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Parliament Security: राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते थे आरोपी, नहीं मिल रहा था फंड; रकम जुटाने को अपनाया ये तरीका
पुरुषोत्तम वर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 27 Dec 2023 01:53 PM IST
सार
दिल्ली पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपी भगत सिंह क्लब के जरिये जुड़े थे। ये राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे। इसके लिए पहले एनजीओ खोलते और फिर राजजीनिक पार्टी खड़ी करना चाहते थे। एनजीओ व पार्टी के लिए कई साल से चंदे के लिए घूम रहे थे। लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिला, फंड कहीं से नहीं मिला।
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Parliament Security Breach
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपी एक राजनीतिक पार्टी खड़ी करना चाहते थे। इसके लिए फंड जुटाना चाहते थे। कई राजनीतिक लोगों व कारोबारियों के पास गए थे, लेकिन पार्टी के लिए फंड नहीं मिला, इसलिए पार्टी खड़ा करना मुश्किल हो रहा था।
ऐसे में इन्होंने अपने को स्थापित करने के लिए संसद में घुसने का फैसला किया। बेरोजगारी व महंगाई को तो इन्होंने अपनी सीढ़ी बनाया, जबकि यह अपना उद्देश्य सिद्ध करना चाहते थे। दिल्ली पुलिस को मिली मनोविश्लेषण परीक्षण रिपोर्ट से जांच को ये दिशा मिली है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपी भगत सिंह क्लब के जरिये जुड़े थे। ये राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे। इसके लिए पहले एनजीओ खोलते और फिर राजजीनिक पार्टी खड़ी करना चाहते थे। एनजीओ व पार्टी के लिए कई साल से चंदे के लिए घूम रहे थे।
दिल्ली समेत कई राज्यों में एनजीओ के नाम पर फंड के लिए काफी राजनीतिक लोगों के पास गए। कई कारोबारियों के पास गए, लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिला, फंड कहीं से नहीं मिला। फंड नहीं मिलने से यह परेशान हो गए। फिर इनको लगा कि ये बड़ा खेल करेंगे तो लोग इनको जानने लगेंगे। इसके बाद लोग फंड देंगे।
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ऐसे में इन्होंने अपने को स्थापित करने के लिए संसद में घुसने का फैसला किया। बेरोजगारी व महंगाई को तो इन्होंने अपनी सीढ़ी बनाया, जबकि यह अपना उद्देश्य सिद्ध करना चाहते थे। दिल्ली पुलिस को मिली मनोविश्लेषण परीक्षण रिपोर्ट से जांच को ये दिशा मिली है।
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दिल्ली पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपी भगत सिंह क्लब के जरिये जुड़े थे। ये राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे। इसके लिए पहले एनजीओ खोलते और फिर राजजीनिक पार्टी खड़ी करना चाहते थे। एनजीओ व पार्टी के लिए कई साल से चंदे के लिए घूम रहे थे।
दिल्ली समेत कई राज्यों में एनजीओ के नाम पर फंड के लिए काफी राजनीतिक लोगों के पास गए। कई कारोबारियों के पास गए, लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिला, फंड कहीं से नहीं मिला। फंड नहीं मिलने से यह परेशान हो गए। फिर इनको लगा कि ये बड़ा खेल करेंगे तो लोग इनको जानने लगेंगे। इसके बाद लोग फंड देंगे।
फंड जुटाने के लिए ही इन्होंने संसद में जाकर हंगामा करने का फैसला किया। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सागर वर्ष 2015 में मुख्य आरोपी मनोरंजन से मिला था। मनोरंजन 2015 से पहले ही एनजीओ खोलने व राजनीतिक पार्टी खड़ी करने में लगा हुआ था।
सागर वर्ष 2015 में इन लोगों से जुड़ा था। नीलम ने अन्य पार्टियों से जुड़कर राजनीति में आने का प्रयास किया था। संसद में घुसने के लिए पास देने वाले सांसद के निजी सचिव सागर मनोरंजन डी के एक जानकार का जानकार था।
मनोरंजन ने इस जानकार के जरिये सागर के जरिये पास का इंतजाम किया था। मनोविश्लेषण परीक्षण के दौरान सीएफएसएल में विशेषज्ञों ने वही सवाल पूछे थे, जो दिल्ली पुलिस ने तैयार किए थे।
आरोपियों की सुरक्षा को किया कड़ा
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों की सुरक्षा को कड़ा किया गया है। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों पर कोई हमला कर सकता है या फिर आरोपी कोई खतरनाक कदम उठा सकते हैं। इस कारण सभी सात आरोपियों की सुरक्षा को कड़ा कर रखा है। हर आरोपी पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के 9-9 जवान तैनात किए गए हैं। आधुनिक हथियारों से लैस ये जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों की सुरक्षा को कड़ा किया गया है। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों पर कोई हमला कर सकता है या फिर आरोपी कोई खतरनाक कदम उठा सकते हैं। इस कारण सभी सात आरोपियों की सुरक्षा को कड़ा कर रखा है। हर आरोपी पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के 9-9 जवान तैनात किए गए हैं। आधुनिक हथियारों से लैस ये जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं।