CBSE: बोर्ड का सख्त कदम; जिस स्कूल की बिल्डिंग से कूदकर चौथी की छात्रा ने की थी आत्महत्या उसकी मान्यता रद्द
CBSE: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा चार की छात्रा की आत्महत्या के मामले में सीबीएसई ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। जांच में बुलिंग, काउंसलिंग की कमी और बाल सुरक्षा नियमों के गंभीर उल्लंघन सामने आए।
विस्तार
CBSE: शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी देते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने जयपुर स्थित नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता वापस ले ली है। यह कार्रवाई उस दर्दनाक घटना के करीब दो महीने बाद की गई है, जिसमें स्कूल परिसर में कक्षा 4 की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी।
सीबीएसई ने कहा है कि जांच में बाल सुरक्षा और अनिवार्य सेफ्टी नियमों के गंभीर उल्लंघन सामने आए हैं, जो सीधे तौर पर संस्थागत लापरवाही की ओर इशारा करते हैं।
1 नवंबर की घटना
यह घटना 1 नवंबर को हुई थी, जब छात्रा ने कथित तौर पर स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इस घटना ने पूरे जयपुर में आक्रोश पैदा कर दिया था। इसके बाद अभिभावकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बाल अधिकार संगठनों ने स्कूल प्रशासन की जवाबदेही तय करने की मांग की थी।
जांच में बुलिंग और संस्थागत उपेक्षा के सबूत
घटना के बाद सीबीएसई ने एक विशेष जांच समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि छात्रा लंबे समय से बुलिंग का शिकार थी और स्कूल प्रशासन इस पर आंखें मूंदे हुए था।
जांच में यह भी पाया गया कि बच्ची के माता-पिता ने जुलाई 2024 से ही बुलिंग की शिकायतें स्कूल को दी थीं, लेकिन इन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “स्कूल ने एफिलिएशन बायलॉज के अनिवार्य प्रावधानों का घोर उल्लंघन किया है।”
घटना वाले दिन क्या हुआ
जांच रिपोर्ट के अनुसार, घटना के दिन छात्रा सामान्य और खुश नजर आ रही थी। हालांकि सुबह 11 बजे के बाद उसका व्यवहार अचानक बदल गया। बताया गया कि कुछ सहपाठियों ने डिजिटल स्लेट पर आपत्तिजनक सामग्री दिखाकर उसे शर्मिंदा किया।
सबसे गंभीर तथ्य यह रहा कि अंतिम 45 मिनट में छात्रा ने पांच बार अपनी क्लास टीचर से मदद मांगी, लेकिन कोई प्रभावी हस्तक्षेप नहीं किया गया।
इसके अलावा, सितंबर 2025 की पैरेंट-टीचर मीटिंग में छात्रा के पिता ने खुद एक बुलिंग की घटना देखी थी और इसे टीचर के सामने उठाया था। समिति के अनुसार, टीचर ने यह कहकर मामला टाल दिया कि बच्ची को एडजस्ट करना चाहिए।
बोर्ड का आधिकारिक नोटिस...
बोर्ड के छात्रों के हित का रखा ख्याल, उसी स्कूल से दे सकेंगे इस बार की बोर्ड परीक्षा
सीबीएसई ने स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। साथ ही वर्तमान छात्रों के हित में कुछ अस्थायी व्यवस्थाएं की गई हैं।
- कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र 2025-26 सत्र में उसी स्कूल से बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे।
- कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों को 2026-27 सत्र में नजदीकी सीबीएसई स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा।
- स्कूल को नए एडमिशन लेने और कक्षा 9वीं व 11वीं में प्रमोशन की अनुमति नहीं होगी।
सीबीएसई ने साफ कहा कि छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भविष्य में मान्यता बहाली की शर्तें
बोर्ड के अनुसार, स्कूल 2027-28 सत्र से पहले सेकेंडरी स्तर की मान्यता के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा। इसके लिए एक पूरा शैक्षणिक वर्ष बाल सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होगा।
सीनियर सेकेंडरी स्तर की मान्यता के लिए कम से कम दो अतिरिक्त वर्षों का संतोषजनक रिकॉर्ड जरूरी होगा। इससे पहले स्कूल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम के पूरी तरह फेल होने की बात कही गई थी।