Delhi: मंत्री आशीष सूद ने 240 मेधावी विद्यार्थियों को बांटे टैबलेट, प्रेरणादायी दिव्यांगों को किया सम्मानित
Delhi: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गुड गवर्नेंस डे पर जनकपुरी में 240 मेधावी छात्र-छात्राओं को डिजिटल सशक्तिकरण के लिए टैबलेट प्रदान किए। यह पुरस्कार विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दिया गया।
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Delhi: जनकपुरी विधानसभा के 240 मेधावी छात्र-छात्राओं को डिजिटल सशक्तिकरण के लिए लेपटॉप वितरण कार्यक्रम के अवसर पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, “मंच पर उपस्थित अतिथि उन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें समाज प्रायः दिव्यांग कहता है, लेकिन अपनी अथक मेहनत, आत्मविश्वास और मेधा के बल पर उन्होंने जीवन की कठिनाइयों को पार कर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। ऐसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों से हमें सीख लेने की आवश्यकता है। इसी विचारधारा से प्रेरित होकर, आज के कार्यक्रम में उन व्यक्तियों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने चुनौतियों, दिव्यांगता और सीमाओं को पार करते हुए शिक्षा और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्टता हासिल की है।“
उन्होंने बताया, "कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. आयुषी डबास आईएएस हैं, जो पूर्व में शिक्षिका रह चुकी हैं और जिन्होंने दृष्टिबाधित श्रेणी में देश की सर्वोच्च रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। इसके अतिरिक्त, डॉ. आभा खेतरपाल जो 3 वर्ष की आयु में पोलियो से प्रभावित हुईं, ने तमाम चुनौतियों के बावजूद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की 80% से अधिक दिव्यांगता के साथ जीवन जीते हुए, वे Cross the Hurdles (2010) की संस्थापक हैं। वे दिव्यांग अधिकारों, रोजगार, समावेशी विकास और नीति विषयों पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शोधार्थी शौर्य सूद सेरेब्रल पाल्सी के साथ जीवन जीते हुए, उन्होंने शिक्षा संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर दिल्ली मेट्रो में पहुंच और अधिकारों के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।"
ऐसे लोगों को सामने लाना आवश्यक: सूद
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रेरणास्रोत व्यक्तियों से सम्मानित होना अपने आप में गौरव का विषय है उन्होंने यह भी कहा कि इन तीनों का जीवन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की उस कविता को साकार करता है, जिसमें उन्होंने कभी हार न मानने और निरंतर आगे बढ़ने का संदेश दिया था। सूद ने बताया "ऐसे लोगों को सामने लाना आवश्यक है, ताकि छात्र यह समझ सकें कि जीवन में आने वाली कठिनाइयां किसी की क्षमता तय नहीं करतीं।"
गुड गवर्नेंस डे के अवसर पर जनकपुरी क्षेत्र के 240 मेधावी छात्र-छात्राओं को डिजिटल सशक्तिकरण के उद्देश्य से टैबलेट प्रदान किए जा रहे हैं। यह पुरस्कार विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दिया जा रहा है।
सूद ने कहा "पढ़ाई के साथ यदि उपयोगी संसाधनों का सहयोग मिले, तो छात्रों की शैक्षणिक यात्रा अधिक सशक्त और स्थायी बनती है। डिजिटल लर्निंग से जुड़ने के लिए हम लोग हर वर्ष यह टैबलेट योजना लेकर आते है, जिससे विद्यार्थी ऑनलाइन लर्निंग, सेल्फ-लर्निंग टूल्स और डिजिटल शैक्षणिक सामग्री का बेहतर उपयोग कर सकें।"
उन्होंने कहा कि "किसी कारणवश स्कूल बंद होने की स्थिति में भी विद्यार्थी इन टैबलेट्स के माध्यम से घर बैठे अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं, जिससे उनकी शिक्षा बाधित न हो।"
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मनाया जाता है गुड गवर्नेंस डे
सूद ने कहा “भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को देश गुड गवर्नेंस डे के रूप में मनाता है, क्योंकि उनके नेतृत्व में देश को भ्रष्टाचार-मुक्त और सुशासन आधारित सरकार मिली। आज देशभर में दिखाई देने वाला आधुनिक राष्ट्रीय राजमार्गों और सुदृढ़ सड़क नेटवर्क का स्वरूप अटल जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।"
उन्होंने बताया "अटल ने वर्षों पहले ही एक विकसित भारत का सपना देखा था। दिल्ली मेट्रो की परिकल्पना भी उन्हीं की देन है, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना जी के साथ मिलकर आगे बढ़ाया गया। यदि उस समय यह निर्णय न लिया गया होता, तो आज दिल्ली में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की स्थिति की कल्पना ही की जा सकती है।"
सूद ने यह भी बताया, "आज केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में मेट्रो के पांचवें चरण पर काम चालू करने के विषय में भी बताया। इसमें दिल्ली सरकार का भी पैसा लगाया जाएगा।"
सूद ने आगे कहा "अटल जी आधुनिक भारत के शिल्पकार थे। पोखरण परमाणु परीक्षण के माध्यम से उन्होंने विश्व को यह संदेश दिया कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है, जो अपनी क्षमताओं का उपयोग केवल शांति और वैज्ञानिक प्रगति के लिए करेगा। विज्ञान और तकनीक के माध्यम से देश को आगे बढ़ाने का उनका दृष्टिकोण ही उनके जन्मदिवस को गुड गवर्नेंस डे के रूप में मनाने का आधार है।"