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सीएए और एनआरसी के विरोध में छात्रों ने शुरू किया सत्याग्रह, जामिया पहुंचीं स्वरा

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 02 Jan 2020 05:10 AM IST
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Students started Satyagraha in protest against CAA and NRC
सत्याग्रह - फोटो : अमर उजाला
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नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और एनआरसी के विरोध में बीते बीस दिनों से प्रदर्शन कर रहे जामिया के विद्यार्थियों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। नए साल के पहले दिन बुधवार से छात्रों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। 

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रोज आठ से दस जामिया के मौजूदा व पूर्व छात्र भूख हड़ताल पर बैठेंगे। छात्रों का कहना है कि सीएए वापस नहीं लिए जाने तक वे गांधीजी के रास्ते पर चलकर सत्याग्रह जारी रखेंगे। बुधवार को पूर्व सांसद पप्पू यादव, राशिद अल्वी के अलावा आरजे सायमा, संजय राजौरा समेत कई लोग छात्रों के समर्थन में जामिया पहुंचे।
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जामिया पहुंचे पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि जामिया और शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन में महिलाओं को अहम योगदान है। राशिद अल्वी ने कहा कि कांग्रेस लगातार सीएए और एनआरसी का विरोध करती रहेगी। दूसरी ओर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने सीएए और एनआरसी को वापस लेने, हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने और प्रदर्शनकारियों को तुरंत छोड़ने की मांग की। 

जामिया मेट्रो स्टेशन से यूनिवर्सिटी गेट नंबर -7 तक कैंडल मार्च निकाला
दिनभर चले विरोध प्रदर्शन के बीच शाम को जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन से यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-7 तक एक कैंडल मार्च निकाला गया। बाद में सभी लोगों ने मोमबत्तियों को गेट नंबर-7 के बाहर लगाकर देश में अमन चैन की दुआएं कीं। इससे पूर्व मंगलवार देर रात यूनिवर्सिटी के बाहर इकट्ठा हुए छात्रों ने राष्ट्रगान गाकर नए साल का स्वगत किया। कुछ शायर व सिंगर भी वहां पहुंचे। इन लोगों ने देशभक्ति गीत गाकर नए साल का जश्न मनाया।
 

जामिया पहुंचीं स्वरा, सीएए को बताया संविधान पर हमला

Students started Satyagraha in protest against CAA and NRC
स्वरा भास्कर - फोटो : अमर उजाला

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर देश को जगाने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने जामिया के छात्रों की प्रशंसा की। वह अपनी फिल्म रांझना के सह कलाकार मोहम्मद जीशान अयूब के साथ बुधवार को एक कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय आई थीं। स्वरा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून केवल मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। जामिया के छात्रों ने इंकलाब जिंदाबाद व आजादी के नारे लगाकर स्वरा व जीशान का स्वागत किया।

इस मौके पर स्वरा ने सीएए को देश के संविधान पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि सीएए, एनआरसी व एनपीआर न केवल मुस्लिमों पर हमला हैं बल्कि देश के संविधान पर भी हमला हैं। इन कानूनों को केंद्र सरकार ने अपने तय एजेंडे के तहत बनाया है। मुस्लिमों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए किसी अग्निपरीक्षा देने की जरूरत नहीं है, वह 1947 में अग्निपरीक्षा दे चुके हैं। 

जो छात्र इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं वह असल में महात्मा गांधी के सपने को पूरा कर रहे हैं।
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने यहां तक कह दिया कि पिछले पांच से छह सालों से नफरत को ऐसे कानूनों तथा टुकड़े-टुकड़े गैंग व राष्ट्र विरोधी जैसे शब्दों के जरिये जायज ठहराया जा रहा है। जनता सारा खेल समझ चुकी है और इसे नहीं होने दिया जाएगा। 

सहमत के कलाकारों ने नाटक और कविताओं से जताया विरोध
कांस्टीट्यूशन क्लब में बुधवार को सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (सहमत) की ओर सीएए और एनआरसी के विरोध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर नाटक, कविताओं, गीतों व शायरी के जरिये कलाकारों ने अपना विरोध जताया। इस मौके पर मरहूम सफदर हाशमी के भाई सुहैल हाशमी ने बताया कि एक जनवरी को हर साल  किसी न किसी बात को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हैं। लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को रेखांकित करने के लिए हर साल इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस साल सीएए और एनआरसी बड़ा मुद्दा है। सुहैल ने कहा कि इस समय देश की हालत बहुत खराब है। लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं। लोग अपनी बात तक नहीं रख पा रहे हैं। कार्यक्रम में एमके रैना, हर्ष मंदर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक और ज्योति घोष भी मौजूद थे।

शाहीन बाग : दिनभर सड़कों पर डटे रहे प्रदर्शनकारी
शाहीनबाग में सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन में लोगों ने नए साल का स्वगत राष्ट्रगान के साथ किया। हजारों की संख्या में लोग नोएडा-सरिता विहार रोड पर इकट्ठे हुए। देर रात तक लोग इंकलाब जिंदाबाद और सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा के नारे लगाते रहे। ज्यादातर तिरंगा लिए हुए थे। सीएए और एनआरसी लाकर सरकार एक खास समुदाय को टारगेट कर रही है। जब तक सरकार इसको वापस नहीं लेती उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। बुधवार दिनभर भी लोग सड़कों पर डटे रहे। यहां भारी संख्या में महिलाएं व बच्चे प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। 

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