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NEET UG 2025 Re-Test: नीट यूजी काउंसलिंग पर रोक, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; मिलेगा री-एग्जाम का मौका

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: शिवम गर्ग Updated Tue, 01 Jul 2025 09:10 AM IST
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सार

NEET Counselling Postponed: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नीट यूजी 2025 में बिजली कटौती से प्रभावित इंदौर व उज्जैन के छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश दिया है। एमसीसी काउंसलिंग अब परिणाम के बाद ही शुरू होगी।
 

NEET UG 2025 Re-Test: MP High Court Halts Counselling, Orders Re-Exam for Indore and Ujjain Students
NEET UG 2025 Re-Test - फोटो : अमर उजाला, ग्राफिक
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विस्तार
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NEET UG 2025 Re-Test: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर बेंच ने नीट यूजी 2025 की परीक्षा में बिजली कटौती से प्रभावित इंदौर और उज्जैन के उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने माना कि छात्रों की कोई गलती नहीं थी और उन्हें अंधेरे में परीक्षा देने को मजबूर किया गया, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।

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हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि NTA जल्द से जल्द नीट यूजी 2025 की दोबारा परीक्षा कराए और उसी के आधार पर छात्रों की रैंक तय की जाए। साथ ही कहा गया कि जो छात्र 3 जून 2025 के बाद याचिका दायर कर रहे हैं, वे री-एग्जाम के पात्र नहीं होंगे।

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काउंसलिंग टली, अब री-एग्जाम के नतीजों के बाद होगी शुरू

कोर्ट ने कहा है कि एमसीसी द्वारा शुरू की जाने वाली नीट यूजी 2025 काउंसलिंग अब दोबारा परीक्षा के परिणामों पर निर्भर करेगी। पहले यह काउंसलिंग 1 जुलाई 2025 से शुरू होनी थी। लेकिन कोर्ट के आदेश के चलते काउंसलिंग की प्रक्रिया टाल दी गई है। इससे 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों पर असर पड़ेगा।

बिजली कटौती से बिगड़ा NEET UG का पेपर

छात्रों ने आरोप लगाया कि 4 मई 2025 को हुई परीक्षा में कई केंद्रों पर बिजली चली गई थी, जिससे उन्हें अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। कई केंद्रों पर जनरेटर भी काम नहीं कर रहे थे। शिकायतों में बताया गया कि ना तो अतिरिक्त समय दिया गया और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।


इंदौर के ILVA स्कूल, श्री वैष्णव एकेडमी और माधव कॉलेज जैसे केंद्रों के छात्र इस परेशानी से प्रभावित हुए। लगभग 200 छात्रों ने याचिका दायर की थी।

NTA ने दी सफाई, कोर्ट ने मानी छात्रों की बात

एनटीए की ओर से अदालत में बताया गया कि कई केंद्रों पर इन्वर्टर, मोमबत्तियां और टॉर्च जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित केंद्रों के कई छात्रों ने 600 से ज्यादा अंक भी प्राप्त किए हैं। हालांकि, कोर्ट ने माना कि कुछ छात्रों को बिना किसी गलती के नुकसान हुआ और ऐसे छात्रों के लिए री-एग्जाम कराना जरूरी है।

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