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Delhi: सिग्नल फ्री योजना जाम में फंसी, मिनटों का सफर हो रहा घंटों में; लोगों को करना पड़ा रहा परेशानी का सामना

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Tue, 16 Sep 2025 05:03 AM IST
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सार

कश्मीरी गेट से दिलशाद गार्डन तक का सफर, जिसे सिग्नल फ्री बनाने का दावा किया गया था, आज भी भारी ट्रैफिक से बेहाल है।

People are suffering due to high pressure of vehicles from Kashmiri Gate to Dilshad Garden
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : PTI
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विस्तार
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दिल्ली की सड़कों को जाममुक्त बनाने के तमाम दावों और योजनाओं के बावजूद राजधानी का एक अहम हिस्सा अब भी जाम से जूझ रहा है। कश्मीरी गेट से दिलशाद गार्डन तक का सफर, जिसे सिग्नल फ्री बनाने का दावा किया गया था, आज भी भारी ट्रैफिक से बेहाल है।
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जीटी रोड का यह हिस्सा राजधानी को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से जोड़ता है और रोजाना लाखों वाहन यहां से आवागमन करते हैं। बावजूद इसके, शास्त्री पार्क और सीलमपुर में फ्लाईओवर बनने के बाद भी यात्रियों को सुगम सफर नसीब नहीं हो पा रहा। सोमवार को अमर उजाला की टीम ने इस हिस्से का निरीक्षण किया तो पाया गया कि आधे घंटे से भी कम का सफर एक घंटे में पूरा हुआ। सुबह करीब 11:30 बजे दिलशाद गार्डन से शुरू किया गया सफर कश्मीरी गेट 12:35 पर पहुुंचा जा सका।
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दरअसल, इस मार्ग पर करीब दो दशक पहले चरणबद्ध तरीके से फ्लाईओवर बनाने की योजना शुरू हुई थी। दोनों फ्लाईओवर अक्तूबर 2020 में शुरू किए गए। शास्त्री पार्क और सीलमपुर के फ्लाईओवर का उद्देश्य ही था कि यातायात को बिना रुके आगे बढ़ाया जा सके। लेकिन स्थानीय ट्रैफिक का दबाव, रेड लाइट की अधिकता और कट-प्वाइंट्स की वजह से सफर सिग्नल फ्री नहीं हो पाया।

छोटे-छोटे कट बंद करने से मिलेगी जाम से निजात
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ फ्लाईओवर बनाकर समस्या का हल नहीं निकल सकता। जब तक छोटे-छोटे कट बंद नहीं होंगे, स्थानीय वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाया जाएगा और ई-रिक्शा व ऑटो का नियमन नहीं होगा, तब तक सिग्नल फ्री सफर मुमकिन नहीं है। ट्रैफिक पुलिस भी मानती है कि इस हिस्से में नियमों का पालन कराने में बड़ी चुनौती आती है क्योंकि बाजार और घनी आबादी का दबाव लगातार बढ़ रहा है।

यहां आ रही अड़चन
  • कश्मीरी गेट इंटरसेक्शन- दिल्ली गेट और आईएसबीटी से जुड़ने के कारण यहां वाहनों का दबाव अत्यधिक रहता है।
  • शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के पास- फ्लाईओवर बनने के बावजूद नीचे की सड़क पर रुकने-चलने का क्रम यातायात को प्रभावित करता है।
  • सीलमपुर चौक- यह इलाका सबसे बड़ी चुनौती है। यहां रोजाना हजारों ऑटो, ई-रिक्शा और स्थानीय बाजार के कारण भारी भीड़ रहती है।
  • शास्त्री पार्क से सीलमपुर का हिस्सा- बाजार, अवैध पार्किंग और ऑटो-रिक्शा के कारण यहां हमेशा जाम की स्थिति रहती है।
  • झिलमिल और दिलशाद गार्डन- यहां से यूपी बॉर्डर की ओर जाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लगती है।
  • दिलशाद गार्डन और यूपी बॉर्डर- यूपी से दिल्ली आने वाले वाहनों की चेकिंग और सिग्नल व्यवस्था के कारण लंबी कतारें लग जाती हैं।
  • झिलमिल और शाहदरा मोड़- यहां से निकलना सबसे मुश्किल हो जाता है। दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ की ओर जाने वाले भारी वाहनों के कारण यह हिस्सा हमेशा दबाव में रहता है।
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