NEET UG: '90 लाख रुपये दो नीट में नंबर बढ़वा देंगे'; सीबीआई ने दो बिचौलियों को किया गिरफ्तार
NEET UG: सीबीआई ने नीट यूजी 2025 के अभ्यर्थियों को धोखा देने के आरोप में महाराष्ट्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अंकों में हेरफेर के लिए इन्होंने प्रति अभ्यर्थी 90 लाख रुपये वसूले थे।

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NEET UG: सीबीआई ने नीट यूजी 2025 अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को धोखा देने के आरोप में महाराष्ट्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई फरार तीसरे संदिग्ध की तलाश कर रही है, जिसे घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इन लोगों ने दावा किया था कि वे अंकों में हेरफेर कर सकते हैं और इसके लिए उन्होंने प्रति अभ्यर्थी 90 लाख रुपये वसूले थे।

सोलापुर और नवी मुंबई के रहने वाले संदीप शाह और सलीम पटेल ने कथित तौर पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के गैर-मौजूद अधिकारियों तक पहुंच रखने वाले बिचौलिए बनकर अभ्यर्थियों को धोखा दिया।
87.5 लाख रुपये की मांग
पुलिस ने बताया कि उन्होंने कथित तौर पर प्रति अभ्यर्थी 90 लाख रुपये तक की मांग की, बाद में मेरिट में रैंक सुनिश्चित करने के लिए बातचीत के दौरान राशि घटाकर 87.5 लाख रुपये कर दी।
संदीप शाह ने कथित तौर पर मुंबई के परेल इलाके में स्थित आलीशान आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल होटल में चिंतित अभिभावकों के साथ गुप्त बैठकें कीं। इन बैठकों के दौरान, उसने कथित तौर पर ग्राहकों को आश्वासन दिया कि उनके बच्चों के अंकों को बढ़ाया जा सकता है और संशोधित अंकों का खुलासा परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पूरे छह घंटे पहले किया जाएगा।
सीबीआई जांच से पता चला कि शाह पटेल के संपर्क में था, जो नवी मुंबई में एक प्रवेश परामर्श फर्म चलाता है और एक अन्य व्यक्ति जो पुणे में इसी तरह की कंसल्टेंसी चलाता है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "गिरफ्तार व्यक्तियों के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में संभावित उम्मीदवारों, उनके रोल नंबर, एडमिट कार्ड, ओएमआर शीट और हवाला नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय लेनदेन के साक्ष्य वाले आपत्तिजनक चैट का पता चला।"
दोनों को इस सप्ताह की शुरुआत में एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 16 जून तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
प्रवक्ता ने कहा, "जांच में मामले में आरोपी व्यक्तियों के साथ सरकारी अधिकारियों या एनटीए कर्मियों की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है। आरोपियों ने एनटीए अधिकारियों के साथ संबंधों का झूठा दावा करके माता-पिता को गुमराह किया।"
अधिकारियों का मानना है कि आरोपियों ने अपनी विस्तृत योजना को विश्वसनीय बनाने के लिए परीक्षा अधिकारियों के साथ संबंधों का झूठा दावा करके माता-पिता को गुमराह किया।