सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi NCR ›   Nuh News ›   Gurgaon canal water is becoming toxic due to water from cheese factories.

Nuh News: पनीर फैक्ट्रियों के पानी से जहरीला हो रहा गुड़गांव कैनाल का पानी

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Tue, 11 Nov 2025 08:30 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
फसलों पर बुरा असर, ग्रामीण बोले- सिंचाई विभाग बना मूकदर्शक, फैक्टरी संचालकों पर कार्रवाई की मांग
Trending Videos




संवाद न्यूज एजेंसी

पुन्हाना। गुड़गांव कैनाल का पानी इन दिनों किसानों के लिए जीवनदायिनी नहीं, बल्कि जहर बनता जा रहा है। पुन्हाना क्षेत्र के गावों से गुजरने वाली इस कैनाल में रोजाना बड़ी मात्रा में गंदा व रासायनिक पानी छोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह गंदा पानी मुख्य रूप से गोधोला गांव के आसपास चल रही पनीर फैक्ट्रियों से निकल रहा है। इस जहरीले पानी से सिंचाई करने पर दर्जनों गांवों के किसानों की फसलें खराब हो रही हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब तक मौन है।



किसान मुस्ताक, सलीम, सूबेदार, कल्लू, रहीम, इमरान, अहमद, इस्राइल ने बताया कि गुडगांव कैनाल उपमंडल के शाहचोखा तुसैनी, गोधोला, लहरवाडी, खेडला सहित दर्जन भर गावों से होकर निकलती है। नहर में पनीर फैक्ट्रियों द्वारा डाले जा रहे पानी से पानी जहरीला हो रहा है। खेतों की सिंचाई करने से फसलें खराब हो रही है। समस्या को लेकर कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन लंबे समय बाद भी समाधान नहीं हुआ। पिछले कुछ वर्षोें से नहर के पानी का रंग काला पड़ गया है और उसमें से तेज बदबू आने लगी है।
विज्ञापन
विज्ञापन

किसान मजबूरी में इस पानी से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। इससे गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें पीली पड़कर सूखने लगी हैं। यहां तक कि खेतों की मिट्टी भी सख्त और बंजर जैसी होती जा रही है। किसानों का कहना है कि हमारे खेतों में इसी नहर का पानी आता है। पहले फसलें खूब होती थीं लेकिन अब उत्पादन आधा रह गया है। पत्तेदार सब्जियां तो बिल्कुल खराब हो जाती हैं। पानी में झाग और बदबू इतनी है कि मवेशी भी पीने से कतराते हैं। किसानों का आरोप है कि नहर के साथ साथ चल रही अवैध पनीर फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक अपशिष्ट बिना ट्रीटमेंट के सीधे नहर में छोड़ा जा रहा है। यह अपशिष्ट दूध के अवशेष, केमिकल्स और वेस्ट वाटर का मिश्रण होता है, जो पानी की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन जल्द इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है तो वो आंदोलन का रास्ता अपनाएगें।
मछली पालन हुआ बंद

सामाजिक कार्यकर्ता इरशाद लहर वाड़ी का कहना है कि गांवों की पंचायत भूमि पर बने जोहड़ों में भी इसी पानी से मछली पालन का काम किया जाता था। परंतु अब कुछ वर्षो से ग्रामीण मछली पालन नहीं कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण कैनाल का जहरीला पानी है। जहरीले पानी के कारण मछलिया या तो पैदा नहीं होती थी और अगर होती थी तो जल्दी मर जाती थी। इरशाद का कहना है कि ऐसे काफी जोहड़ है जिनमें पिछले कुछ वर्षो में मछली पालन का काम बंद कर दिया गया है।

--------------

कैनाल के साथ चल रही पनीर फैक्ट्रियों को विभाग की ओर से नोटिस दिया जा चुका है। विभाग की ओर से दूसरी बार नोटिस देने की तैयारी की जा रही है। अगर इसके बाद भी संचालकों ने फैक्टरी से निकलने वाले पानी को बंद नहीं किया तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। -जाहिद हुसैन, कनिष्ठ अभियंता सिंचाई विभाग पुन्हाना।

--------------------
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed