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प्रदूषण : एम्स में सांस के मरीज 80 फीसदी बढ़े, विदेश से लौटे डॉक्टरों ने जताई चिंता
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Updated Wed, 24 Oct 2018 08:23 PM IST
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एम्स
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प्रदूषण के कारण सांस की तकलीफ झेल रहे मरीजों से एम्स हाउसफुल है। अस्पताल के पल्मोनरी विभाग में 80 फीसदी ओपीडी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ज्यादातर मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में शिकायत, अस्थमा इत्यादि की दिक्कतें हैं। डॉक्टरों ने मरीजों की पिछले दो सप्ताह में बढ़ी भीड़ को देखते हुए चिंता भी जाहिर की।
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विभाग के ही वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि दिल्ली का प्रदूषण बेहद खतरनाक है। कुछ समय पहले वे किसी काम के सिलसिले में देश से बाहर गए थे। वापस आने के बाद दो सप्ताह में ओपीडी मरीजों से कई गुना ज्यादा भर गई। ज्यादातर मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या भी ज्यादा है।
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मैक्स अस्पताल के डॉ. विवेका कुमार का कहना है कि दिल के मरीजों के लिए भी प्रदूषण के छोटे-छोटे कण घातक साबित हो रहे हैं। सांस के जरिए शरीर में पहुंचने के बाद ये कण रक्त को गाढ़ा कर रहे हैं। इसके कारण कार्डियोवास्कुलर बीमारियों की आशंका भी कई गुना ज्यादा होती है। उनका कहना है कि मैक्स में भी मरीज तेजी से बढ़े हैं।
दिल्ली आते ही होने लगती है घुटन
एम्स के डॉक्टर ने बताया कि पिछले सप्ताह उनके यहां दो नौजवान मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से एक बेंगलूरू में तो दूसरा नॉर्थ ईस्ट में नौकरी करता है। ये जब दिल्ली आते हैं तो इन्हें घुटन महसूस होती है। घर में लेटे-लेटे भी इन्हें खुश्की और गले में दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होती है। हालांकि जांच में ये स्वस्थ पाए गए हैं। दिल्ली का वातावरण प्रदूषित होने की वजह से अब डॉक्टरों ने इन्हें यहां से दूर रहने की सलाह दी है। जबकि दोनों ही दिल्ली के मूल निवासी हैं।
दिवाली बाद बढ़ेगी परेशानी
एम्स के डॉक्टरों की मानें तो आम दिनों से ज्यादा प्रदूषण की वजह से मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। दिवाली के बाद स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि घर से निकलते वक्त मास्क लगाएं। घर वापस आने के बाद गुनगुने पानी से गरारे करें। कोशिश करें कि हल्के गर्म पानी से स्नान होना चाहिए ताकि प्रदूषित कण त्वचा को नुकसान न पहुंचा सकें।