CCPA: आईएएस की तैयारी कराने वाले नामी कोचिंग संस्थान पर 11 लाख का जुर्माना, अब तक 57 नोटिस हो चुके हैं जारी
CCPA: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों को लेकर भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर सीसीपीए ने यूपीएससी सीएसई की कोचिंग कराने वाले एक नामी संस्थान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने पाया कि संस्थान ने चयनित उम्मीदवारों के कोर्स से जुड़ी अहम जानकारी छिपाकर गलत दावा किया।
विस्तार
CCPA: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों को लेकर भ्रामक विज्ञापन जारी करने के मामले में एक नामी कोचिंग संस्थान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन को लेकर की गई है।
सीसीपीए के अनुसार, संस्थान ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 और 2023 के परिणामों को लेकर ऐसे दावे किए, जो तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते थे। संस्थान ने "सिविल सेवा परीक्षा 2023 में टॉप 10 में 7 और टॉप 100 में 79 चयन" तथा "सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप 50 में 39 चयन" जैसे दावे प्रचारित किए थे, जिनमें चयनित उम्मीदवारों के नाम, फोटो और रैंक प्रमुखता से दिखाए गए थे।
कोर्स की जानकारी छिपाने का आरोप
जांच के दौरान सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने यूपीएससी सीएसई 2020 के अखिल भारतीय रैंक-1 शुबहम कुमार द्वारा चुने गए जीएस फाउंडेशन क्लासरूम कोर्स का तो स्पष्ट उल्लेख किया, लेकिन अन्य सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स की जानकारी जानबूझकर छिपाई गई। इससे यह गलत धारणा बनी कि सभी चयनित उम्मीदवार उसी जीएस फाउंडेशन क्लासरूम कोर्स से जुड़े थे।
सीसीपीए के मुताबिक, इस तरह की जानकारी छिपाने से छात्रों और अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया गया कि यूपीएससी में चयन का श्रेय पूरी तरह संस्थान के फाउंडेशन कोर्स को जाता है, जबकि वास्तविकता इससे अलग थी।
119 चयन का दावा, लेकिन हकीकत कुछ और
प्राधिकरण ने यह भी पाया कि संस्थान ने यूपीएससी सीएसई 2022 और 2023 में कुल 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था। हालांकि, इनमें से केवल तीन उम्मीदवार ही फाउंडेशन कोर्स से जुड़े थे। बाकी उम्मीदवारों ने प्रीलिम्स और मेंस के लिए टेस्ट सीरीज, अभ्यास (अभ्यास टेस्ट) और मॉक इंटरव्यू जैसे अन्य कार्यक्रमों का विकल्प चुना था।
सीसीपीए ने कहा कि इस तरह की अधूरी और चयनात्मक जानकारी ने उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को गुमराह किया और यह विश्वास दिलाया कि संस्थान यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों में उम्मीदवारों की सफलता के लिए जिम्मेदार है।
छात्रों की सहमति के बिना नाम और फोटो का इस्तेमाल
प्राधिकरण ने यह भी नोट किया कि संस्थान ने चयनित उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल उनकी स्पष्ट अनुमति या सहमति के बिना किया। वेबसाइट एक सार्वजनिक और वैश्विक मंच होने के कारण इस तरह के विज्ञापन लंबे समय तक उपलब्ध रहते हैं और नए अभ्यर्थियों को प्रभावित करते हैं।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
सीसीपीए ने बताया कि संस्थान के खिलाफ पहले भी भ्रामक विज्ञापन को लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके बावजूद संस्थान ने बाद के विज्ञापनों में भी इसी तरह के दावे जारी रखे, जिससे नियामकीय नियमों के प्रति लापरवाही सामने आई। इसी कारण इस मामले को दोबारा उल्लंघन मानते हुए अधिक जुर्माना लगाया गया।
अब तक 57 नोटिस, 28 संस्थानों पर जुर्माना
सीसीपीए के अनुसार, अब तक 57 कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 28 संस्थानों पर कुल 1.09 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है और ऐसे दावों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राधिकरण ने सभी कोचिंग संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे अपने विज्ञापनों में पूरी पारदर्शिता और सत्यता बनाए रखें, ताकि छात्र सही जानकारी के आधार पर शैक्षणिक फैसले ले सकें।