सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   delhi election 2020: Most of the hoppers candidates defeated in delhi election

दलबदलुओं को पसंद नहीं करती दिल्ली, ज्यादातर को मिली हार तो कुछ निकले किस्मत के धनी

अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 12 Feb 2020 04:04 PM IST
विज्ञापन
delhi election 2020: Most of the hoppers candidates defeated in delhi election
कपिल मिश्रा भाजपा में शामिल - फोटो : अमर उजाला (फाइल)
विज्ञापन
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी समय तक नेताओं की वफादारी बदलती रही। कुछ ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ भाजपा-कांग्रेस का दामन थामा तो कुछ ने कांग्रेस खेमा छोड़ अरविंद केजरीवाल का झंडा उठाने में अपनी भलाई समझी।
Trending Videos


लेकिन चुनाव परिणाम बताते हैं कि दिल्ली को इन दल बदलुओं पर ज्यादा यकीन नहीं आया और उसने इनमें से ज्यादातर को करारी हार का सबक दिया।

हालांकि कुछ दल-बदलू अपनी इज्जत बचाने में कामयाब रहे। इस चुनाव में पूर्वी दिल्ली की गांधी नगर सीट इस मामले में अनोखी कही जा सकती है, जहां भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, तीनों प्रमुख दलों ने दलबदलुओं को ही टिकट थमाया। यहां भाजपा को जीत मिली जबकि कांग्रेस और आप के दलबदलुओं को करारी हार का सामना करना पड़ा।
विज्ञापन
विज्ञापन


आइये एक नजर डालते हैं इस विधानसभा चुनाव के कुछ बड़े दलबदलुओं और उनको मिले नतीजों पर-  

गांधी नगर विधानसभा सीट

पूर्वी दिल्ली की गांधी नगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अनिल कुमार बाजपेयी इसके पहले आम आदमी पार्टी के विधायक थे। उससे पहले वे कांग्रेस के स्थानीय नेता हुआ करते थे। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में अपने धुरंधर स्थानीय नेता अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतारा।


लेकिन अरविंदर सिंह लवली ने भी बीच में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। बाद में वे फिर कांग्रेस में वापस आये। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी ने पूर्व कांग्रेसी नेता नवीन चौधरी को अंतिम क्षणों में अपना टिकट थमाया।

तीनों दलबदलुओं की टक्कर में भाजपा उम्मीदवार अनिल कुमार बाजपेयी को जीत मिली, जबकि नवीन चौधरी और लवली को करारी हार का सामना करना पड़ा। अनिल कुमार बाजपेयी को कुल 48,824 वोट मिले। उन्होंने अपने नजदीकी प्रत्याशी को 6079 वोटों के अंतर से हराया।

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नवीन चौधरी को 42,745 वोट मिले। अरविंदर सिंह लवली इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें केवल 21,913 वोटों से संतोष करना पड़ा। माना जा रहा है कि पूर्व में भाजपा से हाथ मिलाने का उन्हें भारी नुकसान हुआ।

अलका लांबा भी तीसरे स्थान पर रहीं

चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र की पूर्व आप विधायक अलका लांबा पहले कांग्रेस की नेता हुआ करती थीं, लेकिन आम आदमी पार्टी की दिल्ली में बढ़ती हैसियत देख उन्होंने कांग्रेस को छोड़ केजरीवाल का साथ पकड़ लिया था।

पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल से बढ़े मनमुटाव के चलते वे एक बार फिर कांग्रेस में वापस आईं और चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाई।

चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए वे बुर्का पहनकर भी खूब घूमीं, लेकिन उनकी यह रणनीति भी काम नहीं आई और उन्हें केवल 3,881 वोट मिले। इस सीट पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवार प्रहलाद सिंह  साहनी को 50,891 वोट मिले और वे 29,584 वोटों के अंतर से विजयी रहे।

कपिल मिश्रा-रामसिंह नेताजी को करारी हार

आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल पर तमाम आरोप लगाकर उनका साथ छोड़ने वाले कपिल मिश्रा को इस चुनाक में करारी हार का सामना करना पड़ा। मॉडल टाउन सीट पर उन्हें आप नेता अखिलेशपति त्रिपाठी ने हराया। पिछली विधानसभा चुनाव में उन्हें करावल नगर सीट से अच्छी जीत हासिल हुई थी।

कांग्रेस के पूर्व दिग्गज स्थानीय नेता रामसिंह नेताजी ने टिकट न दिए जाने पर अंतिम क्षणों में पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। आप ने उन्हें बदरपुर की सीट पर उतारा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर भाजपा के रामवीर बिधूड़ी को जीत मिली।

कांग्रेस नेता कृष्णा तीरथ ने भी बीच में भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस में रहते हुए वे दो बार सांसद और केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। लेकिन पिछले वर्ष वे एक बार फिर कांग्रेस में वापस आयीं और पटेल नगर की सुरक्षित सीट पर अपना भाग्य आजमाया। लेकिन इस बार उन्हें भी मतदाताओं का प्यार नहीं मिला और वे चुनाव हार गईं।

उन्हें यहां से 3382 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहीं। पटेल नगर सीट से आम आदमी पार्टी के राजकुमार आनंद को तीस हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से (कुल 73,463 वोट) बड़ी जीत हासिल हुई।

विनय मिश्रा द्वारका से जीते

कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा ने नामांकन खत्म होने के ठीक एक दिन पहले पार्टी छोड़ आप का दामन थाम लिया था। आम आदमी पार्टी ने उन्हें द्वारका की सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में विनय मिश्रा को जीत मिली। उन्हें कुल 71,003 वोट मिले और उन्होंने अपने नजदीकी प्रत्याशी को 14,387 वोटों के अंतर से हराया।

मजे की बात है कि इसी सीट पर आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक आदर्श शास्त्री ने आम आदमी पार्टी से टिकट काट दिए जाने के बाद कांग्रेस के टिकट पर दांव खेला, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में उन्हें केवल 6,757 वोट मिले।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed