थाने में पुलिस ने यौन हिंसा की और सबूत मिटाने के लिए सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए। पीडि़ता का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया और उससे वीडियो डिलीट करवाए गए।
महिला वकील को जान से मारने तक की धमकी दी गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने केंद्र सरकार, यूपी सरकार व नोएडा पुलिस को नोटिस जारी किया था। वहीं गौतमबुद्घनगर की पुलिस आयुक्त को इस घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और उसे सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नोएडा में पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी। इसके बाद एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था राजीव नारायण मिश्र का कहना है कि इस जांच की निष्पक्षता बनी रहे। इस कारण एसएचओ को हटाया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है।