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Delhi: ठंड व प्रदूषण के डबल अटैक से दिल का रखें ख्याल, सर्दी में हार्ट अटैक के बढ़ जाते हैं 10-15 फीसदी मामले

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 16 Dec 2025 05:21 AM IST
सार

प्रदूषण और ठंड बढ़ने के साथ दिल की सेहत का ख्याल विशेष रूप से रखना जरूरी है। दिल संबंधी बीमारी से जूझने वाले मरीजों के लिए एहतियात बरतना आवश्यक है। दवाओं के सेवन में लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।

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Protect your heart from the double threat of cold weather and pollution heart attack cases increase by 10-15 p
हार्ट अटैक - फोटो : adobe stock images
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विस्तार
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प्रदूषण और ठंड बढ़ने के साथ दिल की सेहत का ख्याल विशेष रूप से रखना जरूरी है। दिल संबंधी बीमारी से जूझने वाले मरीजों के लिए एहतियात बरतना आवश्यक है। दवाओं के सेवन में लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।

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एम्स कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय ने बताया कि सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के मामले 10-15 फीसदी बढ़ जाते हैं। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी अधिक है। ऐसे में दिल संबंधी बीमारी से जूझने वाले मरीजों को प्रदूषण और ठंड की दोहरी मार का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण के कारण भी बीपी बढ़ता है। इसको लेकर कई शोध में रिपोर्ट भी प्रकाशित हो चुकी है। पीएम 2.5 के सूक्ष्म कण फेफड़ों के रास्ते खून में पहुंचकर बीपी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। बीपी के बढ़ने पर आर्टरी पर दबाव पड़ने लगता है। हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
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साथ ही सर्दी के मौसम में लोगों का खान-पान बढ़ने और शारीरिक सक्रियता कम होने से हाइपरटेंशन और डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।  राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी के कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. नीरज पंडित ने बताया कि सर्द मौसम में जब ठंडी हवा अंदर जाती है तो आर्टरी सिकुड़ने और एंजाइना होने लगता है। ऐसे में 50 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। 

ओपीडी में 20 से 30 प्रतिशत तक  बढ़े एलर्जिक राइनाइटिस के मरीज
 बढ़ते प्रदूषण के कारण गुरु तेग बहादुर अस्पताल की ओपीडी में एलर्जिक राइनाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं। इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में 20-30 प्रतिशत मामले एलर्जिक राइनाइटिस के आ रहे हैं। इन मरीजों में सामान्य तौर पर नाक बहना या भारी रहना या लगातार छींके आना, आंखों में खुजली और पानी आना, गले और कानों में खुजली और कभी-कभी सिरदर्द या थकान महसूस होने जैसे लक्षण शामिल हैं। गुरु तेग बहादुर अस्पताल के एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण ओपीडी में आने वाले मरीजों में 20 से 30 प्रतिशत मामले एलर्जिक राइनाइटिस के आ रहे हैं। 

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