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UPSC: पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद ने ली यूपीएससी सदस्य के रूप में शपथ; 37 वर्षों से अधिक का है अनुभव
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: आकाश कुमार
Updated Fri, 02 May 2025 06:53 PM IST
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सार
Anuradha Prasad: अनुराधा प्रसाद ने शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में शपथ ली। प्रसाद को सार्वजनिक नीति, सार्वजनिक वित्त और सहकारी संघवाद में व्यापक अनुभव है।

पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद ने ली यूपीएससी सदस्य के रूप में शपथ
- फोटो : एएनआई

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विस्तार
UPSC: पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद ने शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्य के रूप में शपथ ली। प्रसाद गृह मंत्रालय के तहत अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के पूर्व सचिव हैं। आयोग के सबसे वरिष्ठ सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
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प्रसाद भारतीय रक्षा लेखा सेवा (IDAS) के 1986 बैच से हैं। अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव के रूप में, उन्होंने केंद्र-राज्य और अंतर-राज्य संबंधों को संभाला और कई जटिल और संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बनाई, जिसके परिणामस्वरूप प्रमुख नीतिगत बदलाव हुए और बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं में तेजी आई।
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दिल्ली सरकार के पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य के रूप में कर चुकी हैं काम
बयान में कहा गया है कि सेवानिवृत्ति के बाद, प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य के रूप में कार्य किया।
यूपीएससी सदस्य को छह साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए नियुक्त किया जाता है। यूपीएससी का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
यूपीएससी सदस्य को छह साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए नियुक्त किया जाता है। यूपीएससी का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
37 वर्षों से अधिक का अनुभव
प्रसाद की नियुक्ति के साथ, दो और सदस्यों के पद रिक्त रह गए हैं। वर्तमान में, यूपीएससी मंगलवार को प्रीति सूदन द्वारा कार्यकाल पूरा करने के बाद अध्यक्ष के बिना काम कर रहा है। नव-शपथ ग्रहण करने वाली सदस्या प्रसाद को सार्वजनिक नीति, सार्वजनिक वित्त और सहकारी संघवाद में व्यापक अनुभव है।
37 वर्षों से अधिक के करियर में उन्होंने रक्षा, वित्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, श्रम और रोजगार और गृह मंत्रालयों में काम किया है, नीति और कार्यक्रम निर्माण और कार्यान्वयन में गहन अनुभव प्राप्त किया है।
रक्षा मंत्रालय के अधिग्रहण विंग में वित्त प्रबंधक के रूप में, प्रसाद ने बड़े प्लेटफार्मों के अधिग्रहण को संभाला। वित्त मंत्रालय में, उन्होंने रक्षा सेवाओं और आयुध निर्माणी बोर्ड के लिए वित्त और लेखा को संभाला। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान प्रसाद ने कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं और उद्योग-संचालित अनुसंधान और विकास के माध्यम से खाद्य उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्हें भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) के बोर्ड के सदस्य के रूप में विनियामक अनुभव भी है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में, प्रसाद ने श्रम संहिताओं के प्रारूपण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल के विकास में योगदान दिया।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के महानिदेशक के रूप में, उन्होंने COVID महामारी के दौरान श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विभिन्न पहलों का नेतृत्व किया।
37 वर्षों से अधिक के करियर में उन्होंने रक्षा, वित्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, श्रम और रोजगार और गृह मंत्रालयों में काम किया है, नीति और कार्यक्रम निर्माण और कार्यान्वयन में गहन अनुभव प्राप्त किया है।
रक्षा मंत्रालय के अधिग्रहण विंग में वित्त प्रबंधक के रूप में, प्रसाद ने बड़े प्लेटफार्मों के अधिग्रहण को संभाला। वित्त मंत्रालय में, उन्होंने रक्षा सेवाओं और आयुध निर्माणी बोर्ड के लिए वित्त और लेखा को संभाला। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान प्रसाद ने कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं और उद्योग-संचालित अनुसंधान और विकास के माध्यम से खाद्य उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्हें भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) के बोर्ड के सदस्य के रूप में विनियामक अनुभव भी है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में, प्रसाद ने श्रम संहिताओं के प्रारूपण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल के विकास में योगदान दिया।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के महानिदेशक के रूप में, उन्होंने COVID महामारी के दौरान श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विभिन्न पहलों का नेतृत्व किया।
प्रसाद की पढ़ाई-लिखाई के बारे में
प्रसाद ने लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर ऑफ आर्ट्स प्राप्त किया। उनके पास ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से विकास प्रशासन में मास्टर डिग्री भी है।