संसद सुरक्षा चूक केस: दिल्ली पुलिस ने दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत चलेगा केस
संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है।
विस्तार
दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में चूक मामले में सोमवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी छह आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी के बाद पूरक आरोपपत्र दायर कर दिया।
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया। विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसी ने संबंधित अधिकारियों से यूएपीए की धारा 13 के तहत अभियोजन के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है।
दिसंबर, 2023 को हुई यह घटना 2001 के संसद आतंकी हमले की वर्षगांठ के दौरान हुई। इस मामले में छह आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम रानोलिया, ललित झा और महेश कुमावत पर संसद में अवैध रूप से प्रवेश करने और लोकसभा में धुएं के कनस्तर फेंकने का आरोप है। इनमें से दो व्यक्ति आगंतुक दीर्घा से सदन में कूद गए उनके हाथों में एरोसोल कनस्तर थे, उन्होंने कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और नारे लगाए।
1000 पन्नों का आरोपपत्र दायर
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सात जून को इस मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद के खिलाफ करीब 1000 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था।
आरोपियों पर यूएपीए के तहत चलेगा केस
इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने छह आरोपियों पर गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। इन लोगों पर 13 दिसंबर 2023 को सदन की कार्यवाही के दौरान संसद पर कथित रूप से हमला करने का आरोप है।
आरोप है कि मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम, ललित झा और महेश कुमावत नामक लोगों ने संसद में अवैध रूप से प्रवेश किया। साथ ही चालू सत्र के दौरान लोकसभा में धुएं के कैन फेंके। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत उनके अभियोजन का अनुरोध किया था। एलजी ने रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री पाए जाने पर अभियोजन स्वीकृति प्रदान की।
इस मंजूरी से पहले समीक्षा समिति (डीओपी, तीस हजारी, दिल्ली) ने भी 30 मई को जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए संपूर्ण साक्ष्यों की जांच की। जांच में संसद हमले के मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई गई थी। इसे देखते हुए समीक्षा समिति ने पाया कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला बनता है। दिल्ली पुलिस ने लोकसभा में सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की तहत एफआईआर दर्ज की। बाद में मामले की जांच संसद मार्ग पुलिस स्टेशन से पीएस स्पेशल सेल, नई दिल्ली की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट को स्थानांतरित कर दी गई थी। जांच के दौरान उपरोक्त छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं।