सफलता के ऑनलाइन डिजिटल स्किल कोर्सेज से युवाओं को मिलेगा आगे बढ़ने का मौका : डॉ. जीएस तितियाल
- बच्चों में कार्य क्षमता निखारना और उनकी प्रतिभा से मुलाकात कराना हमारा मकसद : हिमांशु गौतम, CEO, Safalta.com
- युवा डिजिटल स्किल कार्यक्रमों में इनरोल होकर 12 हफ्तों में बदल सकते हैं अपना भविष्य : त्रिभुवन बिष्ट, Uttarakhand State Partner SAFALTA
- विदेश से एमबीबीएस करने के इच्छुक युवा ले सकते हैं टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिला

विस्तार
आज युवाओं को नॉन-व्यावसायिक फील्ड में रुचि रखने की जरूरत है, उन्हें इन क्षेत्रों में नौकरियों की जानकारी नहीं हो पाती है। लेकिन SAFALTA के ऑनलाइन डिजिटल स्किल कोर्सेज और ऑन जॉब ट्रेनिंग से युवाओं को आगे जाने का मौका मिलेगा। यह बात अमर उजाला समूह के एडटेक ब्रांड सफलता के उत्तराखंड सेंटर के उद्घाटन अवसर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीएस तितियाल ने कही। हल्द्वानी के गिरिजा विहार(कमलुवागांजा) में सफलता स्टेट पार्टनर केदार्क स्किलिफाई सेंटर पर उन्होंने कहा कि भारत में एमबीबीएस की सीटें काफी कम हैं। उत्तराखंड में ही कई ऐसे छात्र हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और विदेश जाकर एमबीबीएस करना चाहते हैं लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। सफलता के स्टडी एब्रॉड प्रोग्राम से उन्हें विदेश की टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने में मदद मिलेगी।

इस मौके पर सफलता के सीईओ व को-फाउंडर हिमांशु गौतम ने कहा कि हमारा मकसद बच्चों को उनकी प्रतिभा से मुलाकात कराना है और उनकी कार्य क्षमता को निखारना है। उन्होंने झांसी की बीए पास कविता जायसवाल का उदाहरण दिया जिन्होंने सफलता के 3 माह के एडवांस डिजिटल मार्केटिंग प्रोग्राम के जरिये गुड़गांव में 35 हजार रुपये की जॉब हासिल की। गौतम ने कहा कि देश के कई घरों की कुल आय 25 से 40 हजार रुपये महीना रहती है। यहां बच्चों को पता नहीं होता कि ग्रेजुएशन के बाद क्या करना है सफलता ऐसे बच्चों में उनकी क्षमता खोज कर उन्हें एक बेहतर जॉब दिलाने का काम कर रही है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वाइस प्रेसीडेंट चैनल बिजनेस सफलता अमित शर्मा ने कहा कि छोटे शहरों, गांवों के बच्चों को बड़े शहरों में जाकर कंपनियों में नौकरी के इंटरव्यू देने में झिझक महसूस होती है। उनका रिज्यूम तैयार नहीं होता, उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। SAFALTA ने ऐसे बच्चों पर काम किया और अब तक 2200 से अधिक बच्चों को ट्रेंड करके एक बेहतर पैकेज की जॉब तक पहुंचाया है। सफलता लगातार देश के अलग अलग राज्यों में अपने सेंटर खोल रहा है बीते महीनों में 16 सेंटर शुरू हो चुके हैं। इस साल के अंत तक हम 150 सेंटर तक पहुंचना चाहते हैं। ऐसे युवा जो नीट क्वालीफाई हो चुके हैं और भारत में उन्हें एमबीबीएस सीट नहीं मिली वह सफलता के जरिये विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
इस अवसर पर सफलता के उत्तराखंड स्टेट पार्टनर व केदार्क स्किलिफाई इंस्टीट्यूट के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट ने कहा डिजिटल स्किल हासिल करने के इच्छुक युवा यहां से डिजिटल मार्केटिंग और ग्राफिक डिजाइन प्रोग्राम में इनरोल कर सिर्फ 12 हफ्तों में स्किल्ड होकर अपना भविष्य बदल सकते हैं। सफलता की प्लेसमेंट पार्टनर 250 से अधिक कंपनियों में स्किल्ड युवाओं को हाथो हाथ लिया जाता है। कार्यक्रम में बीबी नैलवाल, हेम पंत, डॉ. दिवा भट्ट ने भी सफलता स्टेट सेंटर खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन स्वाति ने किया। इस अवसर पर प्रो. प्रभा पंत, डॉ. नरेंद्र सिजवाली, डॉ. बीएस कलाकोटी, तनूजा जोशी, पवन पहाड़ी, हिमांशु पाठक रिस्की, दयाल पांडेय, नरेंद्र बंगारी, भास्कर उप्रेती, राहुल पंत, सरोज आनंद जोशी, किशोर गह्तोड़ी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।