Govt School: सरकारी स्कूलों में 13 से 31 मई तक चलेंगी उपचारात्मक कक्षाएं, छात्र सीखेंगे विषयों की बारीकियां
Summer Vacation: ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं, 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 13 से 31 मई तक उपचारात्मक कक्षाएं चलाई जाएंगी। इन कक्षाओं में छात्र विषयों की बारीकियों को गहराई से समझेंगे।


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Summer Vacation: राजधानी के सरकारी स्कूलों में 11 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होगा, जो 30 जून तक चलेगा। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों को 13 से 31 मई तक उपचारात्मक कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान अलग-अलग विषयों की बारीकियों पर ध्यान दिलाया जाएगा।
इसमें नौवीं, दसवीं और बारहवीं के छात्रों शामिल होंगे। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने परिपत्र जारी किया है। परिपत्र में कहा गया है इन कक्षाओं का उद्देश्य छात्रों की मुख्य अवधारणाओं को मजबूत करना, उनके सीखने के कौशल को बढ़ाना है।
कक्षाएं सुबह 7:30 से 10:30 बजे के बीच चलेंगी। डबल शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों में अलग-अलग विंग में कक्षाएं चलेंगी। इस दौरान कक्षाओं के दौरान छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म में आना अनिवार्य होगा। उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। छात्रों के कक्षाओं में हिस्सा लेने के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी है।
निदेशालय ने शिक्षकों से छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान देने को कहां है। स्पष्ट किया है कि यदि नियमित शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, तो उपचारात्मक कक्षाओं के लिए अतिथि और अनुबंध शिक्षकों को लगाया जा सकत्ता है। वहीं, जिला और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को प्रतिदिन कम से कम दो स्कूलों का दौरा करने का निर्देश दिया है।
100 सरकारी स्कूलों में स्थापित होंगी कंप्यूटर लैब
सरकारी स्कूलों के छात्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ाने और उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कंप्यूटर लैब स्थापित होंगी। शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए लाडली फाउंडेशन ट्रस्ट के साथ करार किया है। पाउंडेशन 100 स्कूलों में लैब बनाएगा। एक लैब में करीब 20 कंप्यूटर होंगे। इससे छात्रों को सीयूईटी मॉक टेस्ट देने की सुविधा भी मिलेगी।
शिक्षा निदेशालय के अनुसार लैब 300-400 स्कैवयर फुट क्षेत्र में बनेगी। इसके लिए एक टीचर की नियुक्त होगा। कंप्यूटर लैब में स्किल ट्रेनिंग, जीवन कौशल वर्कशॉप, मॉक टेस्ट का लाभ मिलेगा।
सभी स्कूल प्रमुखों से गतिविधियों के मूल्यांकन के लिए लगातार मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है। ताकि मूल्यांकन किया जा सके। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि लैब में पंखे, फर्नीचर, बिजली आदि आवश्यक सभी चीजें होनी चाहिए। इसके लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (SMC) फंड का प्रयोग किया जा सकता है।