संसद में दोहरी सुरक्षा के बीच चूक कैसे?: पन्नू की धमकी के बाद थी सख्ती, एजेंसियां थीं अलर्ट, फिर भी लगी सेंध
दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों को आशंका था कि खालिस्तानी आतंकी जी-20 सम्मेलन की तरह संसद की दीवार व अन्य जगहों पर देशविरोधी नारे लिख सकते हैं। ऐसे में संसद की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे।
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खालिस्तानी आतंकी गुरपंतवंत सिंह पन्नू की संसद हमले की बरसी या उससे पहले किसी वारदात की धमकी देने के बाद दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियां व खुफिया तंत्र अलर्ट हो गया था।
दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों को आशंका था कि खालिस्तानी आतंकी जी-20 सम्मेलन की तरह संसद की दीवार व अन्य जगहों पर देशविरोधी नारे लिख सकते हैं। ऐसे में संसद की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद बुधवार को संसद में सेंध की घटना सामने आ गई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पन्नू की धमकी के बाद संसद के चारों तरफ आठ पिकेट लगाकर नाकेबंदी की गई थी। इन पर 60 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे।
इसके अलावा बाइक पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई थी। नई दिल्ली के 10 पुलिस थानों में पेट्रोलिंग के लिए दो-दो बाइक हैं, लेकिन संसद की सुरक्षा में हर थाने से 4-4 बाइक मंगाई गईं थीं। पेट्रोलिंग के दौरान हर बाइक पर दो-दो पुलिसकर्मी तैनात थे। वहीं, संसद की सुरक्षा को 24 घंटे के लिए कर दिया गया था। इसके अलावा बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की एक लेयर और बनाई गई थी।
सुरक्षाकर्मियों और पुलिस के हाथ-पांव फूले
सुरक्षा में चूक से संसद पर हमले की अफवाह उड़ गई। इससे लोगों को 22 साल पुराना वाकया याद आ गया। थोड़ी देर बाद पूरी स्थिति स्पष्ट होने से लोगों ने राहत की सांस ली। फिर भी आसपास मौजूद लोग सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाते दिखे। लोगों ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों और पुलिस की लापरवाही के कारण ये घटना सामने आई।
सत्र के दौरान जब दो आरोपी लोकसभा में कूदे तभी संसद के बाहर नीलम व अमोल ने स्मॉग केन छोड़ दिए। सुरक्षाकर्मियों और पुलिस ने इनकी हरकत को देखा तो हाथ-पांव फूल गए। आननफानन में दोनों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद नीलम और अमोल शिंदे ने नारेबाजी शुरू कर दी। संसद सत्र की वजह से बाहर मीडिया का भी खासा जमावड़ा था। दोनों को नारेबाजी करते देखकर मीडियाकर्मी भी इनके पीछे भागे।