NEET UG: सीबीटी मोड पर शिफ्ट हो सकती है नीट यूजी परीक्षा, शिक्षा मंत्रालय कर रहा डेटा एनालिसिस
NEET UG: शिक्षा मंत्रालय नीट यूजी को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में कराने की संभावना पर डेटा विश्लेषण कर रहा है। 2025 में 22 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी। पेपर लीक विवाद के बाद सुधारों की मांग तेज हुई और अब इस पर गंभीर विचार हो रहा है।
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NEET UG Online Exam: शिक्षा मंत्रालय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी को कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में कराने की संभावना पर डेटा एनालिसिस कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार इस पर शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच कई बार विचार-विमर्श हो चुका है, लेकिन योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि समझा जा सके कि सीबीटी मोड में परीक्षा कराने से कहीं किसी वर्ग के विद्यार्थियों को नुकसान तो नहीं होगा। साथ ही मौजूदा ढांचे और अब तक अन्य बड़ी परीक्षाओं को सीबीटी मोड में कराने के अनुभव का भी आकलन हो रहा है। विश्लेषण पूरा होने के बाद इसे स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा।"
नीट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल करती है। इस परीक्षा से देशभर के मेडिकल कॉलेजों में MBBS में दाखिला मिलता है। MBBS की कुल 1,08,000 सीटों में से लगभग 56,000 सीटें सरकारी कॉलेजों में और करीब 52,000 सीटें निजी कॉलेजों में हैं। इसके अलावा डेंटिस्ट्री, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश नीट के परिणाम के आधार पर होता है।
नया नहीं है नीट परीक्षा को सीबीटी में बदलने का विचार
नीट को सीबीटी मोड में बदलने का विचार नया नहीं है। इस पर पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है। हालांकि, पिछले साल पेपर लीक विवाद के बाद परीक्षा सुधारों की मांग और तेज हुई।
नीट और पीएचडी प्रवेश परीक्षा यूजीसी नेट में गड़बड़ियों के आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में एक पैनल बनाया था, ताकि एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाएं पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष तरीके से हो सकें।
पूर्व इसरो प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाले उच्चस्तरीय पैनल ने सुझाव दिया था कि नीट-यूजी को बहु-चरणीय परीक्षा (multi-stage testing) के रूप में आयोजित करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
पिछले साल नीट पर कई अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोप लगे, वहीं यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करनी पड़ी, क्योंकि मंत्रालय को जानकारी मिली थी कि परीक्षा की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। फिलहाल दोनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है।