NEP: एनईपी पर संसदीय समिति ने पेश की रिपोर्ट; कहा- राज्यों का भरोसा जरूरी, मंत्रालय को बनाना होगा समन्वय तंत्र
NEP: संसदीय समिति ने कहा कि एनईपी को सफल बनाने के लिए राज्यों का भरोसा जरूरी है। मंत्रालय से राज्यों की चिंताओं के समाधान हेतु समन्वय तंत्र बनाने और उच्च शिक्षा में प्रगति ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ट्रैकर विकसित करने की सिफारिश की।
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NEP: संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति ने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के विज़न को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों का पूरा भरोसा हासिल करना बेहद जरूरी है। समिति ने शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह राज्यों के साथ समन्वय के लिए एक ठोस तंत्र विकसित करे, ताकि वे किसी भी मुद्दे या आपत्ति को साझा कर सकें।
यह समिति कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में काम कर रही है। अपनी रिपोर्ट में समिति ने बताया कि वर्तमान में एनईपी के क्रियान्वयन पर प्रतिक्रिया जुटाने के लिए कोई संगठित संस्थागत व्यवस्था मौजूद नहीं है।
विश्वविद्यालय स्तर पर ट्रैकर बनाने की सिफारिश
समिति ने सुझाव दिया है कि उच्च शिक्षा में एनईपी के क्रियान्वयन की प्रगति पर नजर रखने के लिए एक केंद्रीकृत, राष्ट्रव्यापी ट्रैकर विकसित किया जाए।
राज्यों की आपत्तियों पर स्पष्ट योजना नहीं
समिति ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि वह उन राज्यों के साथ कैसे काम कर रहा है, जिन्होंने उच्च शिक्षा में एनईपी के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई है। इसलिए मंत्रालय को ऐसा समन्वय तंत्र बनाना चाहिए, जिससे राज्यों की चिंताओं का समाधान हो सके।
फीडबैक चैनल की कमी पर आपत्ति
समिति ने इस बात पर चिंता जताई कि विश्वविद्यालयों से फीडबैक लेने के लिए कोई स्पष्ट चैनल तय नहीं है। वर्तमान में यह पूरी तरह विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है, जो एनईपी जैसे महत्वपूर्ण विषय के लिए उचित नहीं है। समिति ने सभी हितधारकों से औपचारिक फीडबैक लेने और नीति में सुधार के सुझाव जुटाने के लिए एक व्यवस्थित तंत्र बनाने की जरूरत पर जोर दिया।