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दिल्ली बवालः जिधर देखो उधर थे हिंसा के निशान, पत्थरों से अटी थीं सड़कें
शुजात आलम, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 27 Feb 2020 05:33 AM IST
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दिल्ली में बवाल
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले चार दिन से चल रही हिंसा के बाद बुधवार को हालात में थोड़ा सुधार जरूर था, लेकिन पूरे ही जिले में हिंसा के निशान दिखे। हालात कुछ ऐसे थे कि हिंसाग्रस्त इलाकों का नजारा देखकर किसी की भी रूह कांप उठेगी। जहां-जहां बलवा हुआ वहां पूरे इलाके की सड़कें ईंटों व पत्थरों से पटी हुई थीं।
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ब्रह्मपुरी से घोंडा रोड, नूर-ए-इलाही होते यमुना विहार तक सड़क पर जगह-जगह हिंसा के निशान दिख रहे थे। यही हाल जाफराबाद, बृजपुरी, करावल नगर और वजीराबाद रोड का भी था। यहां सड़कों पर जगह-जगह बाइक, स्कूटी, ऑटो, कार व अन्य वाहन जले हुए पड़े थे। दूसरी ओर उपद्रवियों ने जगह-जगह मकान, दुकान, धार्मिक स्थल, स्कूल, फैक्ट्री के अलावा अस्पतालों को निशाना बनाकर उन पर हमला किया हुआ था। हिंसा के दौरान बातचीत करते हुए बुजुर्गों की जुबां पर था कि ऐसे हालात तो 1992 में भी नहीं थे।
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सीलमपुर फ्लाईओवर से ब्रह्मपुरी रोड होते जैसे ही आगे बढ़े, तो वहां का नजारा ही कुछ और था। डिवाइडर की रेलिंग को तोड़ दिया गया था। चुन-चुनकर कुछ खास दुकानों को निशाना बनाया गया था। ब्रह्मपुरी से आगे बढ़ते हुए बस अर्द्धसैनिक बलों के जवान ही सड़कों पर नजर आ रहे थे। उपद्रवियों ने पूरी सड़क पर दुकानें लूटने के अलावा बीच सड़क पर बाकी बचे सामान को रखकर आग लगा दी थी। ब्रह्मपुरी रोड पर घोंडा चौक के पास उपद्रवियों ने ज्वेलरी की दुकानों को भी लूटा हुआ था। आगे नूर-ए-इलाही चौक के पास तो सड़क एक फुट तक पत्थरों से अटी हुई थी।
यहां से मुख्य जाफराबाद रोड (रोड नंबर-66) पर मौजपुर चौक, कर्दमपुरी व सुदामापुरी की पुलिया के पास भी कई दुकानों को निशाना बनाकर लूटा गया था। इसके अलावा कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। ज्योति नगर, दुर्गापुरी चौक, गोकुलपुरी की टायर मार्केट, यमुना विहार, खजूरी खास, बृजपुरी रोड, चमन पार्क, शिव विहार, करावल नगर रोड और मुस्तफाबाद आदि इलाकों में भी सड़क पर मौजूद मकानों, दुकानों, स्कूल और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया हुआ था।
सबसे ज्यादा खराब हालात शिव विहार तिराहे के पास थे। यहां मदद भी बुधवार सुबह तक ही पहुंच पाई। यहां शिव विहार से पुलिस कर्मियों ने कई हिंदू लोगों के साथ मिलकर बलवे में फंसे कई मुस्लिम परिवारों को निकालकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की। देर शाम तक दिल्ली पुलिस के आलाधिकारी चप्पे-चप्पे पर गश्त पर थे।