इंडिया गेट प्रदर्शन: छह आरोपी तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए; पुलिस का दावा- चरमपंथी समूह से जुड़े हैं तार
इंडिया गेट प्रदूषण विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार छह छात्रों को कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा। पुलिस ने इन्हें प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा बताया और हिंसा के सबूत पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने यातना के आरोप लगाए। अगली सुनवाई तीन दिन बाद होगी।
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प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार छह छात्रों को पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस का कहना है कि इन छात्रों में से कुछ का संबंध एक प्रतिबंधित रेडिकल स्टूडेंट यूनियन से है। यह कार्रवाई 23 नवंबर को हुए प्रदर्शन के बाद की गई, जब कुल 23 छात्रों को जिनमें 11 छात्राएं शामिल थीं। उन्हें विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महला ने बताया कि कुछ छात्र सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित संगठन के सपोर्ट में पोस्ट डालते और गाने गाते दिखाई दिए। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे भी इस्तेमाल किया गया, जिससे 10 पुलिसकर्मी घायल हुए।
पुलिस ने कोर्ट से सात दिन की कस्टडी मांगी थी ताकि यह जांचा जा सके कि प्रदर्शन के पीछे कोई साजिश तो नहीं, लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की ही कस्टडी मंजूर की। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रदर्शन में मारे गए माओवादी नेता माडवी हिडमा के पोस्टर भी दिखाए गए और कुछ छात्र इससे पहले भी नौ नवंबर को मान सिंह रोड ब्लॉक करने में शामिल थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में जमा किए हैं।
दूसरी ओर, बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि छात्रों को हिरासत के दौरान यातना दी गई। उन्होंने कहा कि ये सभी छात्र बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे और अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे। छात्रों के खिलाफ बीएनएस की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिनमें महिला की इज्जत को ठेस पहुंचाने, चोट पहुंचाने, पुलिसकर्मी के काम में बाधा डालने और कानूनी आदेश का उल्लंघन करने जैसी धाराएं शामिल हैं। इस मामले की अगली सुनवाई तीन दिन बाद होगी।
चार आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड
पटियाला हाउस कोर्ट ने इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले और सरकार के खिलाफ साजिश करने के आरोप में चार आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। इन छात्रों पर विभिन्न गंभीर आरोप हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाना और सरकारी आदेशों का उल्लंघन करना शामिल है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान, न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा ने मामले से जुड़े 13 अन्य प्रदर्शनकारियों को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इन आरोपियों में 11 महिलाएं भी शामिल थीं। सभी 17 आरोपियों के खिलाफ किसी सरकारी कर्मचारी को रोकने, हमले करने और सरकार के खिलाफ साजिश जैसे गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने मामले की आगे की जांच के लिए पांच आरोपियों की 7 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की थी, जबकि बाकी 12 को न्यायिक हिरासत में भेजने की अपील की थी। यह मामला 23 नवंबर को कर्तव्य पथ और पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशनों में दर्ज दो एफआईआर से जुड़ा हुआ है, जिनमें कुल 23 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए छात्रों को 24 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उनकी कस्टडी को लेकर निर्णय लिया गया।